कुलदीप बिश्नोई की बहन-जीजा के अरेस्ट वारंट:गुरुग्राम में मृत लोगों के प्लॉट बेचने पर गिरफ्तारी के आदेश, आरोपियों में भांजी का भी नाम
हरियाणा के गुरुग्राम की एक कोर्ट ने भाजपा के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई की बहन रोशनी, जीजा अनूप और भांजी सुरभि के अरेस्ट वारंट जारी किए हैं। प्लॉट मालिक के बेटे धर्मवीर ने सेक्टर 14 पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
कोर्ट के आदेश पर ही पुलिस ने FIR दर्ज की थी। अनूप और रोशनी पर 2 अलग-अलग FIR दर्ज हैं। आरोप है कि तीनों ने 2 मरे हुए लोगों के प्लॉट बेचकर 4 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है।
जांच अधिकारी ASI पवन कुमार ने बताया कि आरोपियों के आवास पर 17 बार दबिश दी गई, लेकिन वे एक बार भी पुलिस के सामने नहीं आए। आरोपी गिरफ्तारी से बच रहे हैं। इस पर कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को सख्त आदेश दिए हैं कि आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाए।

पंजाब में फाजिल्का जिले के सितो गुन्नो गांव के रहने वाले धर्मवीर ने गुरुग्राम पुलिस को शिकायत देकर बताया कि उसके पिता सुनील और चाचा संदीप कुमार के प्लॉट सेक्टर 23 और सेक्टर 23ए में थे। उसके चाचा संदीप की मौत 1 जुलाई 2004 को हो गई थी। 12 जनवरी 1996 को हुडा विभाग द्वारा उसके चाचा को प्लॉट नंबर 4772, सेक्टर 23/23ए आवंटित किया गया था, जिसका अलॉटमेंट लेटर नंबर 4839, 12 अप्रैल 1996 को जारी किया गया था।
धर्मवीर का आरोप है कि उसके चाचा के साढ़ू के.एल. बिश्नोई का उनके घर आना-जाना था, जिन्हें पता था कि संदीप के नाम पर एक प्लॉट है। विकास बिश्नोई ने हुडा विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर संदीप की जगह किसी और व्यक्ति को पेश किया और 28 अप्रैल 2016 को पजेशन सर्टिफिकेट हासिल कर लिया। इसके बाद, 19 फरवरी 2016 को प्लॉट की एनओसी जारी करने के लिए संदीप कुमार के फर्जी साइन किए गए।
शिकायत के मुताबिक, 26 फरवरी 2016 को इन लोगों ने संदीप कुमार का नोटरीकृत हलफनामा पेश किया। 31 अक्टूबर 2017 को कन्वेंस डीड हो गई। इस पूरे फर्जीवाड़े के तहत, यह प्लॉट रीअलॉटमेंट लेटर के जरिए नीलम सिक्का, अशोक कुमार और राज कुमार सिक्का को ट्रांसफर कर दिया गया।
आरोप है कि 31 अक्टूबर 2017 को की गई कन्वेंस डीड में इस्तेमाल किए गए पैन कार्ड पर लगी फोटो अनूप बिश्नोई के ड्राइवर चंद्रभान की है, जबकि ड्राइविंग लाइसेंस में लगी फोटो अनूप बिश्नोई के गार्ड करणा राम की है। हालांकि, ये पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस मृतक संदीप कुमार के नाम पर हैं, लेकिन उन पर लगी तस्वीरें अलग-अलग व्यक्तियों की हैं। आरोप है कि के.एल. बिश्नोई और विकास बिश्नोई ने संदीप कुमार के फर्जी हस्ताक्षर किए हैं।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि तहसीलदार नौरंग कुमार ने जानबूझकर इन दस्तावेजों में लगी फोटो और हस्ताक्षरों का मिलान किए बिना ही कन्वेंस डीड रजिस्टर कर दी। इस डीड पर सुदेश कुमार, नरेंद्र कुमार और विकास बिश्नोई गवाह के तौर पर पेश हुए हैं। तस्वीरों में करणा राम नकली संदीप कुमार बना हुआ है, जबकि एक अन्य तस्वीर विकास बिश्नोई और सूरज भान की है।

शिकायतकर्ता धर्मवीर के एडवोकेट प्रवीण दहिया ने बताया कि सुनील का बेटा धर्मवीर कुलदीप बिश्नोई के जीजा अनूप बिश्नोई का चचेरा भाई है। धर्मवीर पंजाब में फाजिल्का जिले के सितो गुन्नो गांव का रहने वाला है। धर्मवीर के पिता सुनील का एक प्लॉट गुरुग्राम के पालम विहार में था।
एडवोकेट प्रवीण दहिया ने आगे बताया कि साल 2016-2017 में ये प्लॉट धोखाधड़ी से बेचे गए थे। इसमें से एक प्लॉट की कीमत 2 करोड़ 42 लाख और दूसरे की एक करोड़ 59 लाख रुपए थी। इस प्लॉट का सौदा विकास के पिता ने कराया थ। वह उस समय हरियाणा में डिस्ट्रिक्ट रेवेन्यू ऑफिसर (DRO) थे। प्लॉट को फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार कर बेचा गया था। प्लॉट की रकम रोशनी बिश्नोई के बैंक अकाउंट में आई थी। पुलिस ने जांच करते हुए विकास को गिरफ्तार कर लिया था।
एडवोकेट दहिया ने बताया कि फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से सौदेबाजी करने के बाद, गरीब लोगों के नाम का इस्तेमाल किया गया और उन्हें गिरफ्तार करवा दिया गया, जबकि असली अपराधी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मामला सीधे तौर पर हरियाणा के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से जुड़ा होने के कारण कार्रवाई नहीं की जा रही है।
प्रवीण दहिया ने बताया कि अनूप बिश्नोई बड़े बिजनेसमैन हैं। इसके लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक वह बिस्को लिमिटेड और ग्लोसब स्प्रिट कंपनी के प्रोमोटर हैं। बिस्को हिसार में साल 1983 में रजिस्टर्ड हुई थी। अनूप की कंपनी से रोशनी बिश्नोई को एक ईमेल भेजा गया था, जिसमें उन सभी फर्जी लोगों के डॉक्यूमेंट्स थे। बाद में हमें पता चला कि रोशनी बिश्नोई ने वही डॉक्यूमेंट सौदा कराने वाले विकास बिश्नोई को सौंपे थे।




