सिरसा में कांग्रेस विधायक सेतिया का भाजपा नेता गोबिंद कांडा पर तीखा हमला ?

सिरसा में कांग्रेस विधायक सेतिया का भाजपा नेता गोबिंद कांडा पर तीखा हमला: शिलान्यास पट्ट पर नाम को लेकर उठे सियासी सवाल
The Airnews | Edited By Yash | Updated: 20 April, 2025
सिरसा, हरियाणा: सिरसा की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया ने भाजपा नेता गोबिंद कांडा पर तीखा हमला बोला है। यह विवाद नगर परिषद द्वारा निर्मित शेड के उद्घाटन से जुड़ा है, जिसमें शिलान्यास पट्ट पर कांडा का नाम चेयरमैन वीर शांति स्वरूप से ऊपर लिखे जाने को लेकर उठ खड़ा हुआ। सेतिया ने इसे दलित समाज का अपमान बताया है और भाजपा पर धक्काशाही का आरोप लगाया है।
फोटो वायरल होते ही बढ़ा विवाद
विवाद की जड़ वह फोटो है जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई, जिसमें भाजपा नेता गोबिंद कांडा नगर परिषद द्वारा निर्मित एक शेड का उद्घाटन करते नजर आ रहे हैं। उनके साथ चेयरमैन वीर शांति स्वरूप भी खड़े हैं। विवाद की बात यह है कि शिलान्यास पट्ट पर कांडा का नाम चेयरमैन के नाम से ऊपर लिखा गया है, जबकि कांडा के पास फिलहाल कोई सरकारी पद नहीं है।
विधायक सेतिया का तीखा बयान
विधायक गोकुल सेतिया ने इस मुद्दे पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह दलित समाज का सीधा अपमान है। उन्होंने गोबिंद कांडा का नाम लिए बिना कहा, “जिस व्यक्ति के पास कोई पद नहीं है, उसका नाम शिलान्यास पट्ट पर ऊपर लिखा गया और जिसे जनता ने चुना है, उसका नाम नीचे। यह लोकतंत्र और समाज दोनों के लिए शर्मनाक है।”
सेतिया ने यह भी कहा कि जब से फोटो वायरल हुई है, उन्हें सैकड़ों कॉल आ चुके हैं, जिनमें लोगों ने इस घटना पर नाराजगी जताई है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि चेयरमैन वीर शांति स्वरूप दलित समाज से हैं और पहली बार इस समाज को सिरसा में इतनी बड़ी उपलब्धि मिली है, लेकिन भाजपा इस सम्मान को पचा नहीं पा रही।
चेयरमैन की उपेक्षा पर उठे सवाल
विधायक सेतिया ने यह भी कहा कि चेयरमैन को जनता ने चुना है, जबकि गोबिंद कांडा कभी पंच, सरपंच, एमसी भी नहीं बने हैं। ऐसे में उनका नाम चेयरमैन से ऊपर लिखवाना केवल राजनीतिक धौंस का प्रतीक है। उन्होंने इसे असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक बताया।
भाजपा पर धक्काशाही का आरोप
सेतिया ने भाजपा पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, “यह राजनीति नहीं, धक्काशाही है। वरिष्ठ नेता होने का अर्थ यह नहीं कि बिना पद के भी आप सरकारी परियोजनाओं पर अपना नाम अंकित करवाएं। पार्टी में उनसे वरिष्ठ कई लोग मौजूद हैं, लेकिन जब दलित समाज को कोई उपलब्धि मिलती है, तो उसे ऐसे तरीकों से दबाया जाता है।”
‘नाम के बजाय सम्मान’ का होना चाहिए था भाव
विधायक सेतिया ने सुझाव देते हुए कहा कि गोबिंद कांडा को खुद यह बात समझनी चाहिए थी कि इस शिलान्यास पट्ट पर चेयरमैन का नाम पहले लिखा जाना चाहिए था। यह दलित समाज के प्रति बड़प्पन दिखाने का एक उदाहरण बनता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिससे पूरे समुदाय में नाराजगी है।
भाजपा की चुप्पी सवालों के घेरे में
फिलहाल भाजपा की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि क्या वाकई यह एक सामान्य त्रुटि थी या फिर जानबूझकर किया गया अपमान? चेयरमैन वीर शांति स्वरूप ने अब तक इस विषय पर कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन दलित समाज के कई संगठनों ने इसपर चिंता जाहिर की है।
सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया
सिरसा के कई सामाजिक संगठनों ने इस कृत्य की आलोचना की है और मांग की है कि भाजपा नेता इसपर सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। उनका कहना है कि इस प्रकार का व्यवहार समाज में असमानता और भेदभाव को बढ़ावा देता है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
क्या है राजनैतिक पृष्ठभूमि?
गोबिंद कांडा हरियाणा की राजनीति में एक प्रभावशाली नाम हैं। वे हरियाणा लोकहित पार्टी के संस्थापक रहे हैं और उनके परिवार की सिरसा में गहरी पैठ रही है। वहीं, गोकुल सेतिया कांग्रेस से विधायक हैं और सिरसा की सियासत में साफ-सुथरी छवि के लिए जाने जाते हैं। दोनों नेताओं के बीच यह विवाद केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि व्यापक सामाजिक और राजनैतिक संदेश भी देता है।




