पहलगाम हमले के बाद बड़ी कार्रवाई: आतंकियों के घरों को उड़ाया गया, सुरक्षाबलों का कड़ा संदेश
The Airnews | जम्मू-कश्मीर
रिपोर्टर: Yash, The Airnews
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों ने तीव्र प्रतिक्रिया देते हुए आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। इस हमले में शामिल स्थानीय आतंकियों को चिन्हित करने के बाद सुरक्षाबलों ने उनके ठिकानों को नष्ट कर एक स्पष्ट संदेश दिया है – आतंक को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
पहलगाम हमला: घाटी को दहलाने वाली वारदात
पिछले हफ्ते पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने घाटी की शांति को एक बार फिर चुनौती दी। इस हमले में सुरक्षा बलों और स्थानीय नागरिकों को निशाना बनाया गया था। शुरुआती जांच के अनुसार, यह हमला सुनियोजित था, जिसमें स्थानीय आतंकियों की भूमिका प्रमुख रही।
जांच में सामने आए नामों में दो आतंकी विशेष रूप से सामने आए — आदिल हुसैन थोकर और आसिफ शेख। दोनों ही आतंकी स्थानीय निवासी हैं और पिछले कुछ समय से आतंकी गतिविधियों में सक्रिय थे।
आदिल हुसैन थोकर का घर बम से उड़ाया गया
आदिल हुसैन थोकर, जो कि अनंतनाग जिले के बिजबेहरा के गोरी इलाके का निवासी था, हमले का एक मुख्य साजिशकर्ता माना गया है। सुरक्षा एजेंसियों को पुख्ता जानकारी मिली कि आदिल ने हमले के लिए रसद और योजना में प्रमुख भूमिका निभाई थी।
जैसे ही उसकी पहचान पक्की हुई, सुरक्षाबलों ने उसके पैतृक घर को घेर कर एक योजनाबद्ध ऑपरेशन चलाया। पूरी तरह से निष्कासित किए जाने के बाद घर को बम से उड़ा दिया गया, ताकि उसका भविष्य में किसी भी रूप में आतंकी गतिविधियों के लिए उपयोग न हो सके।
गांव में तनाव, लेकिन समर्थन सुरक्षाबलों को
इस कार्रवाई के बाद गांव में कुछ समय के लिए तनाव का माहौल रहा, लेकिन स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों के इस कदम को सही ठहराया। कई ग्रामीणों ने बताया कि आदिल पिछले एक साल से घर से गायब था और उसके परिवार को भी इस बात की चिंता थी कि वह गलत रास्ते पर चला गया है।
त्राल में आतंकी आसिफ शेख का घर प्रशासन द्वारा गिराया गया
दूसरे प्रमुख आतंकी आसिफ शेख, जो पुलवामा जिले के त्राल इलाके का रहने वाला था, को भी इस हमले में साजिशकर्ता माना गया। प्रशासन ने उसके घर को गैर-कानूनी निर्माण के आधार पर गिरा दिया। इस कार्रवाई को सुरक्षाबलों और जिला प्रशासन की संयुक्त योजना के तहत अंजाम दिया गया।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, आसिफ का घर आतंकियों की शरणस्थली बन चुका था और वहां से आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था।
कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई
प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर यूनियन टेरिटरी एक्ट और पब्लिक प्रॉपर्टी डैमेज एक्ट के तहत की गई है। सुरक्षा एजेंसियों की जांच में पाया गया कि इन घरों का इस्तेमाल आतंकी नेटवर्किंग, गोला-बारूद छुपाने और हमलों की योजना बनाने के लिए किया जा रहा था।
सरकार और प्रशासन की दो-टूक नीति
हाल के वर्षों में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने साफ कर दिया है कि जो भी व्यक्ति आतंकवाद को समर्थन देगा — चाहे वो आतंकी हो या उनका मददगार — उसके खिलाफ सख्त कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
कई ऐसे उदाहरण सामने आ चुके हैं जब आतंकियों के परिजनों को सरकारी नौकरी से हटाया गया, उनके राशन कार्ड और अन्य सरकारी लाभ बंद कर दिए गए और संपत्तियों को जब्त किया गया।
संदेश साफ: आतंकियों को मिलेगा करारा जवाब
इन दोनों कार्रवाइयों ने एक बार फिर घाटी में आतंक के प्रति सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन कदमों से स्थानीय युवाओं को यह संदेश जाएगा कि आतंक का रास्ता केवल विनाश की ओर ले जाता है — खुद के लिए और अपने परिवार के लिए भी।
स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियों की भूमिका
इस कार्रवाई में स्थानीय पुलिस, एसओजी, सीआरपीएफ और खुफिया एजेंसियों का तालमेल बेहद प्रभावशाली रहा। गुप्त जानकारी और निगरानी से आतंकियों की पहचान की गई और फिर योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
आगे की रणनीति: आतंक के खिलाफ निर्णायक अभियान
सुरक्षा एजेंसियों ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में घाटी में आतंक के खिलाफ और भी कठोर अभियान चलाए जाएंगे। आतंकियों और उनके मददगारों की पहचान कर उन्हें कानूनी और सशस्त्र दोनों रूपों में जवाब दिया जाएगा।
स्थानीय लोगों से अपील
प्रशासन ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस या सुरक्षाबलों को दें। साथ ही यह भी कहा गया कि जो भी व्यक्ति देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होगा, उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।