गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में एयर होस्टेस से छेड़छाड़ का मामला ?

गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में एयर होस्टेस से छेड़छाड़ का मामला: पुलिस जांच में जुटी, CCTV फुटेज कब्जे में, महिला आयोग भी सक्रिय
The Airnews | गुरुग्राम | 2000 Words Report
गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में एक एयर होस्टेस के साथ ICU वार्ड में यौन उत्पीड़न का गंभीर मामला सामने आया है, जिसने न केवल अस्पताल प्रबंधन पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि पूरे स्वास्थ्य तंत्र की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी चिंता पैदा कर दी है। इस मामले में गुरुग्राम पुलिस ने तेजी से जांच शुरू कर दी है और हरियाणा राज्य महिला आयोग ने भी संज्ञान लेते हुए मामले में हस्तक्षेप किया है।
घटना की पृष्ठभूमि: कैसे शुरू हुआ पूरा मामला
पश्चिम बंगाल की रहने वाली 46 वर्षीय एयर होस्टेस, जो एक प्रमुख एयरलाइंस में कार्यरत हैं, को उनकी कंपनी द्वारा गुरुग्राम में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था। वह एक होटल में रुकी हुई थीं और होटल के स्विमिंग पूल में नहाते समय उनकी तबीयत बिगड़ गई। 5 अप्रैल को उन्हें मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत को देखते हुए ICU में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया।
6 अप्रैल को ICU में भर्ती एयर होस्टेस ने आरोप लगाया कि उसी दौरान अस्पताल के एक मेल स्टाफ ने उनके प्राइवेट पार्ट्स को छुआ। यह सब तब हुआ जब वह वेंटिलेटर पर थीं और उनके पास दो नर्सें भी मौजूद थीं, लेकिन उन्होंने भी इस घटना को अनदेखा किया।
पीड़िता का बयान: चुप रहने की वजह डर
एयर होस्टेस ने पुलिस को बताया कि वेंटिलेटर पर होने की वजह से वह बेहोशी की अवस्था में थीं, लेकिन घटना के दौरान उन्हें हल्का होश था। जब उन्होंने महसूस किया कि कोई पुरुष स्टाफ उनके प्राइवेट पार्ट को छू रहा है और पास खड़ी दो नर्सें भी इसे रोकने के बजाय मूक दर्शक बनी हुई हैं, तो वह बहुत डर गईं। उन्हें यह डर सताने लगा कि अगर उन्होंने आवाज उठाई तो कहीं उनकी जान को खतरा न हो जाए। इस वजह से उन्होंने चुप्पी साधे रखी।
13 अप्रैल को जब उनके पति उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने पूरी घटना उन्हें बताई। इसके बाद पति ने तुरंत उनका अस्पताल बदलवाया और कानूनी सलाह लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस की कार्यवाही: CCTV कब्जे में, FIR दर्ज
गुरुग्राम पुलिस को 14 अप्रैल को पीड़िता की ओर से शिकायत मिली, जिसके बाद पुलिस तुरंत हरकत में आई। पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया कि 6 अप्रैल को इलाज के दौरान एक मेल स्टाफ द्वारा महिला के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप दर्ज किया गया है। पीड़िता के मुताबिक, वह घटना के समय वेंटिलेटर पर थीं और बेहोश थीं। पुलिस ने IPC की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
पुलिस ने तुरंत मेदांता हॉस्पिटल के ICU वार्ड में लगे CCTV कैमरों की फुटेज कब्जे में ले ली है। फुटेज ICU के अंदर और बाहर के हिस्सों की भी ली गई है ताकि आरोपी की सही तरीके से पहचान की जा सके।
पुलिस पूछताछ में जुटी, स्टाफ से की गई पूछताछ
पुलिस टीम ने बुधवार को अस्पताल पहुंचकर वहां मौजूद नर्सिंग स्टाफ से पूछताछ की। 8 से 10 नर्सिंग स्टाफ मेंबर्स से पूछताछ कर घटना से जुड़ी जानकारी जुटाई गई है।
गुरुवार को भी पुलिस की टीम द्वारा जांच जारी रखी गई। उस दिन की शिफ्ट में मौजूद डॉक्टरों और शिफ्ट इंचार्ज से भी बयान लिए गए।
मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज हुआ पीड़िता का बयान
पुलिस ने पीड़िता के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज करवाए हैं। यह बयान केस की कानूनी वैधता और गंभीरता को दर्शाते हैं और इन बयानों के आधार पर अब केस की आगे की जांच की जा रही है।
मेदांता अस्पताल की सफाई: सहयोग का आश्वासन, आरोप अस्वीकृत
घटना के बाद मेदांता हॉस्पिटल प्रशासन ने देर रात एक बयान जारी कर कहा कि उन्हें मरीज की शिकायत की जानकारी है और वे पूरी जांच में पुलिस का सहयोग कर रहे हैं। अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ. संजय दुर्रानी ने 5 पंक्तियों का बयान जारी कर कहा:
“हमें मरीज की शिकायत के बारे में पता चला है। इस मामले में जांच में हम पुलिस को पूरा सहयोग दे रहे हैं। इस स्टेज पर आरोप साबित नहीं हुए हैं। जिस समय के दौरान आरोप लगाए गए हैं, हमने सभी संबंधित दस्तावेज और सीसीटीवी फुटेज पुलिस को दे दिए हैं। हम जांच को पूरा सपोर्ट करेंगे।”
अस्पताल ने आरोपों को फिलहाल अप्रमाणित बताया है और कहा है कि उनके सभी स्टाफ को जांच में सहयोग के लिए निर्देशित किया गया है।
हरियाणा महिला आयोग की सक्रियता: अस्पताल की सुरक्षा पर उठाए सवाल
इस मामले में हरियाणा राज्य महिला आयोग की भी एंट्री हो चुकी है। आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने गुरुग्राम पुलिस से संपर्क साधा और पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए चिंता जताई। उन्होंने कहा:
“यह घटना अस्पताल की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। ICU जैसे संवेदनशील स्थान पर अगर महिला के साथ इस तरह की घटना होती है, तो यह शर्मनाक है।”
रेणु भाटिया ने कहा कि आयोग की टीम जल्द ही पीड़िता से मिलेगी और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। साथ ही उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आयोग अलग से सिफारिशें तैयार करेगा।
सवाल जो इस मामले ने खड़े किए हैं:
- ICU जैसे अत्यंत संवेदनशील स्थान में सुरक्षा और निगरानी की स्थिति क्या इतनी कमजोर है कि वहां इस तरह की घटना हो सके?
- अस्पताल के मेल स्टाफ की गतिविधियों पर क्या कोई सुपरविजन नहीं होता?
- क्या अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ को यौन उत्पीड़न जैसी घटनाओं पर कार्रवाई के लिए प्रशिक्षित किया गया है?
- अगर पीड़िता ICU में वेंटिलेटर पर थी, तो क्या उसकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए अधिक सतर्कता नहीं बरती जानी चाहिए थी?
- अस्पताल ने पीड़िता की शिकायत मिलते ही क्या कोई आंतरिक जांच की?
कानूनी पहलू: कौन-कौन सी धाराएं लग सकती हैं?
इस मामले में अगर जांच में आरोपी की पहचान हो जाती है और आरोप सिद्ध होते हैं तो भारतीय दंड संहिता (IPC) की निम्नलिखित धाराएं लग सकती हैं:
- धारा 354: महिला की अस्मिता को ठेस पहुंचाना (छेड़छाड़)
- धारा 376 (संशोधित): ICU जैसे स्थान पर बेहोशी की स्थिति में उत्पीड़न का मामला अधिक गंभीर माना जाता है
- धारा 509: महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना
- धारा 34: अगर नर्सिंग स्टाफ की भूमिका भी सामने आती है, तो सहअपराध की धारा लग सकती है




