loader image
Saturday, November 8, 2025

कुरुक्षेत्र में रोडवेज कर्मियों की भूख हड़ताल, सरकार पर निजीकरण का आरोप

कुरुक्षेत्र में रोडवेज कर्मियों की भूख हड़ताल, सरकार पर निजीकरण का आरोप

( Sahil Kasoon ) हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार पर निजीकरण का आरोप लगाते हुए कुरुक्षेत्र में 24 घंटे की भूख हड़ताल शुरू कर दी है। हालांकि, उन्होंने कामकाज बंद नहीं करने का ऐलान किया है। यह विरोध प्रदर्शन 3 अप्रैल से 6 मई तक अलग-अलग डिपो में चलेगा, जबकि 12-13 मई को सभी डिपो में भूख हड़ताल होगी। इसके बाद 8 जून को परिवहन मंत्री के आवास अंबाला में न्याय मार्च निकाला जाएगा।

यूनियन ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के डिपो प्रधान नरेंद्र पांचाल ने सरकार पर रोडवेज को निजी हाथों में सौंपने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 2018 में लागू की गई 710 किलोमीटर स्कीम के तहत निजी बसों को प्रति किलोमीटर 32-33 रुपये का भुगतान किया जा रहा है, जबकि उनकी औसत आय मात्र 10-11 रुपये प्रति किलोमीटर है। इससे विभाग को भारी नुकसान हो रहा है।

प्रमुख मुद्दे:

  1. निजी बसों को बढ़ावा: हाल ही में 62 रुपये प्रति किलोमीटर किराए की इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दी गई, जो घाटे का सौदा है।

  2. परमिट फीस शून्य: सरकार ने निजी बसों के ऑनलाइन परमिट जारी कर दिए हैं और उनकी परमिट फीस को शून्य कर दिया गया, जबकि न्यूनतम 25,000 रुपये होनी चाहिए।

  3. मैकेनिकों की भर्ती नहीं: 1993 के बाद से रोडवेज वर्कशॉप में मैकेनिकों की कोई भर्ती नहीं हुई, जिससे विभाग को तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

  4. कर्मचारियों के फायदे रोके: सरकार के साथ कई दौर की बातचीत के बावजूद कर्मचारियों की मांगें लागू नहीं की जा रही हैं।

सरकार पर जानबूझकर घाटा दिखाने का आरोप

यूनियन के सचिव रंजीत करोड़ा ने कहा कि कर्मचारियों को उम्मीद थी कि परिवहन मंत्री अनिल विज रोडवेज को घाटे से उबारेंगे, लेकिन इसके उलट निजी बसों को बढ़ावा दिया गया। उन्होंने सरकार पर जानबूझकर रोडवेज को नुकसान में दिखाने का आरोप लगाया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!