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Saturday, November 8, 2025

 जिंदा बुज़ुर्ग को मृत घोषित किया गया—अंतिम संस्कार की तैयारियों के बीच अचानक जीवन लौटा

जिस वक्त शेर सिंह की सांसें चलीं, उनके अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां तक मंगाई जा चुकी थीं।- फोटो AI जेनरेटेड है।

यमुनानगर,Sahil Kasoon The Airnews : 75 वर्षीय शेर सिंह को निजी अस्पताल में मृत घोषित किया गया था, जबकि उनके अंतिम संस्कार की तैयारी चरमरा रही थी। श्मशान घाट में लकड़ियां मंगवा ली गई थीं और रिश्तेदार विलाप कर रहे थे। लेकिन जब वेंटिलेटर की नली उनके मुंह से हटाई गई, तो अचानक उनकी सांसें चल पड़ीं, हाथ-पैर हिले, आँख खुली और ग्लास से पानी भी उन्होंने पिया।

  • बीमारी और अस्पताल भर्ती: शेर सिंह को सीने में दर्द और सांस लेने में दिक्कत के बाद यमुनानगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें हार्ट अटैक आया है और उन्हें ICU में वेंटिलेटर पर रखा गया।

  • मृत घोषित कर दिया: बुधवार दोपहर करीब 12 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित करते हुए परिजनों को सूचित किया। शव को घर लाया गया और अंतिम संस्कार की तैयारियाँ जैसे लकड़ियाँ मंगवाना शुरू हो गईं।

  • चमत्कारिक पल: शव को स्नान के दौरान वेंटिलेटर हटाए जाने के बाद वह अचानक जाग उठे। हाथ-पैर हिले, आँख खुली और पानी भी पिया गया।

  • दूसरे अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु: तुरंत दूसरे अस्पताल पहुंचाए गए, जहाँ वेंटिलेटर फिर लगाया गया। लेकिन रात करीब तेरह घंटे बाद करीब ढाई बजे उनकी अंतिम साँसें थम गईं।

शेर सिंह के भाई सतपाल ने अस्पताल और डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, क्योंकि वे “जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित कर अंतिम संस्कार की तैयारी” में लग गए थे। उन्होंने कहा:

“हम सदमे में हैं। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था, लेकिन अंतिम संस्कार से पहले भगवान ने चमत्कार कर दिखाया।”

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. जयेश दुबे के अनुसार, यह कोई चमत्कार नहीं बल्कि लाजारस सिंड्रोम का मामला हो सकता है:

  • क्लीनिकल मौत: इसमें दिल और फेफड़े अस्थायी रूप से बंद हो जाते हैं, लेकिन फिर CPR या चिकित्सा से पुनर्जीवन संभव हो सकता है।

  • लाजारस सिंड्रोम: कुछ मामलों में मृत घोषित व्यक्ति सांस लेने लगते हैं या आंदोलन करते हैं, जैसे 1982 में वैज्ञानिकों ने इसे परिभाषित किया था।

  • वैज्ञानिक कारण: फेफड़ों में हवा फंसना, दवाओं का देर से असर, या डिफिब्रिलेशन का देर से रिस्पॉन्स—इनसे शरीर दोबारा शुरू हो सकता है।

रिकॉर्ड: 1982–2018 तक लाजारस सिंड्रोम के 65 मामले दर्ज हुए, जिनमें से 18 छोड़कर बाकी की मृत्यु हो गई ।

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