कैथल में किसानों की खड़ी फसल और फाने जलकर राख, लाखों का नुकसान ?

कैथल में तेज अंधड़ और आग की तबाही: किसानों की खड़ी फसल और फाने जलकर राख, लाखों का नुकसान
The Airnews | Haryana
प्राकृतिक आपदा बनी किसानों की दुश्मन
हरियाणा के कैथल जिले में शुक्रवार रात को आई तेज अंधड़ ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। अंधड़ के कारण फैली आग ने देखते ही देखते दर्जनों गांवों में गेहूं की खड़ी फसल और खेतों में तूड़ी बनाने के लिए रखे गए फानों को अपनी चपेट में ले लिया। यह हादसा इतना भयावह था कि किसानों की लाखों की पूंजी पल भर में राख में तब्दील हो गई।
कई गांवों में देर रात तक आग को बुझाने का प्रयास चलता रहा। किसानों ने अपनी जान जोखिम में डालकर खेतों में लगी आग को काबू में करने की कोशिश की, लेकिन अंधड़ के कारण आग बेकाबू होती चली गई। इस आपदा के बाद किसानों के सामने न सिर्फ आर्थिक संकट खड़ा हुआ है, बल्कि पशुओं के लिए चारे की भी गंभीर समस्या पैदा हो गई है।
आग की शुरुआत: तेज अंधड़ बना कारण
शुक्रवार रात करीब आठ बजे के आसपास कैथल और इसके आसपास के इलाकों में अचानक मौसम ने करवट ली और तेज अंधड़ शुरू हो गया। हवाओं की रफ्तार इतनी तेज थी कि खेतों में रखा सूखा तूड़ी (फाना) उड़ने लगा और बिजली की तारों या चिंगारी के संपर्क में आने से आग फैल गई। देखते ही देखते यह आग विकराल रूप ले बैठी।
इस दौरान कैथल जिले के कैलरम, अटेला, तितरम, बदनारा, सिरसल, पोबाला, कौल और साथ लगते कुरुक्षेत्र के गांवों में भी खेतों में रखे फाने और खड़ी गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। दर्जनों एकड़ में लगी आग ने किसानों की मेहनत को पल में भस्म कर दिया।
स्थानीय लोगों का प्रयास और आग पर काबू
घटना के तुरंत बाद किसानों और ग्रामीणों ने आग को बुझाने के लिए अपने स्तर पर प्रयास शुरू किए। कई लोगों ने पानी की मोटरें, ट्रैक्टरों पर रखे टैंकर, और गीली बोरी आदि से आग को काबू में करने की कोशिश की, लेकिन अंधड़ के चलते यह प्रयास असफल होते दिखे।
जब आग काबू से बाहर होने लगी तो ग्रामीणों ने फायर ब्रिगेड को कॉल किया। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। हालांकि जब तक गाड़ियां पहुंचीं, तब तक आग काफी हद तक फैल चुकी थी। फिर भी फायर ब्रिगेड की टीमों और ग्रामीणों ने मिलकर काफी मशक्कत के बाद आग पर नियंत्रण पाया।
बारिश ने कुछ राहत दी
अंधड़ के कुछ समय बाद मूसलाधार बारिश भी शुरू हो गई। यह बारिश किसी वरदान से कम नहीं थी क्योंकि इसी के चलते आग आगे फैलने से रुक गई। बारिश के कारण हवा की गति कम हो गई और खेतों में पड़े सूखे फानों पर आग फैलने की संभावना भी खत्म हो गई।
कई किसानों ने बताया कि यदि बारिश समय पर न हुई होती तो और भी बड़े स्तर पर नुकसान हो सकता था। बारिश के बाद किसान खेतों में पूरी रात मौजूद रहे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं कोई चिंगारी फिर से आग न बना दे।
कितना हुआ नुकसान?
फायर ब्रिगेड विभाग के कार्यालय इंचार्ज रामेश्वर ने बताया कि शुक्रवार की रात को दर्जनों गांवों से आगजनी की सूचना मिली थी। फायर ब्रिगेड की टीमें तुरंत हर जगह रवाना की गईं। उन्होंने बताया कि अभी तक जो अनुमान है उसके अनुसार दर्जनों एकड़ में खड़ी फसल और सैकड़ों एकड़ में फाने जलकर राख हो चुके हैं।
किसानों का अनुमान है कि एक एकड़ की गेहूं फसल की कीमत लगभग ₹60,000 से ₹70,000 तक होती है। ऐसे में कुल नुकसान की राशि लाखों में पहुंच चुकी है। इसके अलावा फाने का नुकसान अलग है, जो जानवरों के चारे के रूप में इस्तेमाल होता है और जिसकी वर्तमान बाजार कीमत भी काफी अधिक है।
किसानों की पीड़ा: ‘सालभर की मेहनत जल गई’
कई किसानों ने दुख जताते हुए कहा कि ये फसल उनकी पूरे साल की कमाई थी। इसी फसल के सहारे वह घर चलाते, बच्चों की फीस भरते और बाकी खर्च संभालते। अब फसल जल जाने से वे पूरी तरह टूट चुके हैं।
गांव कौल के किसान सुरेंद्र सिंह ने बताया, “मैंने 6 एकड़ में गेहूं बोई थी। कटाई पूरी हो चुकी थी और फसल खेत में ही पड़ी थी, बस ट्रॉली में भरनी थी। अंधड़ में आग लग गई और सब जल गया। अब ना फसल बची, ना चारा। हम क्या करें?”
प्रशासन से राहत की मांग
किसानों और ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस आपदा को प्राकृतिक आपदा घोषित कर जल्द से जल्द मुआवजे की घोषणा की जाए। उन्होंने कहा कि प्रशासन को मौके पर आकर वास्तविक नुकसान का आंकलन करना चाहिए और पीड़ित किसानों को आर्थिक सहायता दी जाए।
वहीं, कृषि विभाग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि राजस्व विभाग की टीमों को भेजा जा रहा है जो प्रभावित गांवों में जाकर नुकसान का आकलन करेंगी और रिपोर्ट तैयार करेंगी।
वर्तमान में उठाए गए कदम
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फायर ब्रिगेड की टीमों ने तत्परता दिखाई और आग को फैलने से रोका।
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ग्रामीणों ने साहस और सूझबूझ से आग पर काबू पाने में सहयोग किया।
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प्रशासन द्वारा प्रभावित क्षेत्र की पहचान और नुकसान की सूची तैयार की जा रही है।
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मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार अगले कुछ दिन भी तेज हवाएं और बारिश की संभावना है, जिससे सतर्कता जरूरी है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और सामाजिक सहयोग
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी घटना पर दुख जताया है और प्रशासन से मांग की है कि फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को तुरंत राहत मिले। कई सामाजिक संस्थाएं भी आगे आई हैं और प्रभावित किसानों को चारा, खाद्य सामग्री, कपड़े आदि की सहायता उपलब्ध करा रही हैं।




