गुरुग्राम में सिलेंडर ब्लास्ट से मची तबाही: आग की चपेट में आए 7 घर, बाल-बाल बचे लोग
The Airnews | गुरुग्राम
हरियाणा के गुरुग्राम शहर में सोमवार सुबह एक गैस सिलेंडर ब्लास्ट की घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। यह हादसा झुग्गी इलाके में हुआ, जहां खाना बनाते समय सिलेंडर में आग लग गई और उसके बाद हुए धमाके ने सात झुग्गियों को अपनी चपेट में ले लिया। घटना के तुरंत बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों से भागने लगे। यह घटना गुरुग्राम के सेक्टर 37 के पास स्थित झुग्गी क्षेत्र में हुई, जहां ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर और गरीब परिवार रहते हैं।
धमाके की भयावहता: उड़ीं लोहे की चादरें, घर जलकर राख
घटना सुबह के समय उस समय घटी जब रामकिशन नामक व्यक्ति अपने घर में खाना बना रहा था। सिलेंडर से अचानक आग भड़क उठी और फिर एक जोरदार धमाका हुआ। धमाका इतना तेज था कि झुग्गियों की छतों पर लगी लोहे की चादरें हवा में उड़ गईं और दूर जाकर गिरीं। यह दृश्य इतना भयानक था कि आसपास के लोग चीखते-चिल्लाते हुए खुले मैदानों की ओर दौड़ पड़े।
कुछ ही मिनटों में आग ने भयावह रूप ले लिया और आसपास की करीब 7 झुग्गियों को अपनी चपेट में ले लिया। इन झुग्गियों में रखा हुआ घरेलू सामान, कपड़े, बिस्तर, गैस सिलेंडर और अन्य जरूरी सामग्री पूरी तरह से जलकर राख हो गई।
फायर ब्रिगेड की त्वरित प्रतिक्रिया: 3 गाड़ियों ने पाया आग पर काबू
घटना की सूचना मिलते ही सेक्टर 37 फायर स्टेशन से 2 दमकल गाड़ियाँ तुरंत मौके पर पहुंची। आग की भयावहता को देखते हुए सेक्टर 29 से एक और फायर ब्रिगेड बुलाई गई। तीनों दमकल गाड़ियों ने मिलकर करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
फायर अधिकारियों के अनुसार, यदि समय पर दमकल गाड़ियाँ न पहुंचतीं, तो पूरा झुग्गी क्षेत्र जल सकता था। इसके साथ ही, पास की झुग्गियों में रखे अन्य सिलेंडरों को भी सुरक्षाकर्मियों द्वारा तुरंत हटा दिया गया जिससे और किसी विस्फोट की संभावना को टाला जा सका।
सभी लोग सुरक्षित, लेकिन सब कुछ जल गया
फायर अधिकारी निखिल ने बताया कि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। झुग्गियों में रह रहे सभी लोग सुरक्षित हैं। हालांकि आग की चपेट में आने से उनका सारा सामान जलकर खाक हो गया है। कई परिवारों ने बताया कि उनकी वर्षों की कमाई इस आग में जलकर नष्ट हो गई। अब उनके पास न रहने के लिए घर बचा है और न ही ज़रूरत की चीज़ें।
घटना का चश्मदीद: ‘जैसे बम फटा हो, सब कुछ हिल गया’
प्रत्यक्षदर्शी सुनील कुमार, जो पास ही में रहते हैं, ने बताया, “मैं सुबह ड्यूटी के लिए घर से निकला ही था कि तेज धमाके की आवाज आई। पहले तो लगा जैसे कोई बम फट गया हो। पीछे मुड़कर देखा तो काले धुएं का गुबार आसमान में उठ रहा था और आग की लपटें झुग्गियों को निगल रही थीं।”
उन्होंने बताया कि लोगों ने बिना देर किए अपने घर छोड़ दिए और बच्चों को लेकर भागने लगे। कुछ ही समय में पूरे इलाके में अफरा-तफरी फैल गई थी।
पूर्व में भी लगी थी आग, लेकिन सबक नहीं लिया गया
गौर करने वाली बात यह है कि यह पहली बार नहीं है जब गुरुग्राम में झुग्गियों में आग लगी हो। महज छह दिन पहले इसी तरह की घटना में करीब 200 झुग्गियां जलकर राख हो गई थीं। उस समय भी फायर ब्रिगेड को आग बुझाने में साढ़े तीन घंटे का समय लगा था और करीब 10 फायर ब्रिगेड की गाड़ियाँ तैनात की गई थीं।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रशासन ने इन बस्तियों की सुरक्षा के लिए कोई कदम उठाए? क्या वहां रहने वाले लोगों को आग से बचाव के लिए जरूरी प्रशिक्षण, सुरक्षा उपकरण या प्राथमिक व्यवस्था दी गई थी?