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Saturday, November 8, 2025

गुहला-चीका में करंट बना मौत का कारण: 5 गौवंश की एकसाथ दर्दनाक मौत ?

“गुहला-चीका में करंट बना मौत का कारण: 5 गौवंश की एकसाथ दर्दनाक मौत, इलाके में मचा हड़कंप”


दु:खद हादसा: गुहला-चीका में करंट लगने से 5 गौवंश की मौत, मौके पर पहुंचे गौशाला के प्रधान

The Airnews | कैथल डेस्क | अपडेटेड: 21 अप्रैल 2025

हरियाणा के कैथल जिले के गुहला-चीका क्षेत्र से एक बेहद मार्मिक और चिंताजनक खबर सामने आई है। यहां करंट लगने की वजह से पांच बेजुबान गौवंशों की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना सोमवार सुबह की है, जिसने न केवल स्थानीय निवासियों को झकझोर दिया, बल्कि गौसेवा से जुड़े लोगों में भी भारी आक्रोश फैल गया।

घटना की सूचना मिलते ही पास की गौशाला के प्रधान सहित कई स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। गौसेवा और धार्मिक भावना से जुड़ी इस घटना ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर पैदा कर दी है।


घटना का विवरण: खेत में दौड़ा करंट और मौत की सिहरन

गुहला-चीका के बाहरी इलाके में स्थित एक निजी खेत में सुबह के समय पांच गौवंश चारा चरने के लिए पहुंचे थे। वहीं खेत में लगे एक विद्युत तार में लीकेज के कारण करंट दौड़ रहा था, जो जमीन में फैल गया।

गौवंश जैसे ही उस क्षेत्र में पहुंचे, करंट की चपेट में आ गए और तड़पते हुए वहीं ढेर हो गए। यह घटना इतनी तेजी से हुई कि कोई उन्हें बचाने तक नहीं पहुंच पाया। एक साथ पांच निर्दोष गौवंशों की मौत ने दिल दहला देने वाला दृश्य पेश किया।


स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

घटना के बाद आसपास के ग्रामीण मौके पर इकट्ठा हो गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह कोई पहली बार नहीं है जब खेतों में खुले बिजली तारों या करंट फैलाव के कारण हादसे हुए हों। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि पहले भी जानवर और मजदूर करंट की चपेट में आ चुके हैं, लेकिन विभागीय लापरवाही ने इस समस्या को हल नहीं किया।


गौशाला के प्रधान मौके पर पहुंचे

घटना की खबर मिलते ही नजदीकी गौशाला के प्रधान रामपाल शर्मा मौके पर पहुंचे। उन्होंने मृत गौवंशों की स्थिति देखी और आंखों में आंसू लिए प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की।

उनका कहना था:
“हम दिन-रात गौसेवा में लगे हैं, लेकिन ऐसी दर्दनाक घटनाएं हमारी भावनाओं को आहत करती हैं। इन बेजुबानों की मौत के जिम्मेदार कौन हैं?”

उन्होंने इस घटना को गौहत्या की तरह गंभीर बताया और कहा कि बिजली विभाग की लापरवाही इसके लिए पूर्णतः जिम्मेदार है।


प्रशासनिक प्रतिक्रिया और जाँच के आदेश

सूचना मिलने के बाद बिजली निगम और प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। क्षेत्रीय पटवारी, बीडीपीओ और पशुपालन विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और पंचनामा तैयार किया गया।

एसडीएम गुहला ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए और कहा कि दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, मृत गौवंशों का पोस्टमॉर्टम करवा कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।


बिजली विभाग की लापरवाही सवालों के घेरे में

घटना के पीछे जिस विद्युत लीकेज की बात सामने आ रही है, वह बिजली विभाग की लापरवाही को उजागर करता है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि कई बार खंभों से तार टूटकर जमीन पर लटकते रहते हैं और कई जगहों पर मेंटेनेंस नहीं होता।

बिजली निगम के अधिकारियों का कहना है कि पूरे क्षेत्र का सर्वे करवाया जाएगा और ऐसे संभावित हादसों को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे। परंतु जनता का कहना है कि हादसे के बाद जागने का कोई फायदा नहीं जब जानें जा चुकी हों।


गौसेवा संगठनों में आक्रोश

गौशालाओं और धार्मिक संस्थाओं से जुड़े कई संगठनों ने इस घटना की निंदा की है। हरियाणा गौसेवा आयोग से जुड़े एक प्रतिनिधि ने कहा कि यह केवल दुर्घटना नहीं, बल्कि लापरवाही की हत्या है।

उन्होंने मांग की कि:

  • दोषी अधिकारियों पर FIR दर्ज की जाए।

  • बिजली विभाग में जिम्मेदार कर्मचारियों को निलंबित किया जाए।

  • मृत गौवंशों के लिए उचित सम्मान और अंत्येष्टि की जाए।

  • भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सभी खुले तारों और खंभों की जांच हो।


राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी शुरू

घटना के कुछ ही घंटों में राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है। क्षेत्र के स्थानीय विधायक ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और पीड़ितों को न्याय दिलाने की बात कही।

कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने सोशल मीडिया पर लिखा:
“गुहला-चीका में करंट से 5 गौवंशों की मौत दुखद और शर्मनाक है। भाजपा सरकार की ढीली निगरानी का परिणाम बेजुबान जानवरों को भुगतना पड़ रहा है।”

बीजेपी नेताओं ने भी इस घटना पर शोक जताया और कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।


ग्रामीणों की मांगें और धरने की चेतावनी

गांव के लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो वे गौशाला समिति के साथ मिलकर धरना प्रदर्शन करेंगे। ग्रामीणों ने कहा कि उनकी धार्मिक भावना के साथ खिलवाड़ हुआ है और यह केवल पशु प्रेम नहीं बल्कि श्रद्धा से जुड़ा मामला है।


सरकारी मुआवजे की मांग

स्थानीय पंचायत और गौशाला प्रधान ने सरकार से मृत गौवंशों के लिए मुआवजा देने की मांग की है। हालांकि गौवंशों पर मुआवजा नीति अलग होती है, लेकिन प्रशासन ने भरोसा दिया है कि नियमों के तहत हर संभव मदद दी जाएगी।

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