
कैथल में प्राइवेट स्कूल पर सीएम फ्लाइंग की छापेमारी: मान्यता नहीं रिन्यू, नियमों के विरुद्ध बना बेसमेंट, संचालक बेबस
The Airnews | कैथल | शिक्षा विभाग विशेष रिपोर्ट | रिपोर्टर: Yash
हरियाणा के कैथल जिले में एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठते नजर आ रहे हैं। इस बार निशाने पर रहा एक निजी स्कूल, जिस पर सीएम फ्लाइंग स्क्वॉड ने औचक निरीक्षण के दौरान बड़ी खामियों का खुलासा किया है। स्कूल ना केवल मान्यता रिन्यू करवाने में असफल रहा, बल्कि विभागीय नियमों के खिलाफ जाकर बेसमेंट में विद्यार्थियों को बैठाने की व्यवस्था भी की गई थी। जब दस्तावेज मांगे गए, तो स्कूल संचालक के पास कोई वैध उत्तर या प्रमाण नहीं था।
औचक निरीक्षण की पृष्ठभूमि: कब और कैसे हुई रेड?
दिनांक [तारीख अनुसार], सुबह 10 बजे के करीब सीएम फ्लाइंग स्क्वॉड और जिला शिक्षा विभाग की एक संयुक्त टीम ने अचानक स्कूल में दस्तक दी। यह कार्रवाई पिछले कई दिनों से मिली शिकायतों और शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई संदिग्ध स्कूलों की सूची के आधार पर की गई थी।
टीम में शामिल अधिकारी खंड शिक्षा अधिकारी सुरेश कैंदल के अनुसार, इस स्कूल को पहले भी विभाग की ओर से नोटिस दिया गया था, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। इसलिए अब टीम ने सीधे रेड कर के रिकॉर्ड और व्यवस्थाएं जांची।
जांच में सामने आईं गंभीर खामियां
सीएम फ्लाइंग द्वारा किए गए निरीक्षण में निम्न प्रमुख खामियां पाई गईं:
1. मान्यता रिन्यू न कराना
स्कूल पिछले कई वर्षों से चल रहा है लेकिन इसकी मान्यता रिन्यू नहीं करवाई गई। नियमानुसार, हर 3 से 5 साल में निजी स्कूलों को अपनी मान्यता नवीनीकरण कराना अनिवार्य होता है।
स्कूल संचालक किसी भी प्रकार की वैध मान्यता या अनुमति पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाया।
2. बेसमेंट में कक्षाएं चलाना
विद्यालय परिसर में छात्रों के बैठने की व्यवस्था बेसमेंट में की गई थी, जोकि हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड और डिजास्टर मैनेजमेंट के नियमों के अनुसार गंभीर उल्लंघन है।
बेसमेंट में कोई फायर सेफ्टी सिस्टम, वेंटीलेशन या इमरजेंसी एग्जिट नहीं पाया गया।
3. सुरक्षा मानकों की अनदेखी
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स्कूल के प्रवेश द्वार पर कोई गेट पास या विज़िटर रजिस्टर नहीं था।
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सीसीटीवी कैमरे कार्यरत नहीं थे।
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फायर सेफ्टी उपकरण एक्सपायर पाए गए।
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बिल्डिंग का कोई बिल्डिंग सेफ्टी सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं कराया गया।
शिक्षा विभाग की कार्रवाई और दिशा-निर्देश
कैथल के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा पहले ही जिले के 38 अवैध स्कूलों की सूची तैयार की जा चुकी है। इस सूची में शामिल इस स्कूल पर अब गहन कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
खंड शिक्षा अधिकारी सुरेश कैंदल ने कहा:
“हमने इस स्कूल को पूर्व में नोटिस दिया था। लेकिन संचालक की तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं आया। अब जब हमने रेड की, तो स्कूल में नियमों का खुला उल्लंघन मिला। रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जा रही है, जिसके आधार पर स्कूल के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।”
क्यों खतरनाक है बेसमेंट में स्कूल चलाना?
बेसमेंट में स्कूल चलाने के खतरे केवल अवैधता तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इससे बच्चों की जान को भी खतरा हो सकता है:
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जलभराव की संभावना
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ऑक्सीजन की कमी और वेंटीलेशन ना होना
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आपातकालीन परिस्थिति में निकासी के रास्ते ना होना
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आग लगने की स्थिति में दम घुटना या फंसे रहना
NOC और भवन अनुज्ञा की अनिवार्यता
हर प्राइवेट स्कूल को निम्न प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से प्राप्त करने होते हैं:
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मान्यता पत्र (Recognition Certificate)
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NOC (No Objection Certificate)
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फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट
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बिल्डिंग फिटनेस सर्टिफिकेट
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स्वच्छता प्रमाण पत्र
इस स्कूल के पास इनमें से कोई भी वैध दस्तावेज उपलब्ध नहीं था। इससे साफ जाहिर होता है कि स्कूल पूरी तरह अवैध तरीके से संचालित हो रहा था।
कौन है जिम्मेदार?
स्कूल प्रबंधन
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नियमानुसार कागजी कार्यवाही न करना।
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विद्यार्थियों की सुरक्षा की अनदेखी।
जिला प्रशासन
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पहले से सूची में शामिल होने के बावजूद लंबे समय तक कार्रवाई में देरी।
शिक्षा विभाग
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नोटिस भेजने के बावजूद कोई तत्काल दंडात्मक कदम न उठाना।
अभिभावकों में रोष
जब टीम रेड के दौरान स्कूल पहुंची, तो कुछ अभिभावक भी वहां मौजूद थे। उनमें से कई को स्कूल के अवैध संचालन की जानकारी तक नहीं थी। कुछ अभिभावकों ने कहा:
“हमने बच्चों का दाखिला विश्वास के साथ करवाया था। अब पता चल रहा है कि स्कूल बिना मान्यता के चल रहा है, ये बेहद निराशाजनक है।”