“जींद में गाड़ी से उड़ी धूल पर टोकने से दोहरा हत्याकांड: भाईचारे में दरार, सुरेश और मोहित पर मामला दर्ज

“जींद में गाड़ी से उड़ी धूल पर टोकने से दोहरा हत्याकांड: भाईचारे में दरार, सुरेश और मोहित पर मामला दर्ज”
संपादन:
Yash, The Airnews
जींद के निर्जन गांव में एक ऐसी घटना घटी जिसने क्षेत्र की शांति को छिन्न-भिन्न कर दिया। दो सगे भाइयों की हत्या एक मामूली विवाद से शुरू हुई, जिसने अंततः दोहरे हत्याकांड का रूप ले लिया। यह हत्याकांड मुख्य रूप से जमीन विवाद से जुड़ा था, जो पिछले कुछ वर्षों से चल रहा था। हालांकि, इस विवाद ने मंगलवार रात एक और भीषण मोड़ लिया, जब गाड़ी से उड़ी धूल पर टोका देने के कारण बुरी तरह से लड़ाई हुई और अंत में दो लोगों की जान चली गई। इस घटना के बाद पुलिस ने आरोपी सुरेश और मोहित के खिलाफ मामला दर्ज किया है और गिरफ्तारी के लिए चार टीमें गठित की हैं।
घटना का विवरण:
मंगलवार की रात, जींद जिले के निर्जन गांव के निवासी सतीश और दिलबाग सफीदों बाईपास पर कुर्सी डालकर बैठे हुए थे। तभी आरोपी सुरेश का बेटा मोहित गाड़ी दौड़ाते हुए वहां से गुजर रहा था और उसने अपनी गाड़ी को ब्रेक लगाकर सतीश और दिलबाग के पास रोक दिया। इस अचानक ब्रेक के कारण धूल उड़ी, जिससे सतीश ने मोहित को टोका और कहा, “गाड़ी आराम से चला, धूल उड़ रही है।”
यह मामूली सी बात अचानक विवाद में बदल गई। सतीश और दिलबाग ने मोहित से बात की, जिससे मोहित को गुस्सा आ गया और उसने सतीश के साथ मारपीट शुरू कर दी। इस घटना के बाद सिविल लाइन पुलिस थाना में सुरेश और मोहित के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया। हालांकि, यह मामला यहीं पर नहीं रुका।
पारिवारिक इतिहास और जमीन विवाद:
आरोपी सुरेश और मृतक सतीश व दिलबाग के परिवारों के बीच पांच पीढ़ियों से भाईचारा था। आरोपियों का परिवार दलाल गोत्र का था और मृतक परिवार फोर गोत्र से था। पांच पीढ़ी पहले, सतीश और दिलबाग के परिवार ने सुरेश के परिवार को गांव में बसाया था और उन्हें जमीन दान में दी थी। हालांकि, इन परिवारों के बीच जमीन और संपत्ति को लेकर कुछ विवाद हो गए थे, खासकर जब सतीश और दिलबाग ने सफीदों रोड फ्लाईओवर के पास अपनी हिस्से की जमीन पर एक कालोनी बनाई, जो नगर परिषद द्वारा अनुमोदित हो गई थी।
इस कालोनी के निर्माण से जमीन के दाम करोड़ों में पहुंच गए थे, जिससे सुरेश और उसके परिवार के लिए यह एक महत्वपूर्ण विवाद का कारण बन गया। सुरेश भी इस जमीन पर अपनी कालोनी बनाना चाहता था, लेकिन सतीश और दिलबाग ने उसकी खेतों तक जाने वाली तीन गलियों को बंद कर दिया था, जिससे सुरेश को रास्ता नहीं मिल रहा था।
अक्टूबर 2024 में विवाद का नया मोड़:
17 सितंबर 2024 को नगर परिषद का अमला मौके पर पहुंचा और दीवारें हटवाकर सुरेश को रास्ता दिलवाया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया और मामला अदालत में चला गया। हालांकि, मंगलवार की शाम को सतीश और दिलबाग ने मोहित को फिर से टोका, जिस पर मोहित ने सतीश से मारपीट की। पुलिस को सूचना दी गई, और डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन मामला वहीं शांत हो गया।
हत्याकांड की रात और मोहित की फायरिंग:
मंगलवार रात करीब 11 बजे, सतीश का बेटा मोहित अपनी स्कॉर्पियो गाड़ी में सेक्टर-11 की ओर जा रहा था, जब आरोपियों ने उसे घेर लिया और उसकी गाड़ी पर गोलियां चला दीं। मोहित किसी तरह अपनी गाड़ी से बचकर निकल गया, लेकिन उसकी गाड़ी पर दर्जनों गोलियां चलाई गईं।
इसके बाद आरोपी गैस एजेंसी के गोदाम में पहुंचे और सतीश और दिलबाग पर गोलियों से हमला कर दिया। घटनास्थल पर पुलिस ने सात गोलियों के खोल पाए, जो बड़ी डोगा बंदूक से मारी गई थीं। मृतक दिलबाग के पेट और टांग में गोली लगी थी, जबकि सतीश के पेट और छाती पर गोलियां मारी गई थीं। ऐसा लगता है कि गोलियां बहुत नजदीक से मारी गई थीं, क्योंकि गोलियां शरीर के आर-पार हो गई थीं।
पुलिस की कार्रवाई और आरोपियों की गिरफ्तारी:
घटनास्थल से मिले साक्ष्यों और गोलियों के खोल के आधार पर पुलिस ने चार अलग-अलग टीमों का गठन किया है, जो आरोपियों की तलाश में लगी हुई हैं। सिविल लाइन थाना के एसएचओ, इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने बताया कि सुरेश और मोहित के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है।
पुलिस और फोरेंसिक टीम गैस एजेंसी के गोदाम पर भी साक्ष्य जुटा रही है, ताकि इस हत्याकांड के बारे में और अधिक जानकारी मिल सके।




