कैथल का 25 वर्षीय युवक निकला पाकिस्तानी जासूस: ISI से कैसे जुड़े तार, जानिए पूरी कहानी

कैथल का 25 वर्षीय युवक निकला पाकिस्तानी जासूस: ISI से कैसे जुड़े तार, जानिए पूरी कहानी
The Airnews | Amit Dalal
हरियाणा के शांत माने जाने वाले जिले कैथल से देश की सुरक्षा एजेंसियों को बड़ा झटका लगा है। यहां के मस्तगढ़ गांव का रहने वाला 25 वर्षीय देवेंद्र सिंह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI (Inter-Services Intelligence) के लिए जासूसी करता पाया गया है। मामला बेहद संवेदनशील है क्योंकि देवेंद्र पर भारतीय सेना के गोपनीय ऑपरेशन “सिंदूर” से जुड़ी जानकारियां पाकिस्तान भेजने का आरोप है।
इस पूरी घटना ने देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कैसे एक सामान्य युवक विदेश की खुफिया एजेंसी के जाल में फंसा? उसने कौन-कौन सी सूचनाएं साझा कीं? पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने उसे कैसे पकड़ा? आइए जानते हैं इस पूरे मामले की पूरी परतें।
पहला खुलासा: एक फेसबुक पोस्ट से खुला राज
पुलिस के अनुसार, 13 मई को देवेंद्र सिंह को पहली बार सोशल मीडिया पर अवैध हथियारों से जुड़ी एक पोस्ट के आधार पर हिरासत में लिया गया। जांच शुरू हुई तो पुलिस को सिर्फ हथियारों का ही नहीं, बल्कि जासूसी के एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का भी सुराग मिला।
जैसे-जैसे पूछताछ आगे बढ़ी, देवेंद्र के पाकिस्तान से रिश्तों का खुलासा होता गया। उसने माना कि वह करतारपुर कॉरिडोर के जरिए करतारपुर साहिब, लाहौर, पंजा साहिब व ननकाना साहिब गया था। धार्मिक यात्रा के नाम पर उसने पाकिस्तान की धरती पर कदम रखा, लेकिन वहां उसका संपर्क ISI एजेंसी से हो गया।
कैसे फंसा पाकिस्तान की लड़की के जाल में?
जांच अधिकारियों ने बताया कि देवेंद्र को ISI एजेंसी ने हनीट्रैप के जरिए अपने जाल में फंसाया। पाकिस्तान में उसकी मुलाकात एक लड़की से हुई, जिसके साथ वह करीब एक सप्ताह रहा। पुलिस का मानना है कि यह लड़की ISI की ओर से तैनात एजेंट थी।
इसी दौरान, देवेंद्र को आईएसआई के अधिकारियों से मिलवाया गया और उससे भारत से जुड़ी जानकारियां एकत्र करने के लिए तैयार किया गया। वापस लौटने के बाद भी देवेंद्र पाकिस्तान एजेंटों से संपर्क में बना रहा।
आर्मी की लोकेशन भेजता रहा दुश्मन को
देवेंद्र की पढ़ाई पंजाब के पटियाला में चल रही थी। वहां रहकर उसने भारतीय सेना की पटियाला स्थित कैंट की तस्वीरें खींचीं और उन्हें पाकिस्तान भेजा। पुलिस ने उसके मोबाइल से कुछ डेटा बरामद किया है, जिसमें आर्मी मूवमेंट और संवेदनशील क्षेत्रों की तस्वीरें थीं।
सबसे गंभीर बात यह रही कि देवेंद्र ने “ऑपरेशन सिंदूर” से जुड़ी गोपनीय जानकारियां भी पाक एजेंसी को भेजीं। यह ऑपरेशन भारतीय सेना के लिए एक गुप्त मिशन माना जाता है।
डिवाइसेस से डाटा डिलीट कर भागने की कोशिश
जब देवेंद्र को अपने ऊपर संदेह होने की भनक लगी, तो उसने फौरन अपने मोबाइल फोन, लैपटॉप व अन्य डिवाइसेस से डाटा डिलीट कर दिया। उसने कोशिश की कि कोई सबूत न मिले, लेकिन कैथल पुलिस की साइबर यूनिट ने डिलीट डेटा को रिकवर करना शुरू कर दिया है।
तकनीकी टीम अब डेटा रिकवरी की प्रक्रिया में जुटी है और उम्मीद है कि जल्द ही उसके पाक एजेंटों के साथ चैट, फाइल शेयरिंग और अन्य गतिविधियों के पुख्ता सबूत सामने आ जाएंगे।
अब तक 5 पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में रह चुका है देवेंद्र
पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई कि देवेंद्र अब तक कम से कम 5 पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में रह चुका है। उसने न केवल खुफिया जानकारियां भेजीं बल्कि कुछ दस्तावेज भी साझा किए हैं। उसके बैंक खातों की भी जांच की जा रही है कि क्या उसे कोई आर्थिक सहायता भी दी गई थी।
कैथल एसपी ने की पुष्टि, नेटवर्क की जांच जारी
इस पूरे मामले की पुष्टि करते हुए कैथल एसपी आस्था मोदी ने बताया कि देवेंद्र सिंह ने करतारपुर साहिब के दर्शन के बहाने पाकिस्तान का दौरा किया था और वहीं ISI एजेंसी से उसका संपर्क हुआ। इसके बाद वह भारत लौटकर सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान को भेजने लगा।
फिलहाल पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है, ताकि उससे और अधिक जानकारी हासिल की जा सके। साथ ही जांच एजेंसियां यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इस नेटवर्क में कोई और भी स्थानीय या बाहरी लोग शामिल हैं।
गांव वालों को भी नहीं था शक
मस्तगढ़ गांव के लोगों का कहना है कि देवेंद्र शांत स्वभाव का युवक था। किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि वह देश के साथ गद्दारी कर रहा है। गांव में यह खबर फैलते ही लोगों में आक्रोश और शर्मिंदगी दोनों देखी गई।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ी चेतावनी
यह मामला भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चेतावनी है कि कैसे ISI जैसे संगठन अब धार्मिक यात्रा जैसे विकल्पों का इस्तेमाल कर भारतीय युवाओं को जाल में फंसा रहे हैं। करतारपुर कॉरिडोर, जो भारत-पाक संबंधों के बीच धार्मिक पुल माना गया था, अब एक सुरक्षा चुनौती बनता जा रहा है।
पुलिस जांच का अगला कदम
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आरोपी के मोबाइल, ईमेल और सोशल मीडिया खातों का विश्लेषण किया जा रहा है।
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उसके बैंक खातों की जांच की जा रही है कि कोई विदेशी लेन-देन तो नहीं हुआ।
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ISI एजेंट लड़की की पहचान और उसके नेटवर्क को ट्रेस किया जा रहा है।
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ऑपरेशन सिंदूर से लीक हुई सूचनाओं को रोकने के लिए सेना को अलर्ट किया गया है।
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