हरियाणा में नकली करंसी रैकेट का भंडाफोड़: ₹7.64 लाख की फर्जी मुद्रा जब्त, डिजाइनर सहित 6 गिरफ्तार
Author: Sahil Kasoon | The Airnews
Date: April 5, 2025
परिचय: हरियाणा में नकली करंसी की बड़ी साजिश का पर्दाफाश
हरियाणा में नकली नोटों के एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है, जिसने पूरे राज्य में चिंता की लहर दौड़ा दी है। इस नेटवर्क का संचालन एक प्रिंटिंग डिजाइनर कर रहा था, जो अत्याधुनिक तकनीकों की मदद से हूबहू असली जैसे दिखने वाले नकली नोट तैयार कर रहा था। पुलिस की सतर्कता और खुफिया जानकारी के आधार पर इस गिरोह का पर्दाफाश किया गया। अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और कुल 7.64 लाख रुपये की नकली करंसी बरामद हुई है।
छापेमारी और गिरफ्तारियां
हरियाणा पुलिस की अपराध शाखा को मिली गुप्त सूचना के आधार पर कई ठिकानों पर छापेमारी की गई। इस दौरान 6 आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया, जिनमें मुख्य आरोपी एक प्रिंटिंग डिजाइनर, उसका सहयोगी, दो डिलीवरी एजेंट और दो फील्ड ऑपरेटिव शामिल हैं। इन सभी की भूमिका स्पष्ट रूप से परिभाषित थी और गिरोह अच्छी तरह संगठित था।
मास्टरमाइंड की पहचान
मुख्य आरोपी 38 वर्षीय एक ग्राफिक डिजाइनर है, जो पहले एक स्थानीय प्रिंटिंग प्रेस में कार्यरत था। वहीं से उसने नकली नोट छापने की बारीकियां सीखीं और फिर घर पर ही एक मिनी प्रेस स्थापित कर लिया। उसने विशेष प्रिंटर, पेपर कटिंग मशीन, हाई-क्वालिटी इंक और पेपर रोल्स की व्यवस्था कर रखी थी।
बरामद सामग्री
छापेमारी के दौरान पुलिस को निम्नलिखित सामग्री बरामद हुई:
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₹500 और ₹200 के नकली नोट, कुल राशि ₹7.64 लाख
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दो प्रिंटर
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एक पेपर कटिंग मशीन
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लैपटॉप जिसमें नोटों की डिज़ाइन फाइलें थीं
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विशेष इंक और प्रिंटिंग पेपर रोल
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मोबाइल फोन्स
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डिलीवरी और ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड से जुड़ी डायरी
नकली नोटों का वितरण कैसे होता था?
गिरोह का नेटवर्क हरियाणा के कई जिलों में फैला हुआ था। तैयार किए गए नकली नोटों को एजेंटों के माध्यम से छोटे दुकानों, बाजारों, त्योहारों और मेलों में चलाया जाता था। नोटों को असली नोटों के साथ मिलाकर इस तरह से इस्तेमाल किया जाता था कि पहचान कर पाना मुश्किल हो।
नकली नोटों की पहचान में क्यों हो रही थी परेशानी?
इन नोटों को इतनी बारीकी से तैयार किया गया था कि आम लोग ही नहीं, बल्कि कई बार बैंक की मशीनें भी इन्हें पकड़ नहीं पा रही थीं। यहीं से इस नेटवर्क को कई महीनों तक पकड़ से दूर रहने में मदद मिली। मामला तब खुला जब एक बैंक कर्मचारी ने एक संदिग्ध नोट की सूचना दी।
नकली नोटों का प्रभाव
इस तरह की नकली करंसी समाज और देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डालती है। इससे वित्तीय अस्थिरता, महंगाई, और आम जनता के बीच अविश्वास जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। नकली नोट न केवल उपभोक्ताओं को धोखा देते हैं, बल्कि बैंकिंग सिस्टम की विश्वसनीयता को भी चुनौती देते हैं।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की रणनीति
हरियाणा पुलिस ने इस मामले में विशेष जांच टीम (SIT) गठित की है, जो तकनीकी और फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से पूरे नेटवर्क की जांच करेगी। यह भी देखा जा रहा है कि क्या इस गिरोह के तार किसी अंतरराज्यीय या अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े हुए हैं।
समाधान: डिजिटल भुगतान और जागरूकता
नकली नोटों की समस्या से निपटने के लिए डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक हो गया है। सरकार और बैंक मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। साथ ही जनता को नकली नोटों की पहचान के लिए प्रशिक्षित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
नकली नोटों की पहचान कैसे करें?
आरबीआई और पुलिस द्वारा दिए गए कुछ आसान तरीके निम्नलिखित हैं:
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नोट को लाइट में देखकर वाटरमार्क जांचें
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सिक्योरिटी थ्रेड की उपस्थिति को जांचें
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सीरियल नंबर की फॉन्ट और पोजिशन देखें
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असली नोट में उभरे हुए अक्षर होते हैं
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नकली नोटों में गुणवत्ता और टेक्सचर में फर्क होता है
आरोपियों पर लगे धाराएं
गिरफ्तार सभी आरोपियों पर IPC की धाराएं 489A (नकली नोट बनाना), 489B (नकली नोटों का वितरण), 489C (नकली नोट रखना), और 120B (षड्यंत्र) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। दोष सिद्ध होने पर इन्हें 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
समाज की भूमिका
पुलिस और प्रशासन की सक्रियता जितनी जरूरी है, उतनी ही समाज की जागरूकता भी आवश्यक है। यदि किसी को नकली नोट के संदेह हों तो उसे तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए। साथ ही अपने मित्रों, परिवार और व्यापारिक सहयोगियों को इस विषय में जागरूक करें।