
कैथल में यूपी के दो पशु तस्कर गिरफ्तार: क्रूरता से भरे 19 पशु, पुलिस की तत्परता से बची जानें
The Airnews | कैथल, 13 अप्रैल 2025 | रिपोर्टर: यश
हरियाणा के कैथल जिले में पूंडरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक बड़ी सफलता में पुलिस ने दो पशु तस्करों को गिरफ्तार किया है। इन तस्करों को उस समय पकड़ा गया जब वे एक कैंटर में 19 पशुओं को अत्यंत ही अमानवीय तरीके से भरकर पंजाब से उत्तर प्रदेश ले जा रहे थे। यह कार्रवाई न केवल पशु तस्करी के नेटवर्क पर एक बड़ा प्रहार है बल्कि पशु क्रूरता के विरुद्ध एक कड़ा संदेश भी है।
गांव मोहना में पुलिस की सटीक कार्रवाई
12 अप्रैल 2025 को पूंडरी पुलिस चौकी में तैनात हेड कांस्टेबल दीपक कुमार की टीम गांव मोहना में गश्त कर रही थी। इसी दौरान पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि एक कैंटर जिसमें बड़ी संख्या में पशुओं को भरा गया है, कैथल की ओर से आ रहा है और करनाल रोड के रास्ते उत्तर प्रदेश की तरफ ले जाया जा रहा है।
इस सूचना के आधार पर पुलिस ने तुरंत हरकत में आते हुए गांव मोहना से आगे मंदिर के पास नाकाबंदी कर दी। कुछ ही देर में एक कैंटर आते हुए दिखाई दिया जिसे पुलिस ने रुकवाया।
कैंटर में मिले 19 पशु: क्रूरता की हद
जैसे ही पुलिस ने कैंटर की तलाशी ली, अंदर का दृश्य बेहद विचलित करने वाला था। कैंटर में 11 भैंसें, 7 कटड़े (भैंस के बच्चे) और एक झोटा क्रूरता पूर्वक ठूंस-ठूंस कर भरे हुए थे। पशुओं को न सांस लेने की जगह दी गई थी और न ही किसी प्रकार की सुरक्षा या आराम की सुविधा। यह पूरी तरह से पशु क्रूरता अधिनियम का उल्लंघन था।
पुलिस ने तुरंत सभी पशुओं को अपने कब्जे में लिया और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसके साथ ही पशु चिकित्सकों को बुलाकर उनकी जांच करवाई गई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें कोई गंभीर चोट या तकलीफ तो नहीं हुई है।
आरोपी कौन हैं?
कैंटर चालक की पहचान कुर्बान के रूप में हुई है, जो कि उत्तर प्रदेश के शामली जिले के गुज्जरपुर माजरा टपराना गांव का निवासी है। साथ में मौजूद दूसरा आरोपी जाबीर कुरैशी मोहल्ला शाह मुबारिक, शामली (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला है। दोनों आरोपी अपने वाहन में इन पशुओं को पंजाब से उत्तर प्रदेश तस्करी करके ले जा रहे थे।
पुलिस ने पूछताछ के दौरान पाया कि यह कोई पहली घटना नहीं थी, बल्कि आरोपी पूर्व में भी कई बार इसी मार्ग से पशु तस्करी कर चुके हैं। यह सुनियोजित नेटवर्क का हिस्सा प्रतीत होता है, जिसकी जांच अब गहराई से की जा रही है।
पूंडरी थाना में दर्ज हुआ केस
पूंडरी थाना के जांच अधिकारी महीपाल ने जानकारी दी कि दोनों आरोपियों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम, पशु तस्करी और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और उनके नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है।
पशु तस्करी: एक गंभीर सामाजिक और कानूनी अपराध
पशु तस्करी न केवल एक कानूनी अपराध है बल्कि यह सामाजिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी घोर आपत्तिजनक कृत्य है। इस प्रकार की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि किस प्रकार कुछ लोग लालच में आकर निर्दोष पशुओं की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। पशुओं को इस प्रकार से ठूंस-ठूंसकर ले जाना न केवल उनकी जान को खतरे में डालता है बल्कि उन्हें मानसिक और शारीरिक पीड़ा भी देता है।
प्रशासन और समाज की जिम्मेदारी
इस घटना ने एक बार फिर प्रशासन और समाज को चेताया है कि पशु तस्करी जैसी घटनाओं पर सख्त नियंत्रण जरूरी है। प्रशासन को चाहिए कि सीमाओं पर चेकपोस्ट्स की संख्या बढ़ाई जाए और संदिग्ध वाहनों की जांच के लिए विशेष टीम गठित की जाए। साथ ही आम नागरिकों को भी जागरूक रहकर ऐसी घटनाओं की सूचना तुरंत पुलिस को देनी चाहिए।
पशुओं की देखभाल और संरक्षण
घटना के बाद पुलिस ने सभी 19 पशुओं को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया है और उनकी देखरेख के लिए पशुपालन विभाग को सूचित किया गया है। चिकित्सकों की टीम ने बताया कि कुछ पशु डिहाइड्रेशन और घबराहट के शिकार थे, जिनका इलाज चल रहा है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि सभी पशुओं को उचित भोजन और पानी मिल सके।
पशु क्रूरता अधिनियम की धारा
पशु क्रूरता अधिनियम, 1960 के तहत यदि कोई व्यक्ति पशुओं के साथ अमानवीय व्यवहार करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। इसमें जुर्माना, जेल और पशु जब्त करने का प्रावधान है। इस केस में भी पुलिस ने इन्हीं धाराओं के तहत केस दर्ज किया है और आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
भविष्य के लिए क्या सबक?
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि पशु तस्करी एक सुनियोजित अपराध है और इसे रोकने के लिए पुलिस, प्रशासन और आम नागरिकों को मिलकर काम करना होगा। सोशल मीडिया, कैमरा सर्विलांस और गुप्त सूचना तंत्र को मजबूत करने से ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकता है।