सियाचिन में हरियाणा के सूबेदार बलदेव सिंह शहीद: बचपन से थी देश सेवा की जिद, आज सिरसा में होगा अंतिम संस्कार
Sahil Kasoon | Sirsa | 21 अप्रैल 2025
हरियाणा के सिरसा जिले के वीर सपूत सूबेदार बलदेव सिंह देश की सेवा करते हुए लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर में शहीद हो गए। सूबेदार बलदेव जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स (JAK Rifles) की 18वीं रेजीमेंट में तैनात थे और उनकी ड्यूटी सियाचिन के नॉर्थ ग्लेशियर की कुमार पोस्ट पर थी। शनिवार रात तक वे स्वस्थ थे, लेकिन रविवार सुबह अचानक तबीयत बिगड़ी और इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
सूबेदार बलदेव सिंह का सैन्य सफर
शहीद बलदेव सिंह मूल रूप से सिरसा के बीरपुर कॉलोनी में रहते थे। उन्होंने वर्ष 2001 में JAK Rifles में बतौर सिपाही भर्ती होकर सेना में अपनी सेवा की शुरुआत की थी। पिछले साल ही उन्हें सूबेदार पद पर प्रमोशन मिला था। उनके परिवार में देशभक्ति की भावना गहरी जमी हुई है। पिता बलवंत सिंह चार भाइयों में से एक थे और सभी भाइयों के बेटे भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं या दे रहे हैं।
तबीयत बिगड़ने के बाद इलाज के दौरान शहीद
जानकारी के अनुसार, ड्यूटी के दौरान रविवार सुबह बलदेव सिंह को उल्टी और सीने में दर्द की शिकायत हुई। साथी जवानों ने उन्हें तुरंत सैन्य अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उनका इलाज शुरू किया। परंतु हालत गंभीर होती गई और सुबह 11 बजे के करीब उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर मिलते ही सेना के उच्च अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की और सैन्य सम्मान के साथ उनकी पार्थिव देह को पैतृक गांव के लिए रवाना किया।
आज होगा राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
शहीद की पार्थिव देह पहले दिल्ली लाई गई और फिर हवाई जहाज के माध्यम से सिरसा पहुंचाई जा रही है। बीरपुर कॉलोनी स्थित घर में पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के बाद आज ही उनके पैतृक गांव झोपड़ा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
परिवार में शोक की लहर, बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल
शहीद बलदेव सिंह अपने पीछे मां रचना कौर, भाई हरदेव सिंह, पत्नी गुरविंदर कौर, बेटे उपराज सिंह और बेटी मनरीत कौर को छोड़ गए हैं। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीण, रिश्तेदार और सेना के कई अधिकारी शहीद के अंतिम दर्शन के लिए लगातार घर पहुंच रहे हैं।
गांव के लोग और दोस्त कर रहे हैं गर्व महसूस
बीरपुर गांव के सरपंच गुरप्रीत सिंह ने बताया कि बलदेव सिंह बचपन से ही देश सेवा के लिए समर्पित थे। वे अक्सर कहा करते थे कि उन्हें सिर्फ भारतीय सेना में ही जाना है। उनके एक करीबी दोस्त और बहनोई गुरचरण सिंह ने बताया कि बलदेव सिंह ने 12वीं कक्षा के बाद ही सेना में भर्ती होकर देश सेवा का संकल्प लिया था।
शहीद को नमन: वीर सपूतों की धरती हरियाणा
हरियाणा की वीरभूमि ने एक और सपूत को देश की मिट्टी के नाम कर दिया। सूबेदार बलदेव सिंह की शहादत ने यह साबित कर दिया कि देश के लिए बलिदान देने वालों की कमी नहीं है। द एयर न्यूज़ शहीद को शत-शत नमन करता है।