जुलाना अनाज मंडी में सीएम फ्लाइंग की छापेमारी से मचा हड़कंप, कई दुकानों पर मिली गड़बड़ी, नंबरदार फर्म पर होगी सख्त कार्रवाई”
स्रोत: The Airnews | संपादन: The Airnews Team
अचानक पहुंची सीएम फ्लाइंग टीम, मचा अफरा-तफरी
हरियाणा के जिला जींद के अंतर्गत जुलाना कस्बे की नई अनाज मंडी में शुक्रवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब सीएम फ्लाइंग की टीम औचक निरीक्षण के लिए मंडी में पहुंची। टीम के आगमन की खबर मिलते ही आढ़तियों में हलचल मच गई। कई आढ़ती अपनी दुकानों से निकलकर बाहर आते दिखे, तो कुछ ने आनन-फानन में अपनी तौल मशीनों और कांटों की सफाई शुरू कर दी।
सीएम फ्लाइंग की इस छापेमारी का उद्देश्य मंडी में पारदर्शिता बनाए रखना, किसान को उचित मूल्य और सही तौल दिलवाना तथा मंडियों में व्याप्त भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों पर अंकुश लगाना था। टीम ने कुल 5 दुकानों की बारीकी से जांच की, जिनमें से एक दुकान पर स्पष्ट गड़बड़ी पाई गई।
नंबरदार फर्म के तौल में मिला गड़बड़ी का सबूत
सीएम फ्लाइंग की टीम ने जब “नंबरदार फर्म” नामक दुकान की जांच की, तो वहां एक बोरी में 50 किलोग्राम 800 ग्राम वजन पाया गया। जब पूरी तसल्ली से जांच की गई तो पता चला कि बोरी का खुद का वजन 600 ग्राम था। ऐसे में गेहूं का शुद्ध वजन 50 किलोग्राम की अपेक्षा 200 ग्राम अधिक था। इस अतिरिक्त वजन को लेकर टीम ने रिपोर्ट तैयार कर मार्केट कमेटी को भेज दी।
नियमों के अनुसार, मंडियों में निर्धारित वजन से अधिक या कम तौल पाया जाना कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है और इसके लिए संबंधित व्यापारी पर कार्रवाई की जा सकती है।
कांटों की जांच से हुई असलियत उजागर
सीएम फ्लाइंग ने मंडी में स्थापित कांटों की स्थिति और सटीकता की भी जांच की। इस जांच के तहत दुकानों पर लगे कांटे, जिनसे किसानों का अनाज तौला जाता है, उनकी क्यालिब्रेशन और पारदर्शिता की जांच की गई। निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि कुछ दुकानों पर कांटे पुरानी तकनीक के हैं, जिन्हें समय-समय पर अपडेट या कैलिब्रेट नहीं किया गया है। इससे संभावित रूप से किसान को नुकसान हो सकता है।
कार्रवाई की प्रक्रिया और मार्केट कमेटी की प्रतिक्रिया
जांच के बाद मार्केट कमेटी की सचिव कोमिला ने साफ किया कि जिस दुकान पर तौल में गड़बड़ी पाई गई है, उस पर विभागीय कार्रवाई निश्चित रूप से की जाएगी। सचिव ने बताया कि संबंधित फर्म को नोटिस भेजा जाएगा और नियमानुसार जुर्माना भी लगाया जाएगा। साथ ही, अन्य आढ़तियों को चेतावनी दी गई है कि यदि भविष्य में इस प्रकार की कोई शिकायत या गड़बड़ी पाई जाती है तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
सीएम फ्लाइंग की टीम की ओर से संदेश
टीम के एक अधिकारी ने The Airnews से बातचीत में कहा, “हमारा उद्देश्य किसी विशेष आढ़ती को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि मंडियों में ईमानदारी, पारदर्शिता और किसानों को न्याय दिलाना है। किसान देश की रीढ़ हैं और उनके साथ कोई भी धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जांच भविष्य में भी चलती रहेगी और यह एक नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है।
किसानों की प्रतिक्रिया: ‘अब तोल में नहीं होगी धोखाधड़ी’
सीएम फ्लाइंग की इस कार्रवाई से मंडी में खरीददारी के लिए आए किसानों में एक प्रकार की संतुष्टि दिखाई दी। किसानों ने कहा कि अक्सर उन्हें शक होता था कि तौल में हेरफेर हो रही है, लेकिन खुलकर कुछ कह नहीं पाते थे। अब जब प्रशासन ने खुद कार्रवाई की है, तो उम्मीद है कि बाकी आढ़ती भी सचेत हो जाएंगे।
एक किसान ने कहा, “हम अपने पसीने से अनाज पैदा करते हैं, अगर तौल में ही कटौती हो जाए तो हमें बड़ा नुकसान होता है। आज की जांच से हमें भरोसा हुआ कि सरकार और प्रशासन हमारे हितों की रक्षा कर रहा है।”
मंडी प्रशासन को भी मिला सख्त संदेश
इस निरीक्षण के बाद यह संदेश स्पष्ट रूप से मंडी प्रशासन और मार्केट कमेटी के अन्य कर्मचारियों तक भी पहुंचा है कि वे केवल कागजी कार्रवाई तक सीमित न रहें, बल्कि समय-समय पर मंडी में सक्रिय रहकर दुकानों की निगरानी करें और पारदर्शिता बनाए रखें।
क्या हैं तौल में गड़बड़ी के परिणाम?
हरियाणा मंडी अधिनियम और व्यापार नियमों के अनुसार यदि किसी आढ़ती की दुकान पर तौल में गड़बड़ी पाई जाती है तो उसके खिलाफ निम्नलिखित कार्रवाई हो सकती है:
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प्रथम बार पर जुर्माना – ₹5000 से ₹25000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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पुनरावृत्ति पर लाइसेंस निरस्त – यदि बार-बार शिकायतें मिलती हैं तो उसका व्यापार लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
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फौजदारी कार्यवाही – यदि जानबूझकर धोखाधड़ी करने के सबूत मिलते हैं तो केस दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
सीएम फ्लाइंग क्या है और इसका कार्य क्या होता है?
सीएम फ्लाइंग हरियाणा सरकार के अंतर्गत एक विशेष निगरानी टीम है जो मुख्यमंत्री के निर्देश पर कार्य करती है। इसका मुख्य कार्य प्रशासनिक इकाइयों में पारदर्शिता बनाए रखना, भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर नजर रखना और समय-समय पर औचक निरीक्षण करना होता है।
सीएम फ्लाइंग को विशेष अधिकार प्राप्त होते हैं जिसके अंतर्गत वे बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी सरकारी या अर्ध-सरकारी संस्थान में जांच कर सकते हैं।