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Saturday, November 8, 2025

करनाल में माइनिंग कर्मचारियों की पिटाई ?

वारदात के बाद घायल कर्मचारियों का अस्पताल में चलता इलाज। - Dainik Bhaskar
                               वारदात के बाद घायल कर्मचारियों का अस्पताल में चलता इलाज।

करनाल में माइनिंग कर्मचारियों की पिटाई: हमलावरों ने लाठी-डंडों और तेजधार हथियारों से किया हमला, बोलेरो ट्रैक्टर क्षतिग्रस्त, 5 घायल

करनाल, 15 अप्रैल 2025 – हरियाणा के करनाल जिले के इंद्री थाना क्षेत्र स्थित गांव चंद्राव में एक खनन कंपनी के कर्मचारियों पर लाठी-डंडों और तेजधार हथियारों से हमला करने का मामला सामने आया है। इस हमले में पांच कर्मचारी घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर है। घटना के बाद पुलिस ने 15 हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और घटना की जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने करनाल में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के मुद्दों को एक बार फिर से चर्चा में ला दिया है।

घटना का विवरण: क्या हुआ था?

घटना सुबह के समय हुई, जब माइनिंग कंपनी के कर्मचारी अपनी गाड़ी में सवार होकर जमना साइट की तरफ जा रहे थे। बोलेरो गाड़ी में सवार कर्मचारी जैसे ही गांव चंद्राव के पास पहुंचे, तभी लगभग 15 हमलावरों ने उनकी गाड़ी का रास्ता रोक लिया। यह हमलावर तेजधार हथियारों और लाठी-डंडों से लैस थे।

गाड़ी के रुकते ही, हमलावरों ने कर्मचारियों पर हमला कर दिया। सबसे पहले, उन्होंने गाड़ी की खिड़की खोली और अंदर बैठे कर्मचारी अभिषेक पर हमला किया। इसके बाद, हमलावरों ने अन्य कर्मचारियों पर भी हमला किया और उनके ऊपर लाठी-डंडों से वार किए। इसके अलावा, हमलावरों ने बोलेरो गाड़ी को बुरी तरह से तोड़ा और उसे पलट दिया।

गाड़ी के पास खड़ा ट्रैक्टर भी हमलावरों के निशाने पर था, जिसे उन्होंने लाठी-डंडों से तोड़ दिया। इस घटना में पांच माइनिंग कर्मचारी घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर है। गंभीर रूप से घायल कर्मचारी को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। बाकी घायल कर्मचारियों को इंद्री के सरकारी अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।

घायलों का अस्पताल में इलाज

घटना के बाद, घायल कर्मचारियों को इंद्री के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने अभिषेक की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज रेफर किया। अन्य घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।

हमलावरों के बारे में प्राप्त जानकारी के अनुसार, वे करीब 15 की संख्या में थे और हथियारों से लैस थे। इस हमले ने न केवल माइनिंग कंपनी के कर्मचारियों को शारीरिक नुकसान पहुँचाया, बल्कि कंपनी के वाहनों और मशीनरी को भी भारी नुकसान हुआ है।

पुलिस की कार्रवाई और जांच

इस मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने घायलों की शिकायत के आधार पर 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जांच अधिकारी चरण सिंह ने बताया कि माइनिंग कर्मचारियों पर हमले की शिकायत मिली है, और मामले की जांच जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि घटना के सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, उचित कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस ने घटनास्थल से सबूत जुटाने के लिए जांच शुरू कर दी है और हमलावरों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए आसपास के गांवों में पूछताछ भी की जा रही है। हमले के कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है, लेकिन माना जा रहा है कि यह हमला किसी विवाद या व्यक्तिगत दुश्मनी का परिणाम हो सकता है।

हमलावरों के बारे में जानकारी

हमलावरों की पहचान अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हमलावर गांव गढ़ी बीरबल, संधाली, कलसौरा, उमरपुर, और आसपास के क्षेत्रों से थे। इनमें से कुछ के नाम हिमांशु, संधाली निवासी प्रताप, कलसौरा निवासी मनदीप, उमरपुर निवासी अभिषेक, और विशाल हैं। ये कर्मचारी बोलेरो गाड़ी में सवार होकर अपनी ड्यूटी पर जा रहे थे जब उन पर हमला किया गया।

हमलावरों में शामिल लोगों के नामों की जानकारी के बाद, पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।

माइनिंग कर्मचारियों की सुरक्षा पर सवाल

इस घटना ने माइनिंग कर्मचारियों की सुरक्षा के मुद्दे को एक बार फिर से उठाया है। कई बार माइनिंग के कार्यों में विवाद होते रहते हैं, लेकिन इस प्रकार की हिंसक घटनाएँ किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं हैं। हमले के बाद माइनिंग कर्मचारियों और उनके परिवारों में भय और असुरक्षा का माहौल है।

कंपनी और स्थानीय प्रशासन से यह उम्मीद की जाती है कि वे कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए उचित उपाय करेंगे। इसके अलावा, स्थानीय पुलिस को इस प्रकार की घटनाओं की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में ऐसे हमले न हों।

क्षति और नुकसानी का आकलन

इस हमले के कारण, माइनिंग कर्मचारियों को न केवल शारीरिक रूप से नुकसान हुआ है, बल्कि कंपनी के वाहनों और अन्य उपकरणों को भी नुकसान पहुँचाया गया है। बोलेरो गाड़ी और ट्रैक्टर दोनों को नुकसान पहुँचा है, और इनकी मरम्मत में समय और पैसे की आवश्यकता होगी।

इसके अलावा, माइनिंग काम में लगे कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर सरकार और प्रशासन को विचार करना चाहिए ताकि इस तरह की घटनाएँ भविष्य में न हों।

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