“नेशनल हेराल्ड केस पर भाजपा को जवाब देने मैदान में उतरी कांग्रेस: जानिए हरियाणा से कौन-कौन नेता होंगे शामिल”
नेशनल हेराल्ड मामला: कांग्रेस का ‘कांग्रेस का सच, भाजपा का झूठ’ अभियान शुरू, 57 शहरों में होगी प्रेस कॉन्फ्रेंस
The Airnews
कांग्रेस पार्टी ने नेशनल हेराल्ड मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर पलटवार करते हुए एक बड़ा राष्ट्रीय अभियान छेड़ दिया है। इस अभियान का नाम है ‘कांग्रेस का सच, भाजपा का झूठ’, और यह 21 अप्रैल से 27 अप्रैल 2025 के बीच देश के 57 प्रमुख शहरों में चलाया जाएगा। इस दौरान हर शहर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन होगा, जिसमें कांग्रेस के बड़े नेता भाग लेंगे और जनता के सामने तथ्यों को रखेंगे।
भाजपा के झूठ का जवाब देने की रणनीति
इस अभियान का नेतृत्व कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा कर रहे हैं। उन्होंने रविवार को प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस श्रृंखला भाजपा द्वारा नेशनल हेराल्ड मामले में फैलाए गए झूठ को उजागर करने के लिए आयोजित की जा रही है।
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए जाने के बाद भाजपा हमलावर हो गई है। इस स्थिति में कांग्रेस पार्टी ने अपने नेताओं को मैदान में उतारकर सच्चाई सामने लाने का जिम्मा सौंपा है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले बड़े नेताओं की सूची
पवन खेड़ा द्वारा जारी की गई 57 नेताओं की सूची में कांग्रेस के कई बड़े चेहरे शामिल हैं। इनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
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मणिकम टैगोर
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गौरव गोगोई
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पी. चिदंबरम
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सुप्रिया श्रीनेत
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अशोक गहलोत
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शशि थरूर
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पवन खेड़ा
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भूपेश बघेल
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कन्हैया कुमार
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रणदीप सिंह सुरजेवाला
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राजीव शुक्ला
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अलका लांबा
यह सभी नेता देश के विभिन्न कोनों में जाकर प्रेस के माध्यम से जनता के सामने सच्चाई रखेंगे और भाजपा के आरोपों की काट प्रस्तुत करेंगे।
हरियाणा से शामिल होंगे ये कांग्रेस नेता
हरियाणा से इस प्रेस कॉन्फ्रेंस अभियान में जो चेहरे चुने गए हैं, वे राज्य की राजनीति में प्रभावशाली माने जाते हैं:
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दीपेंद्र सिंह हुड्डा – राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे, जो युवाओं में खासे लोकप्रिय हैं।
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कुमारी शैलजा – वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री, जिनका अनुभव और महिला सशक्तिकरण के प्रति योगदान उल्लेखनीय रहा है।
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रणदीप सिंह सुरजेवाला – कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता और हरियाणा की राजनीति का बड़ा चेहरा। वे कर्नाटक से विधायक भी हैं और मीडिया को संबोधित करने में माहिर माने जाते हैं।
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महिमा सिंह एडवोकेट – कुरुक्षेत्र से हैं और पूर्व मंत्री रण सिंह की पोती हैं। वे युवाओं और महिला अधिकारों से जुड़े मुद्दों को लेकर काफी सक्रिय रहती हैं।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
नेशनल हेराल्ड एक ऐतिहासिक अखबार है जिसे पंडित जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान शुरू किया था। यह अखबार ‘Associated Journals Limited’ (AJL) के अंतर्गत आता है।
कांग्रेस पार्टी ने AJL को ऋण दिया था, लेकिन जब वह ऋण वापस नहीं हुआ, तब कांग्रेस ने एक नई कंपनी ‘Young Indian’ बनाई और उसके माध्यम से AJL के शेयर खरीद लिए। भाजपा का आरोप है कि इस प्रक्रिया में कांग्रेस नेताओं ने वित्तीय अनियमितता की, जबकि कांग्रेस का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया वैधानिक है और इसमें कोई गड़बड़ी नहीं हुई।
ED की चार्जशीट और कांग्रेस की प्रतिक्रिया
प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दायर किए जाने के बाद से कांग्रेस हमलावर मुद्रा में आ गई है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्षी नेताओं को बदनाम करने का काम कर रही है।
पार्टी का कहना है कि यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है और इसे जनता के सामने लाना बेहद जरूरी है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य
इस पूरे अभियान का मुख्य उद्देश्य है:
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जनता को सही जानकारी देना।
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भाजपा के “झूठे” प्रचार का विरोध करना।
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विपक्षी नेताओं के विरुद्ध एजेंसियों के दुरुपयोग को उजागर करना।
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नेशनल हेराल्ड केस की पृष्ठभूमि और तथ्यों को सरल भाषा में जनता के समक्ष रखना।
हरियाणा में क्या होगी इस अभियान की रणनीति?
हरियाणा में कांग्रेस की योजना है कि वे युवाओं, किसानों और महिलाओं से सीधे जुड़ें। चारों प्रतिनिधि अलग-अलग जिलों में जाकर प्रेस और जनसभाओं के माध्यम से संवाद स्थापित करेंगे। कुरुक्षेत्र, रोहतक, हिसार, करनाल और पंचकूला में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी अभियान चलाया जाएगा, जिसमें “#CongressTruth #BJPLies” जैसे हैशटैग के माध्यम से युवाओं को जोड़ा जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषण: क्या कांग्रेस इस अभियान से लाभ कमा पाएगी?
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि कांग्रेस ने इस बार आक्रामक रणनीति अपनाई है। इस अभियान के माध्यम से वह भाजपा के बयानों को चुनौती देने के साथ-साथ अपने पक्ष में जनसमर्थन जुटाने की कोशिश कर रही है।
हरियाणा जैसे राज्य में, जहां कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर रहती है, ऐसे अभियान राजनीतिक संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं।