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Saturday, November 8, 2025

सोनीपत की बेटी काजल ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता गोल्ड

पहलवान काजल ने बुल्गारिया के समोकोव में U-20 विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। - Dainik Bhaskar

पहलवान काजल ने बुल्गारिया के समोकोव में U-20 विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता।

सोनीपत ( Sahil Kasoon The Airnews) की युवा पहलवान काजल ने बुल्गारिया के समोकोव में आयोजित U-20 विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। टैक्सी ड्राइवर की बेटी ने 9 साल की उम्र में कुश्ती की शुरुआत करने वाली खिलाड़ी काजल ने अपने दमखम से एक बार फिर विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।

काजल ने 72 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल में चीन की यूकी लियू को 8-6 से हराकर यह खिताब अपने नाम किया। चीन की खिलाड़ी सोनीपत की काजल के सामने टिक नहीं पाई और करारी शिकस्त देकर गोल्ड पर कब्जा कर लिया। यह काजल का लगातार दूसरा विश्व चैंपियनशिप गोल्ड है, क्योंकि वह पिछले साल अंडर-17 कैटेगरी में भी चैंपियन बनी थीं।

जीत दर्ज करने के बाद काजल।
जीत दर्ज करने के बाद काजल।

काजल का शानदार प्रदर्शन ​सोनीपत के सेक्टर 23 में रहने वाली काजल ने पिछले साल 2024 में अंडर-17 विश्व चैंपियनशिप में 69 किग्रा भार वर्ग में यूक्रेन की ओलेक सांद्रा रिबाक को 9-2 से हराकर गोल्ड मेडल जीता था। वहीं हाल में हुई विश्व चैंपियनशिप में अंडर-20 कैटेगरी में अपना दबदबा कायम रखते हुए एक और गोल्ड अपने नाम किया। उनके इस लगातार प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया है कि वह भविष्य की एक बड़ी स्टार हैं।

काजल ने U-20 विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया है।
काजल ने U-20 विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया है।
जीत के बाद तिरंगे के साथ गर्व करती बेटी काजल।
जीत के बाद तिरंगे के साथ गर्व करती बेटी काजल।
काजल द्वारा जीता हुआ गोल्ड मेडल।
काजल द्वारा जीता हुआ गोल्ड मेडल।
रविवार सुबह दो बजे भारत में पहुंचेगी काजल।
रविवार सुबह दो बजे भारत में पहुंचेगी काजल।

संघर्ष और सफलता की कहानी ​सोनीपत के लाठ गांव में जन्मी काजल एक साधारण परिवार से आती हैं। उनके पिता टैक्सी चलाकर अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने में मदद कर रहे हैं। काजल के चाचा कृष्ण पहलवान का भी सपना था कि वह कुश्ती में आगे बढ़ें, लेकिन जब वह ऐसा नहीं कर पाए, तो उन्होंने काजल को इस खेल के लिए प्रेरित किया। अपनी मेहनत और परिवार के समर्थन से काजल ने 16 साल की उम्र में 16 बार भारत केसरी का खिताब भी जीता है।

काजल ने 9 साल की उम्र में खेलना शुरू किया था
काजल ने 9 साल की उम्र में खेलना शुरू किया था

ओलिंपिक गोल्ड लाने का सपना ​काजल और उनके परिवार का अब एक ही लक्ष्य है कि 2028 के ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर लेकर आएं। परिवार के सदस्यों का कहना है कि वे इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर काजल की तैयारी करवा रहे हैं। काजल की इस जीत से पूरे गांव और परिवार में खुशी का माहौल है।

उनके गांव लाठ में उनके भव्य स्वागत की तैयारी की जा रही है, जहां वह सबसे पहले अपने आराध्य देव की पूजा करेंगी। काजल की यह जीत सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि पूरे देश की जीत है, और यह उम्मीद जगाती है कि भविष्य में वह भारत के लिए और भी बड़े पदक लाएंगी।

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