किसान देवता संत शिरोमणि धना भगत की जयंती पर जुलानी खेड़ा में हुआ किसान चौक का उद्घाटन
जुलानी खेड़ा ( Sahil Kasoon ) – जुलानी खेड़ा में आज, किसान देवता संत शिरोमणि धना भगत की जयंती के अवसर पर एक विशेष और यादगार समारोह आयोजित किया गया। इस दिन की खासियत यह रही कि विदेश में गए बच्चों के सहयोग से तैयार किए गए किसान चौक का उद्घाटन समस्त ग्राम वासियों द्वारा किया गया। यह आयोजन न केवल गांव की सामाजिक एकता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि समाज के विभिन्न वर्गों का सहयोग एक दूसरे की मदद से कैसे महत्वपूर्ण कार्यों की प्राप्ति हो सकती है।
समारोह की शुरुआत
धना भगत की जयंती को लेकर गांव जुलानी खेड़ा में बहुत धूमधाम और श्रद्धा के साथ आयोजन किया गया। इस अवसर पर ग्राम पंचायत जुलानी खेड़ा के सरपंच नरेंद्र जुलानी खेड़ा ने मंच से उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि धना भगत का योगदान न केवल किसानों के लिए, बल्कि समाज के सभी वर्गों के लिए अमूल्य रहा है। उनके सिद्धांतों और कार्यों ने समाज को जागरूक किया और उन्हें सम्मान दिया। इस दिन को मनाने का उद्देश्य उनके योगदान को याद करना और उनकी विचारधारा को जीवन में उतारने का संकल्प लेना है।
इस अवसर पर किसान चौक का उद्घाटन किया गया। चौक का निर्माण विदेश में गए गांव के बच्चों के सहयोग से हुआ था। यह चौक न केवल गांव की पहचान बन चुका है, बल्कि यह गांव के लोगों की मेहनत, एकता और सामाजिक योगदान का प्रतीक भी है।
विदेश में गए बच्चों का योगदान
गांव जुलानी खेड़ा के लिए यह गर्व की बात है कि विदेश में गए बच्चों ने अपनी जन्मभूमि से दूर रहते हुए भी अपनी जिम्मेदारी को समझा और गांव के विकास में योगदान दिया। इन बच्चों ने अपने प्रियजनों के साथ मिलकर किसान चौक की नींव रखी। यह बच्चों की सोच और समाज की सेवा के प्रति उनके समर्पण का उदाहरण है।
चौक के उद्घाटन के दौरान, ग्राम पंचायत के सरपंच नरेंद्र जुलानी खेड़ा ने उन बच्चों के माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को सम्मानित किया, जिन्होंने इस प्रोजेक्ट में सहयोग किया। इस सम्मान समारोह में उपस्थित ग्रामीणों ने भी इन बच्चों की सराहना की और उनके योगदान को सलाम किया।
नरेंद्र सरपंच जुलानी खेड़ा ने बताया कि गांव के लिए इस प्रकार के छोटे-छोटे प्रयास बड़े बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह चौक केवल एक भौतिक संरचना नहीं है, बल्कि यह समाज की सामूहिक शक्ति का प्रतीक है, जो कभी भी किसी भी स्थान से, किसी भी परिस्थिति में उभर सकती है। यह प्रोजेक्ट यह भी दिखाता है कि भले ही हम शारीरिक रूप से कहीं और हों, लेकिन हमारी जड़ें और संस्कार हमेशा हमें अपने गांव और देश से जोड़ते हैं।
समाज के सहयोग से हुआ विकास
किसान चौक के उद्घाटन के समय यह स्पष्ट रूप से देखा गया कि जब समाज के लोग एकजुट हो जाते हैं, तो वे किसी भी समस्या का समाधान निकाल सकते हैं और समाज की भलाई के लिए काम कर सकते हैं। चौक का निर्माण एक उदाहरण है कि कैसे समाज में सामूहिक प्रयास से विकास संभव है।
चौक का उद्घाटन करने के बाद, स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों ने इस प्रोजेक्ट की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के विकासात्मक कार्य केवल भौतिक परिवर्तन नहीं लाते, बल्कि यह समाज की मानसिकता को भी बदलने का काम करते हैं। यह प्रोजेक्ट उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो समाज के लिए योगदान देने में संकोच करते हैं।
गांव के बुजुर्गों ने इस आयोजन को लेकर कहा कि यह गांव की समाज सेवा की परंपरा को आगे बढ़ाने वाला कदम है। ऐसे कार्यों से ना केवल समाज में एकता आती है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी यह प्रेरणा मिलती है कि वे अपने समाज की सेवा करें और उसके विकास में सहयोग दें। इस कार्यक्रम में उपस्थित युवा वर्ग ने भी इस पहल को सराहा और यह विश्वास जताया कि आने वाले समय में ऐसे और भी प्रोजेक्ट्स होंगे, जो समाज के लिए लाभकारी होंगे।
धना भगत के योगदान को याद करते हुए
संत शिरोमणि धना भगत का योगदान समाज में हमेशा याद किया जाएगा। वे एक ऐसे नेता थे जिन्होंने न केवल किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया, बल्कि पूरे समाज के उत्थान के लिए अपने जीवन को समर्पित किया। उनके कार्यों ने समाज को दिशा दी और उन्हें आदर्श बनाया।
उनकी जयंती पर आयोजित इस समारोह का उद्देश्य उनके योगदान को सम्मानित करना था। उनके सिद्धांतों और कार्यों के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि यदि हम अपने कार्यों से दूसरों की भलाई का ख्याल रखें, तो समाज में बदलाव लाया जा सकता है।
समारोह के दौरान अन्य प्रमुख बातें
इस समारोह के दौरान गांव के अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे, जिन्होंने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। इनमें स्थानीय शिक्षक, स्वास्थ्यकर्मी, किसान और अन्य समाजसेवी लोग शामिल थे। उन्होंने इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन को गांव के विकास के लिए अहम बताया और इस दिशा में भविष्य में और भी कार्य करने का संकल्प लिया।
समारोह में पहुंचे सभी लोगों ने इस बात पर जोर दिया कि सामाजिक जिम्मेदारी हर नागरिक की है और यह हमें अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए समाज में योगदान देने के लिए प्रेरित करता है। हर व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वह अपने गांव और समाज के विकास के लिए कदम बढ़ाए, चाहे वह किसी भी क्षेत्र में काम कर रहा हो।