loader image
Saturday, November 8, 2025

अब हरियाणा की जेलों के कैदी चलाएंगे पेट्रोल पंप: करनाल में डीजी जेल मोहम्मद अकील ने किया उद्घाटन, सरकार को होगी सीधी आमदनी, पब्लिक को मिलेगा भरोसेमंद ईंधन

हरियाणा जेल महानिदेशक मोहम्मद अकील करनाल में पैट्रोल पंप का उद्घाटन करने पहुंचे।

करनाल, 13 जुलाई, Sahil Kasoon The Airnews — हरियाणा जेल विभाग ने एक और सराहनीय और आत्मनिर्भरता की दिशा में क्रांतिकारी पहल की है। राज्य की जेलों में बंद कैदियों को आत्मनिर्भर और समाजोपयोगी बनाने के उद्देश्य से अब उन्हें पेट्रोल पंप संचालन का जिम्मा सौंपा जा रहा है। रविवार को करनाल जिला जेल में इस मॉडल के तहत नए पेट्रोल पंप का उद्घाटन हरियाणा जेल महानिदेशक मोहम्मद अकील ने किया। यह पंप करनाल के कैथल रोड पर स्थापित किया गया है, जिसे इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL) के सहयोग से तैयार किया गया है।

डीजी अकील ने इसे “मोस्ट मॉडर्न एक्सपेरिमेंट” बताया और कहा कि इस पंप पर फिलहाल पेट्रोल और डीजल की सुविधा है, लेकिन जल्द ही CNG और इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन भी शुरू किया जाएगा। यह पंप 24 घंटे खुला रहेगा, इसकी आमदनी सीधे राज्य सरकार के खाते में जाएगी और यहां मिलने वाला ईंधन पूरी तरह पारदर्शी, मापदंड अनुसार और भरोसेमंद होगा।

करनाल के कैथल रोड पर बना कैदियों के लिए पेट्रोल पंप।

इस मॉडल की सफलता की नींव कुरुक्षेत्र में रखी गई, जहां कैदियों द्वारा संचालित पहला पेट्रोल पंप जबरदस्त सफल रहा। उसकी सफलता को देखते हुए अब करनाल, अंबाला, यमुनानगर, हिसार और सोनीपत में ये पंप शुरू किए जा चुके हैं। अगला चरण फरीदाबाद और नूंह, उसके बाद सिरसा, जींद, नारनौल और भिवानी में लागू होगा। डीजी अकील के अनुसार, यह मॉडल घाटे में नहीं जा सकता क्योंकि इसमें गुणवत्ता, मात्रा और पारदर्शिता का विशेष ध्यान रखा गया है।

कैदी सिर्फ पेट्रोल पंप ही नहीं चला रहे, बल्कि जेलों में 135 से अधिक उत्पादों का निर्माण भी कर रहे हैं। कंप्यूटर, स्टील, टेलरिंग, बुनाई जैसे कार्यों में पुरुष कैदी शामिल हैं, वहीं महिलाएं टेलरिंग, मेकअप और पढ़ाई के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। महिलाओं के लिए अलग से लाइब्रेरी और पढ़ाई की सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई गई हैं।

मीडियों से बातचीत करते जेल डीजी।

डीजी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि हरियाणा जेल प्रशासन सुधार की दिशा में लगातार अग्रसर है। जेलों में नई मशीनें लगाई जा रही हैं ताकि उत्पादों की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो। साथ ही सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अपराध अक्सर गुस्से या लालच के क्षणों में होते हैं, लेकिन उनका असर पूरे जीवन पर पड़ता है। इसी को समझाते हुए कैदियों को नैतिक शिक्षा, मोटिवेशन और पुनर्वास के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि वे जेल से बाहर जाकर समाज की मुख्यधारा में लौट सकें।

शिक्षा के क्षेत्र में भी हरियाणा जेल प्रशासन ने इग्नू (IGNOU) के सहयोग से स्किल डेवलपमेंट, आईटीआई और डिप्लोमा कोर्स शुरू किए हैं। ये कोर्स कैदियों को नए भविष्य की ओर ले जाने का अवसर प्रदान कर रहे हैं।

हरियाणा में शुरू किया गया यह अनूठा मॉडल एक उदाहरण है कि सुधार, पुनर्वास और आत्मनिर्भरता यदि प्रशासनिक इच्छाशक्ति से हो, तो जेलें भी निर्माण का केंद्र बन सकती हैं, और कैदी भी अपने भविष्य के लिए सकारात्मक योगदान दे सकते हैं।

गाड़ियों में इंधन डालते जेल कैदी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!