हरियाणा में प्राइवेट अस्पताल नहीं करेंगे आयुष्मान कार्ड से इलाज, IMA ने ठोकी हड़ताल 245 करोड़ जारी, लेकिन अभी भी 490 करोड़ की बकाया राशि बनी अड़चन, 1.35 करोड़ लोग होंगे प्रभावित

चंडीगढ़ (Sahil Kasoon The Airnews) : हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। राज्य के सभी प्राइवेट अस्पतालों ने आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज से इनकार कर दिया है। भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने बकाया भुगतान और उस पर ब्याज को लेकर सरकार से असफल बातचीत के बाद, आज रात 12 बजे से सेवाएं स्थगित करने का निर्णय लिया है।
IMA के हड़ताल के ऐलान के तुरंत बाद हरियाणा सरकार ने 245 करोड़ रुपए की राशि जारी की, जिसमें से 175 करोड़ राज्य सरकार और 70 करोड़ केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए हैं। बावजूद इसके, अस्पतालों का दावा है कि करीब 490 करोड़ रुपए अब भी बकाया हैं।
IMA हरियाणा की टीम ने स्वास्थ्य विभाग के एसीएस सुधीर राजपाल और आयुष्मान भारत हेल्थ अथॉरिटी के साथ ऑनलाइन बैठक की। बैठक में IMA की ओर से डॉ. एमपी जैन, डॉ. अजय महाजन, डॉ. सुनीता सोनी, डॉ. धीरेंद्र के सोनी और डॉ. सुरेश अरोड़ा शामिल हुए।
IMA ने कहा कि उन्हें केवल 245 करोड़ रुपए मिले हैं, जो बकाया की तुलना में बहुत कम हैं। इनमें से 175 करोड़ राज्य सरकार और 70 करोड़ केंद्र सरकार से आए हैं।
सरकार ने बताया कि 22 अगस्त को मानसून सत्र में अनुपूरक बजट की मांग की जाएगी, लेकिन ये स्पष्ट नहीं किया गया कि कितनी राशि मांगी जाएगी या मिलेगी।
IMA ने अनुबंध के अनुसार बकाया पर ब्याज की मांग की, लेकिन सरकार ने दंडात्मक ब्याज देने से इनकार कर दिया।
IMA ने पूछा कि किस अस्पताल को भुगतान हुआ है, लेकिन सरकार ने स्पष्ट सूची देने के बजाय कहा कि संबंधित अस्पतालों को अलग से सूचना दी जाएगी। जबकि कई अस्पतालों ने इस भुगतान से अनभिज्ञता जताई।
इन तमाम असमंजस और अधूरी जानकारी के बाद IMA हरियाणा ने सभी अनुबंधित अस्पतालों की ऑनलाइन मीटिंग बुलाकर सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि रात 12 बजे से आयुष्मान कार्ड पर इलाज स्थगित कर दिया जाए।
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1.35 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड हरियाणा में जारी हो चुके हैं
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अब तक 26.25 लाख मरीजों को भर्ती कर मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई
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3,990 करोड़ रुपए का उपचार मंजूर किया जा चुका है
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केंद्र सरकार ने 607.73 करोड़ रुपए जारी किए हैं
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योजना में 60:40 के अनुपात में केंद्र-राज्य फंडिंग मॉडल लागू है
सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा द्वारा लोकसभा में पूछे गए सवाल पर स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रताप राव जाधव ने कहा कि दावों का निपटान 15 से 30 दिन के भीतर होना चाहिए और दुरुपयोग रोकने के लिए उचित सत्यापन आवश्यक है।




