
चरखी दादरी में गेहूं की फसल में आग, प्रशासन से मुआवजे की मांग: बिजली के तारों से निकली चिनगारी से हुआ हादसा
The Airnews | चरखी दादरी
चरखी दादरी जिले के गांव हड़ौदी और अटेला खुर्द में बीती रात एक बड़ा हादसा हुआ, जिसमें गेहूं की फसल में आग लग गई। यह आग बिजली आपूर्ति लाइन की तारों में शॉर्ट सर्किट होने के कारण लगी। इस हादसे में हजारों रुपये की गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। घटनास्थल पर पहुंचे ग्रामीणों ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन तेज हवाओं और फसल के सूखने के कारण आग पर काबू पाना मुश्किल हो गया। अब इस घटनाक्रम में किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रशासन से मुआवजे की मांग की जा रही है।
क्यों लगी आग?
ग्राम हड़ौदी और अटेला खुर्द के खेतों में लगी आग के बारे में बताया जा रहा है कि वीरवार की रात को मौसम खराब था और तेज हवाएं चल रही थीं। इसी कारण बिजली की तारें आपस में टकरा गईं, जिससे शॉर्ट सर्किट हुआ और चिनगारी निकलने से फसल में आग लग गई। गेहूं की फसल पूरी तरह से पक चुकी थी, और उसकी स्थिति आग पकड़ने के लिए उपयुक्त थी। दोनों गांवों में अलग-अलग स्थानों पर आग लगने की घटनाएं हुईं, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
हड़ौदी के खेतों में लगी आग
गांव हड़ौदी में इस आग की शुरुआत अनिल के खेतों से हुई, जहां बिजली की तारों में शॉर्ट सर्किट होने के कारण फसल में आग लग गई। अनिल के खेत में करीब तीन से चार एकड़ गेहूं की खड़ी फसल जल गई। आग के बढ़ने से यह आग किसान ओमप्रकाश और धमेंद्र के खेतों तक फैल गई। दोनों किसानों के खेतों में करीब 7 से 8 एकड़ की फसल जलकर राख हो गई।
ग्रामीणों ने आग को बुझाने के लिए अपनी ओर से प्रयास किया। ट्रैक्टर से खेतों में जुताई की गई और पेड़-पौधों की टहनियों से आग बुझाने की कोशिश की गई, लेकिन तेज हवाओं और सूखी फसल के कारण आग को नियंत्रित नहीं किया जा सका। इसके बाद डायल 112 और फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। टीम समय रहते मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक नुकसान हो चुका था।
अटेला खुर्द में भी फसल जल गई
अटेला खुर्द में भी एक और आग लगने की घटना सामने आई। यहां बिजली की तारों में शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे संदीप के खेत में खड़ी गेहूं की फसल में आग लग गई। किसानों ने इस आग पर काबू पाने के लिए अपने स्तर पर प्रयास किए, और डायल 112 को सूचित किया। मौके पर पहुंचे ईआरवी टीम और ग्रामीणों ने किसी तरह आग को बुझाया, लेकिन तब तक डेढ़ से दो एकड़ गेहूं की फसल जल चुकी थी।
किसानों को हुआ भारी नुकसान
चरखी दादरी जिले के इन दोनों गांवों में हुए इस हादसे ने किसानों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। हड़ौदी में 7 से 8 एकड़ गेहूं की फसल जलकर राख हो गई, जबकि अटेला खुर्द में डेढ़ से दो एकड़ गेहूं की फसल आग में जल गई। कुल मिलाकर करीब 10 एकड़ से अधिक गेहूं की फसल आग की भेंट चढ़ गई, जिसका आर्थिक नुकसान लाखों रुपये का बताया जा रहा है।
ग्रामीणों ने इस हादसे के बाद प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि बिजली के तारों के कारण यह हादसा हुआ, और इसे रोकने के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने चाहिए।
सरपंच की प्रतिक्रिया
गांव हड़ौदी के सरपंच सुनिल कुमार ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गांव में तीन किसानों की फसल जलने की घटना हुई है। उन्होंने कहा कि इस समय नुकसान का सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता, लेकिन यह निश्चित है कि किसानों को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। सरपंच ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की और कहा कि बिजली के तारों के कारण यह हादसा हुआ, इसलिए इस बारे में जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब मांगना जरूरी है।
आग से होने वाली समस्याएं
इस आग के कारण किसानों को न केवल आर्थिक नुकसान हुआ है, बल्कि उनके भविष्य के लिए भी संकट खड़ा हो गया है। गेहूं की फसल को इस समय काटा जाता है और इस समय आग लगने से उन किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। खासकर हड़ौदी और अटेला खुर्द के किसानों के लिए यह घटना एक गहरा आघात है। इस फसल के जलने के बाद उनका जीवन संकट में पड़ गया है, और वे प्रशासन से जल्द मुआवजे की उम्मीद कर रहे हैं।
प्रशासन से क्या कदम उठाए जाएंगे?
इस हादसे के बाद किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। ऐसे मामलों में आमतौर पर राज्य सरकार द्वारा प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। प्रशासन को इस मामले में जल्द से जल्द कदम उठाने चाहिए, ताकि किसानों को राहत मिल सके और उनकी जीवन यापन की समस्याओं का समाधान हो सके।
इसके अलावा, बिजली विभाग को भी इस घटना से सीख लेकर अपने तारों की जांच करनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों से बचा जा सके। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते उचित कदम नहीं उठाए तो इस तरह के हादसे और बढ़ सकते हैं, जो किसानों के लिए और भी संकटपूर्ण साबित हो सकते हैं।
प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के उपाय
चरखी दादरी जिले में इस तरह की घटनाएं कोई पहली बार नहीं हुई हैं। किसानों को मौसम के अनुकूल उपायों की जानकारी देने के लिए प्रशासन को पहले से तैयार रहना चाहिए। तेज हवाओं और बिजली की तारों के कारण इस तरह की घटनाएं होती हैं, इसलिए किसानों को आग लगने से बचने के लिए सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
इसके अलावा, किसानों को भी चाहिए कि वे अपनी फसलों को आग से बचाने के लिए पहले से तैयारी करें। उन्हें यह समझने की आवश्यकता है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए सरकार और समाज का सहयोग आवश्यक है।