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Saturday, November 8, 2025

झज्जर की सुरुचि बनीं दुनिया की नंबर-1 शूटर:पिता के अधूरे सपने को किया पूरा, गले में चोट के बाद छोड़ी कुश्ती, थामा राइफल

हरियाणा के झज्जर जिले के छोटे से गांव सासरौली में फौजी के घर जन्मी सुरुचि फोगाट ने शूटिंग में नंबर वन रैंकिंग हासिल कर ली है। सुरुचि रेसलर बनना चाहती थीं और अखाड़े में भी उतर गई थीं।

एक मैच के दौरान जब वह कुश्ती लड़ रही थीं तो उनके गले की हड्डी (हंसली टूट) गई थी। सुरुचि की हड्डी टूटने के कारण उन्होंने रेसलिंग करना छोड़ दिया और फिर शूटिंग करने लगीं। शूटिंग में सुरुचि फोगाट ने ऐसा निशाना लगाया कि वह आज दुनिया की नंबर-1 शूटर बन गई हैं और पिता के अधूरे सपने को पूरा किया।

शूटिंग करती झज्जर की सुरुचि फोगाट।
शूटिंग करती झज्जर की सुरुचि फोगाट।

सुरुचि को स्पोर्ट्स की दुनिया में भेजने का मन उसके पिता इन्द्र फोगाट ने बनाया था। इंद्र फोगाट ने बताया कि स्पोर्ट्स से बड़े मुकाम तक जाने का उनका सपना था। लेकिन उस समय घर के हालात गरीबी के थे, तो वह स्पोर्ट्स में नहीं जा पाए।

इन्द्र फोगाट ने बताया कि उनकी आर्मी में नौकरी लग गई, तो घर की ओर ध्यान हो गया। शादी होने के बाद और भी जिम्मेदारी बढ़ गई और अच्छा खिलाड़ी बनने का सपना वहीं पर दफन करना पड़ा। शादी के बाद बेटी सुरुचि का घर में जन्म हुआ तब मन में ठान लिया कि वह तो स्पोर्ट्स में नहीं जा पाया, अब बेटी को बड़ा खिलाड़ी बनाऊंगा और अपना सपना पूरा होगा।

शूटिंग की प्रैक्टिस के दौरान सुरुचि का फाइल फोटो।
शूटिंग की प्रैक्टिस के दौरान सुरुचि का फाइल फोटो।

 

 

इन्द्र फोगाट ने बताया कि जब सुरुचि का जन्म हुआ, तब कुछ दिन पहले ही डेप्थ ओलिंपिक में गांव के वीरेंद्र उर्फ गूंगा पहलवान गोल्ड मेडल जीतकर लौटे थे। तभी मन में ठान लिया कि बेटी को अच्छी पहलवान बनाना है।

उन्होंने बताया कि वह 2019 में आर्मी से हवलदार से रिटायर हो गए। उस समय बेटी 12 साल की थी और आते ही बेटी सुरुचि को पहलवानी के लिए गांव के ही अखाड़े में ले जाने लगे। बेटी को पहलवानी करते 5 महीने ही गुजरे थे कि एक कुश्ती ने उन्हें झकझोर दिया।

गोल्ड मेडल दिखाती सुरुचि फोगाट।
गोल्ड मेडल दिखाती सुरुचि फोगाट।

 

उन्होंने कहा कि गांव में ही अखाड़े में कुश्ती हो रही थी, बेटी के जीतने की टकटकी लगाए देख रहा था। उस दौरान बेटी के गले की हड्डी टूट गई और सब स्तब्ध रह गए। फिर करीब 6 माह में सुरुचि की हड्डी जुड़ी, लेकिन उसे दोबारा डर के मारे अखाड़े में नहीं उतारा।

फिर कुछ समय बाद सुरुचि को स्पोर्ट्स में भेजने का मन में आया और 13 साल की उम्र में उसे शूटिंग करने भेजना शुरू किया। सुरुचि शूटिंग में रुचि लेने लगी और मन लगाकर शूटिंग करने लगी थी।

 

सुरुचि ने बताया कि उसके पिता का सपना था कि वह एक अच्छी पर्सन बने और देश दुनिया में नाम हो, उनकी इच्छा पूरी करने के लिए पूरा मन लगाकर शूटिंग किया और दो साल में मेहनत रंग लाई और नेशनल में मेडल जीता।

सुरुचि फोगाट ने बताया कि 2019 में उसने शूटिंग शुरू की थी और आज 6 साल में माता पिता के आशीर्वाद से वह देश और दुनिया में नंबर-1 शूटर बन गई हैं। सुरुचि ने कहा कि उसके माता पिता का जो सपना है, उसे पूरा करने के लिए वह जी जान से शूटिंग करती हैं और आगे भी तैयारी करती रहेंगी।

शूटिंग प्रैक्टिस के दौरान का सुरुचि फोगाट का फाइल फोटो।
शूटिंग प्रैक्टिस के दौरान का सुरुचि फोगाट का फाइल फोटो।

 

सुरुचि की मां सुदेश देवी हाउस वाइफ हैं और वह घर पर ही रहती हैं। वहीं सुरुचि का एक छोटा भाई है, वह भी शूटिंग करता है। सुरुचि फोगाट ने भिवानी के गुरू द्रोणाचार्य अकादमी से शूटिंग करना शुरू किया था। सुरुचि के कोच सुरेश सिंह हैं।

सुरुचि फोगाट का एयरपोर्ट पर हुआ स्वागत (फाइल फोटो)
सुरुचि फोगाट का एयरपोर्ट पर हुआ स्वागत (फाइल फोटो)

 

सुरुचि की मां सुदेश देवी ने बताया कि वह उसकी बेहद लाडली बेटी है, वह हमेशा अपनी बेटी के लिए दुआएं करती रहती हैं। उनकी इच्छा है कि वह ओलिंपिक में मेडल जीतकर देश का नाम दुनिया में रौशन करे। माता-पिता का हर सपना पूरा करने के लिए वह मेहनत करेगी और मुकाम हासिल करेगी।

Sahil Kasoon

The Air News (Writer/Editer)

Sahil Kasoon

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