
कैथल में 9 लाख ठगी केस में गिरफ्तारी: युवक को यूरोप की बजाय भेजा आर्मेनिया, आरोपी को 2 दिन का रिमांड
कैथल, हरियाणा – एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक युवक को यूरोप भेजने के नाम पर उसे आर्मेनिया भेज दिया गया और आरोपियों ने उससे 9 लाख रुपये ठग लिए। कैथल पुलिस ने इस ठगी के मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान जींद जिले के गांव तेली खेड़ा निवासी चंद्रशेखर के रूप में हुई है, जिसे पुलिस ने गांव से गिरफ्तार किया है। इस मामले में युवक के साथ हुई ठगी ने यह साबित कर दिया है कि विदेश भेजने के नाम पर लोग किस तरह से ठगी का शिकार हो रहे हैं।
क्या था पूरा मामला?
गांव पाई के निवासी सत्यवान ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनका बेटा राजीव यूरोप में काम करने का इच्छुक था। इसके लिए गांव सिसमौर के प्रदीप कुमार और गुरमीत ने राजीव से संपर्क किया और बताया कि वह उसे आर्मेनिया होते हुए यूरोप भेजने का रास्ता जानता है। प्रदीप ने कहा कि वह राजीव को यूरोप भेजने के लिए मदद करेगा और इसके लिए उसे 8 लाख रुपये की राशि देनी होगी। इसके अलावा, एक लाख रुपये का अतिरिक्त भुगतान टिकटों के लिए किया जाएगा।
प्रदीप और गुरमीत ने कहा कि जब तक राजीव यूरोप नहीं पहुंचेगा, उनका आर्मेनिया का वीजा कार्ड बना दिया जाएगा। इसके बाद, वे राजीव को सीधा यूरोप की कंपनी में लेकर जाएंगे, जहां वह 60-70 हजार रुपये महीने की सैलरी पर काम करेगा और खाने-पीने का खर्च भी कंपनी वहन करेगी।
राजीव की यात्रा: ठगी का खुलासा
सत्यवान ने आरोपियों के झांसे में आकर अपने बेटे राजीव को विदेश भेजने का निर्णय लिया। अगस्त 2023 में राजीव को मेडिकल के लिए दिल्ली बुलाया गया और फिर 13 सितंबर 2023 को उसे दिल्ली एयरपोर्ट पर बुलाया गया। प्रदीप और गुरमीत ने कहा कि सिक्योरिटी कड़ी होने के कारण राजीव को एयरपोर्ट के अंदर नहीं जाने दिया गया और उसका वीजा भी नहीं दिखाया गया। हालांकि, उन्हें यकीन दिलाया गया कि वीजा की समस्या जल्द हल हो जाएगी।
16 सितंबर को राजीव को दुबई भेजा गया, लेकिन वहां उसकी स्थिति और भी खराब हो गई। आरोपियों ने वादा किया था कि वह राजीव को एक कंपनी में काम दिलवाएंगे, लेकिन वहां जाकर राजीव को किसी भी कंपनी में नौकरी नहीं मिली। वह कई दिन सड़क पर सोता रहा और भूखा भी रहा। उसे घर से पैसे मंगवाने पड़े ताकि वह कुछ दिन और दुबई में रह सके। जब आरोपियों ने यूरोप भेजने का वादा पूरा नहीं किया, तो राजीव को 50 दिन बाद दुबई से वापस लौटना पड़ा।
ठगी के आरोप और गिरफ्तारी
राजीव ने जब वापस लौटने का निर्णय लिया और आरोपियों से अपने पैसे वापस मांगे, तो उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद सत्यवान ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि प्रदीप, गुरमीत और चंद्रशेखर ने मिलकर उनके बेटे से 9 लाख रुपये ठगे। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी चंद्रशेखर को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने आरोपी से 40 हजार रुपये और एक मोबाइल फोन बरामद किया है। इसके बाद, आरोपी को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया और अदालत से 2 दिन का पुलिस रिमांड प्राप्त किया गया। पुलिस अब इस मामले में गहन पूछताछ कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अन्य कौन लोग इस ठगी में शामिल हो सकते हैं।
ठगी के बढ़ते मामलों पर चिंता
इस मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि विदेश भेजने के नाम पर ठगी के मामलों में वृद्धि हो रही है। ऐसे एजेंट जो विदेश भेजने का वादा करते हैं, अक्सर लोगों को झांसे में फंसा लेते हैं और उनकी मेहनत की कमाई हड़प लेते हैं। विदेश जाने का सपना देखने वाले युवा इस तरह के ठगों के जाल में फंस जाते हैं, और अंत में उन्हें न केवल मानसिक बल्कि आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।
अक्सर देखा जाता है कि लोग विदेश भेजने के नाम पर विभिन्न एजेंटों से संपर्क करते हैं, जो उन्हें लुभावने वादे करके पैसे ऐंठते हैं। यह जरूरी है कि लोग ऐसी स्कीमों से दूर रहें और किसी भी एजेंट से संपर्क करने से पहले पूरी जानकारी और सत्यापन करें। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन को ऐसे ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और जनता को जागरूक करना चाहिए कि इस तरह के धोखाधड़ी के मामलों से कैसे बचा जा सकता है।
पुलिस की कड़ी कार्रवाई और आगे की जांच
इस मामले में पुलिस ने आरोपी चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि आरोपी से और पूछताछ की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस ठगी में और कौन लोग शामिल हो सकते हैं।
पुलिस का कहना है कि विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले एजेंटों को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम बनाई जा रही है। यह टीम इस तरह के मामलों में जल्दी और प्रभावी कार्रवाई करेगी ताकि भविष्य में और लोग ठगी का शिकार न हो सकें।