पानीपत के युवक का अमेरिका में अंतिम संस्कार:ट्रक एक्सीडेंट में जिंदा जला, मामा बोले-पुलिस ने शव के अवशेष सौंपे, कहा-खोलकर मत देखना
अमेरिका ट्रक हादसे में जिंदा जले पानीपत के युवक का 15 दिन बाद अमेरिका के कैलिफोर्निया में हिंदू रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया। मृतक पूरी तरह से जल चुका था, इसलिए डीएनए मैच होने के बाद पुलिस ने मृतक के अवशेष परिजनों को सौंपे।
पुलिस ने हिदायत दी कि कोई भी व्यक्ति या परिजन अवशेषों को खोलकर न देखे। पुलिस की हिदायतों का पालन करते हुए कैलिफोर्निया के शिवपुरी में अमेरिकी समय अनुसार साढ़े 11 बजे अंतिम संस्कार किया गया। मृतक के भाई ने मुखाग्नि दी।
अमेरिका में रह रहे हरियाणा के सैकड़ों युवा अंतिम यात्रा में शामिल हुए और मृतक को अंतिम विदाई दी। अब रविवार को गांव कुराना में रस्म क्रिया होगी। अमेरिका से मृतक की अस्थियां भारत लाई जाएंगी, जिसके बाद हरिद्वार में उन अस्थियों को प्रवाहित किया जाएगा और मृतक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाएगी।
अमेरिका में कुराना पानीपत के 24 वर्षीय अमित की अमेरिका में एक्सीडेंट के दौरान मौत हो गई थी। युवक ट्रक में ही जिंदा जल गया था। मृतक का परिवार पिछले 20 सालों से करनाल में रह रहा था। यह हादसा 11 सितंबर की सुबह करीब 9:30 बजे अर्कान्सास स्टेट में आई-40 हाईवे के एग्जिट 166 पर हुआ। हादसे के समय अमित ट्रक खाली करके लौट रहा था। वह फ्यूल पंप से डीजल भरवाकर जैसे ही निकला, तभी एक लोडेड ट्रक ने उसके ट्रक को दाहिनी ओर से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि अमित का ट्रक सड़क किनारे पेड़ों से जा टकराया और उसी दौरान केबिन के पास वाले डीजल टैंक में धमाका हो गया। कुछ ही देर में पीछे का टैंक भी फट गया और ट्रक आग के गोले में तब्दील हो गया। अमित आग की लपटों में घिर गया और बाहर नहीं निकल पाया।

मामा हरपाल सिंह ने बताया कि अमित और अंकित के पिता कृष्ण कुमार की बहुत साल पहले हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। उनकी मां ने दोनों को पाल-पोसकर बड़ा किया। वैसे तो उनका परिवार मूल रूप से पानीपत के कुराना गांव का रहने वाला है, लेकिन 20 साल पहले उनका परिवार करनाल की नई अनाज मंडी के पास आकर रहने लगा था।
मामा ने आगे बताया कि 2016 में अंकित डंकी रूट से अमेरिका गया। इसके बाद अमित भी वहां जाने की जिद करने लगा। इसके लिए परिवार ने 60 लाख रुपए खर्च किए। 2023 में अमित भी डंकी रूट से अमेरिका पहुंच गया। उसे वहां पहुंचने में 7 महीने लगे। वहां जाकर उसने पहले एक स्टोर में काम किया और फिर ट्रक ड्राइवर बन गया।

हादसे से महज 15 मिनट पहले ही अमित ने अपने भाई अंकित से फोन पर बात की थी। अमित ने बताया था कि वह ट्रक खाली करके लौट रहा है और उसने डीजल भरवा लिया है। बातचीत सामान्य थी और किसी को भी अंदाजा नहीं था कि यह अमित की आखिरी कॉल होगी। करीब 9:30 बजे उसका ट्रक हादसे का शिकार हो गया और वह जिंदा जल गया। पुलिस ने जले हुए शरीर के अवशेषों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा था।

मृतक के मामा हरपाल ने बताया कि पुलिस ने शव सौंपने से पहले अमित के भाई अंकित का डीएनए सैंपल लिया और इस डीएनए को मृतक के डीएनए से मैच किया। पुष्टि होने के बाद मृतक के शव के कुछ अवशेष परिजनों को सौंपे गए। अवशेष एक कपड़े में लिपटे हुए थे, जिनको ताबूत के माध्यम से कैलिफोर्निया लाया गया।
पुलिस ने सख्त हिदायत दी थी कि शव के अवशेषों को खोलकर न देखें। नियमों का पालन किया गया और हिंदू रीति रिवाज के अनुसार दाह संस्कार किया। अमेरिका से आई वीडियो देखकर ही मां ने अंतिम संस्कार देखा। मां का रो रोकर बुरा हाल है, वह अंतिम समय में अपने बेटे का चेहरा भी नहीं देख पाई। अब अमित की अस्थियां अमेरिका से मंगवाई जाएंगी ताकि हरिद्वार में उनको प्रवाहित किया जा सके।




