
जींद रेलवे स्टेशन पर लावारिस बैग में मिला नशीला पदार्थ: 4.4 किलो डोडा पोस्त बरामद
स्रोत: The Air News | संपादन: यश
हरियाणा के जींद जिले के रेलवे स्टेशन पर शनिवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने एक लावारिस बैग से 4 किलो 400 ग्राम डोडा पोस्त बरामद किया। यह बैग प्लेटफार्म पर एक बेंच के नीचे रखा गया था। गश्त के दौरान पुलिस की नजर इस संदिग्ध बैग पर पड़ी और जब उसे खोलकर देखा गया, तो उसमें भारी मात्रा में नशीला पदार्थ मिला।
नशीले पदार्थ की बरामदगी: सुरक्षा तंत्र पर बड़ा सवाल
प्लेटफार्म जैसी सार्वजनिक जगह पर इस तरह भारी मात्रा में नशीले पदार्थ का मिलना सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े करता है। शुरुआती जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह बैग किसका था और किस उद्देश्य से इसे वहां रखा गया था। जीआरपी ने अज्ञात के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) के तहत मामला दर्ज कर लिया है और बैग के मालिक की तलाश शुरू कर दी है।
रेलवे पुलिस की तत्परता से टला बड़ा खतरा
रेलवे पुलिस की नियमित गश्त और सतर्कता की वजह से यह संदिग्ध बैग समय रहते पकड़ में आ गया। यदि यह बैग किसी आपराधिक गतिविधि का हिस्सा होता या इसे किसी ट्रेन में चढ़ाया जाता, तो परिणाम बेहद खतरनाक हो सकते थे। ऐसे मामलों में जीआरपी की सक्रियता काबिले तारीफ है, परंतु यह घटना सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को भी उजागर करती है।
क्या था बैग में?
जब पुलिस ने बैग को खोला तो उसमें 4 किलो 400 ग्राम डोडा पोस्त पाया गया। यह एक नशीला पदार्थ होता है जो अफीम से तैयार किया जाता है और एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत अवैध घोषित है। डोडा पोस्त का उपयोग नशे के रूप में किया जाता है और यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होता है। इसका व्यापार करना कानूनन अपराध है और इसमें कठोर सजा का प्रावधान है।
जीआरपी के अधिकारी बोले- मामले की गहन जांच जारी
जीआरपी प्रभारी ने बताया कि फिलहाल मामले की जांच जारी है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और स्टेशन के आसपास के क्षेत्रों में पूछताछ की जा रही है। बैग को प्लेटफार्म नंबर 1 पर एक बेंच के नीचे रखा गया था और ऐसा प्रतीत होता है कि किसी ने इसे जानबूझकर वहां छोड़ा है। पुलिस को शक है कि यह बैग किसी ड्रग सप्लायर का हो सकता है जो ट्रेन से नशीला सामान भेजने की कोशिश में था।
नशा तस्करी की बढ़ती घटनाएं: चिंता का विषय
हरियाणा के कई जिलों, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में नशा तस्करी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंड्स का उपयोग नशे के तस्करों द्वारा ट्रांजिट पॉइंट के रूप में किया जा रहा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि नशा माफिया अब सार्वजनिक स्थानों पर भी अपनी पकड़ बनाने लगे हैं। पुलिस को ऐसे मामलों में और अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
एनडीपीएस एक्ट और कानूनी प्रावधान
भारत में नशीले पदार्थों की रोकथाम के लिए नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्स्टेंस एक्ट, 1985 लागू है। इस कानून के तहत डोडा पोस्त जैसे पदार्थों की बिक्री, खरीदी, भंडारण और परिवहन पूरी तरह से अवैध है। यदि किसी व्यक्ति के पास 1 किलो से अधिक डोडा पोस्त बरामद होता है, तो उसे न्यूनतम 10 साल की सजा और जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। ऐसे में इस मामले में भी दोषियों को पकड़कर कानून के अनुसार सजा दिलवाना अत्यंत आवश्यक है।
स्थानीय लोगों में दहशत और जागरूकता की मांग
इस घटना के बाद स्टेशन पर मौजूद यात्रियों और स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। लोगों का कहना है कि जब प्लेटफार्म जैसी जगहों पर भी नशीला सामान पहुंचने लगा है, तो आम आदमी की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है? साथ ही, उन्होंने मांग की है कि रेलवे और स्थानीय पुलिस को स्टेशन और इसके आसपास के क्षेत्रों में अधिक निगरानी रखनी चाहिए।