
कैथल में पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ उग्र प्रदर्शन: दुकानदारों का बाजार बंद कर आतंकवाद के खिलाफ सशक्त संदेश
The Airnews | रिपोर्टर: यश | स्थान: कैथल, हरियाणा
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश का माहौल है। इस भयावह हमले में निर्दोष पर्यटकों की मौत और कई के घायल होने की खबर ने देशवासियों को झकझोर कर रख दिया है। हरियाणा के कैथल जिले में भी इस घटना के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया गया। यहां के दुकानदारों ने अपने-अपने प्रतिष्ठानों को बंद करके न केवल हमले की निंदा की, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का भी परिचय दिया।
दुकानें बंद कर जताया गया विरोध
कैथल के छात्रावास रोड के दुकानदारों ने मंगलवार सुबह ही अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने का निर्णय लिया। जैसे ही दिन चढ़ा, समूचे हॉस्टल रोड पर दुकानें बंद होने लगीं और दुकानदार विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए। उन्होंने पुराने बस स्टैंड तक मार्च किया और सरकार से आतंकियों को कड़ी सजा देने की मांग की। दुकानदारों ने स्पष्ट रूप से कहा कि निर्दोष लोगों की जान लेने वालों को फांसी दी जानी चाहिए।
बाजार में सन्नाटा, विरोध में गूंजे नारे
हॉस्टल रोड का पूरा बाजार मंगलवार को पूरी तरह बंद रहा। न कोई ग्राहक आया और न ही कोई सामान बिका। दुकानदारों का कहना था कि जब तक आतंकियों को पकड़कर सजा नहीं दी जाती, तब तक देशभर में इस तरह के विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे।
इस प्रदर्शन में भाग लेने वाले प्रमुख दुकानदारों में ईश्वर चंद, सुदामा, जितेंद्र नंद, पवन शर्मा, राजेश गुप्ता आदि शामिल थे। उन्होंने कहा कि यह हमला केवल किसी स्थान विशेष पर हमला नहीं है, बल्कि यह समूचे देश के आत्मसम्मान और भविष्य पर हमला है।
“हम सरकार के साथ खड़े हैं”: दुकानदार
प्रदर्शन के दौरान दुकानदारों ने कहा कि देश की एकता और अखंडता के लिए वे हमेशा सरकार के साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी स्तर पर सरकार को समर्थन की जरूरत होगी, तो कैथल का व्यापारी समाज बिना हिचक तैयार रहेगा। उनका यह भी कहना था कि अब समय आ गया है कि आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही हो।
आतंकवाद के खिलाफ नारेबाजी और पाकिस्तान की निंदा
प्रदर्शन के दौरान “आतंकवाद मुर्दाबाद” और “पाकिस्तान होश में आओ” जैसे नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान पर आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाते हुए सरकार से कठोर अंतरराष्ट्रीय कदम उठाने की मांग की।
सामाजिक संदेश: यह विरोध सिर्फ आज का नहीं है
प्रदर्शनकारियों ने जोर देकर कहा कि यह विरोध सिर्फ पहलगाम की घटना के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक संदेश भी है। अगर अब भी आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में आम जनमानस और भी बड़ी त्रासदियों का शिकार होगा।
सुरक्षा व्यवस्था सख्त, प्रशासन रहा अलर्ट
प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। जिला प्रशासन ने किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया था। पुलिस बल ने प्रदर्शन को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने में सक्रिय भूमिका निभाई।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएं
प्रदर्शन के दौरान उपस्थित स्थानीय लोगों ने भी आतंकवाद की आलोचना की और कहा कि देश अब और अधिक इस तरह के हमलों को सहन करने की स्थिति में नहीं है।
एक महिला प्रदर्शनकारी रेखा देवी ने कहा, “अब बहुत हो गया। हमारी सरकार को चाहिए कि आतंक के खिलाफ निर्णायक युद्ध छेड़े। यह सिर्फ सैनिकों की जिम्मेदारी नहीं, आम नागरिक भी साथ खड़े हैं।”
भविष्य की दिशा और उम्मीदें
दुकानदारों के इस प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया कि आम नागरिक अब आतंकवाद के विरुद्ध सिर्फ सहानुभूति नहीं, बल्कि सक्रिय भागीदारी चाहते हैं। यह प्रदर्शन न सिर्फ प्रशासन के लिए चेतावनी है बल्कि राजनीतिक नेतृत्व के लिए भी एक संकेत है कि जनता अब शब्द नहीं, कार्रवाई चाहती है।