कुर्सी पर बैठे नगर निगम कमिश्नर से हाथ मिलाते विधायक निर्मल सिंह।
अंबाला में सम्मान न मिलने पर MLA नाराज: निगम कमिश्नर के व्यवहार पर उठे सवाल, मुख्य सचिव से की शिकायत
(Yash)
हरियाणा के अंबाला जिले में एक प्रशासनिक शिष्टाचार से जुड़ा मामूली-सा विवाद अब एक बड़े राजनीतिक मुद्दे का रूप ले चुका है। अंबाला शहर के विधायक निर्मल सिंह ने नगर निगम कमिश्नर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने न केवल विधायक का स्वागत नहीं किया, बल्कि उनके साथ असम्मानजनक व्यवहार किया। यह घटना उस समय हुई जब विधायक कुछ जनसमस्याओं को लेकर नगर निगम कार्यालय पहुंचे थे। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विधायक ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर निगम कमिश्नर की शिकायत की है, जिससे यह मुद्दा राज्य की राजनीति में गरमा गया है।
क्या है पूरा मामला?
विधायक निर्मल सिंह बीते सप्ताह नगर निगम कार्यालय पहुंचे थे। वे अपने निर्वाचन क्षेत्र की कुछ महत्वपूर्ण समस्याओं को लेकर नगर निगम कमिश्नर से चर्चा करने गए थे। विधायक का कहना है कि जब वे कमिश्नर के कक्ष में दाखिल हुए, तब न तो कमिश्नर खड़े हुए, न ही उन्होंने अभिवादन किया। इसके अलावा, पूरे संवाद के दौरान कमिश्नर का रवैया असहयोगात्मक और असम्मानजनक रहा।
विधायक ने इसे जनप्रतिनिधि के सम्मान का उल्लंघन बताते हुए कहा कि एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि, जो जनता की आवाज बनकर समस्याएं लेकर आया हो, उसके साथ इस प्रकार का व्यवहार न केवल अपमानजनक है, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ भी है।
विधायक निर्मल सिंह का बयान:
विधायक ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा:
“मैं एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि हूं। मेरे साथ ऐसा व्यवहार करके निगम प्रशासन ने न केवल मेरा, बल्कि पूरे क्षेत्र की जनता का अपमान किया है। एक लोकतंत्र में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच सम्मान और सहयोग जरूरी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि यदि अधिकारियों में ऐसा अहंकार रहेगा, तो जनता की समस्याएं कभी हल नहीं होंगी। विधायक ने पूरे मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की है।
निगम कमिश्नर की सफाई:
दूसरी ओर, नगर निगम कमिश्नर ने पूरे घटनाक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए अपनी तरफ से सफाई दी है। उन्होंने कहा:
“मैं विधायक जी का पूरा सम्मान करता हूं। संभव है कि कोई संप्रेषण की कमी रह गई हो, लेकिन मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था कि वे असम्मानित महसूस करें।”
कमिश्नर ने यह भी कहा कि वे हमेशा जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर रहते हैं और भविष्य में किसी भी प्रकार की गलतफहमी को दूर करने का प्रयास करेंगे।
प्रशासन बनाम राजनीति: गरमा गया माहौल
इस घटना ने अंबाला की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे दिया है। कई स्थानीय पार्षद और राजनीतिक कार्यकर्ता विधायक के समर्थन में आ गए हैं। उनका कहना है कि यदि प्रशासन जनप्रतिनिधियों को उचित सम्मान नहीं देगा, तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया कमजोर होगी।
इस बीच कुछ नागरिक संगठनों ने भी इस घटना पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि जनता के प्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच यदि सामंजस्य नहीं रहेगा, तो इसका सीधा असर शहर के विकास और जनहित योजनाओं पर पड़ेगा।
सोशल मीडिया पर बहस:
यह मुद्दा अब सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन चुका है। कुछ लोग कमिश्नर के पक्ष में हैं और उनका मानना है कि औपचारिकता से अधिक जरूरी है समस्याओं का समाधान। वहीं कुछ लोग विधायक के अपमान की बात कह रहे हैं और इसे प्रशासन की निरंकुशता का उदाहरण मानते हैं।