झज्जर के हिमांशु जाखड़ ने रचा इतिहास: Asian U-18 Athletics Championship 2025 में भारत के लिए जीता स्वर्ण पदक
The Airnews | झज्जर | स्पोर्ट्स डेस्क
हरियाणा की मिट्टी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि खेलों में देश को सर्वश्रेष्ठ देने का माद्दा उसके युवाओं में कूट-कूटकर भरा है। एशियन अंडर-18 एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में झज्जर जिले के होनहार एथलीट हिमांशु जाखड़ ने गोल्ड मेडल जीतकर न केवल भारत का नाम रोशन किया, बल्कि अपने परिवार, कोच और पूरे हरियाणा को गर्व का अहसास कराया।
कौन हैं हिमांशु जाखड़?
हिमांशु जाखड़ हरियाणा के झज्जर जिले के एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। बचपन से ही दौड़ने और खेलकूद में उनकी विशेष रुचि रही है। सीमित संसाधनों के बावजूद, उन्होंने कठिन परिश्रम और समर्पण के दम पर राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम बनाया और अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतकर एक नई पहचान बनाई है।
हिमांशु ने बताया कि उनका सपना बचपन से ही देश के लिए मेडल जीतना था। पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने खेलों में भी खुद को निखारना जारी रखा। गांव के स्कूल में शुरू हुआ उनका एथलेटिक्स सफर अब देश के लिए गर्व का कारण बन चुका है।
Asian U-18 Athletics Championship 2025: भारत के लिए गौरव का पल
इस बार की एशियन अंडर-18 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कुल 25 देशों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता का आयोजन दोहा, कतर में हुआ था। इस अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट में भारत की ओर से कई होनहार एथलीटों ने भाग लिया, लेकिन हिमांशु जाखड़ का प्रदर्शन सबसे शानदार रहा।
हिमांशु ने जैवलिन थ्रो (भाला फेंक) प्रतियोगिता में भाग लिया और पहले ही प्रयास में 76.52 मीटर की दूरी तय करते हुए सभी को चौंका दिया। यह न सिर्फ प्रतियोगिता का सर्वश्रेष्ठ थ्रो था, बल्कि एशियन अंडर-18 चैंपियनशिप में इस वर्ष का नया रिकॉर्ड भी बना।
कोच और परिवार का योगदान
हिमांशु की सफलता के पीछे उनके कोच रणधीर मलिक का विशेष योगदान है। कोच रणधीर ने बताया कि हिमांशु एक मेहनती और अनुशासित खिलाड़ी है, जो हर दिन 6 घंटे तक अभ्यास करता है। चाहे सर्दी हो या गर्मी, वह अपने लक्ष्य के लिए पूरी निष्ठा से मेहनत करता है।
वहीं, उनके पिता सुरेश जाखड़ ने बताया कि परिवार ने हर परिस्थिति में हिमांशु का साथ दिया। “हमने जो भी कर सके, किया। आज उसका परिणाम हमारे सामने है। हमें गर्व है कि हमारा बेटा देश के लिए मेडल लेकर आया।”
गोल्ड जीतने के बाद हिमांशु का बयान
गोल्ड मेडल जीतने के बाद The Airnews से खास बातचीत में हिमांशु ने कहा:
“ये जीत सिर्फ मेरी नहीं है, ये जीत मेरे कोच, परिवार, गांव और पूरे देश की है। जब मैंने भारत का झंडा लहराते हुए देखा, तो मेरी आंखें नम हो गईं। ये तो सिर्फ शुरुआत है, मेरा लक्ष्य ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड लाना है।”
हरियाणा में जश्न का माहौल
जैसे ही हिमांशु के गोल्ड जीतने की खबर उनके गांव धनाना पहुंची, वहां जश्न का माहौल छा गया। गांव वालों ने ढोल-नगाड़ों के साथ स्वागत किया। जगह-जगह मिठाइयां बांटी गईं और लोगों ने पटाखे चलाकर अपनी खुशी जाहिर की।
हरियाणा सरकार की ओर से खेल मंत्री संदीप सिंह ने भी हिमांशु को बधाई दी और उन्हें ₹10 लाख रुपये की इनाम राशि देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हिमांशु जैसे खिलाड़ियों पर प्रदेश को गर्व है और सरकार ऐसे युवाओं को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।
हिमांशु की अब तक की उपलब्धियां
वर्ष | प्रतियोगिता | उपलब्धि |
---|---|---|
2022 | जिला स्तरीय चैम्पियनशिप | स्वर्ण पदक |
2023 | राज्य स्तरीय प्रतियोगिता | स्वर्ण पदक |
2024 | नेशनल यूथ गेम्स | रजत पदक |
2025 | एशियन U-18 एथलेटिक्स | स्वर्ण पदक |
हिमांशु की निरंतर सफलता दर्शाती है कि यदि प्रतिभा को सही दिशा मिले और मेहनत के साथ लक्ष्य को साधा जाए, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह सकता।
सरकार और खेल प्राधिकरण से मांग
हिमांशु ने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिनमें प्रतिभा है, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण वे आगे नहीं आ पाते। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि गांवों में बेहतर खेल सुविधाएं और कोचिंग सेंटर स्थापित किए जाएं ताकि और भी हिमांशु जाखड़ उभरकर सामने आ सकें।