(Yash) ताऊ महावीर फोगाट की विनेश को नसीहत: बोले- सोच समझकर दे बयान, ओलिंपिक तक पहुंचाया, मेरा नहीं रखा मान तो सरकार क्या उम्मीद करें
चरखी दादरी: हरियाणा के प्रसिद्ध पहलवान महावीर फोगाट, जो द्रोणाचार्य अवॉर्डी और दंगल गर्ल गीता-बबीता के पिता हैं, ने अपनी भतीजी और ओलंपियन महिला पहलवान विनेश फोगाट को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। महावीर ने कहा कि उन्होंने विनेश को सुख-दुख का सामना करके ओलंपिक तक पहुंचाया, और अगर विनेश ने अपने ताऊ और गुरु का मान-सम्मान नहीं रखा तो सरकार उनसे क्या उम्मीद कर सकती है।
महावीर फोगाट की विनेश को नसीहत
महावीर फोगाट ने विनेश को नसीहत देते हुए कहा कि वह जो भी बयान दे, वह सोच-समझ कर दे। उन्होंने विनेश के हालिया बयान को लेकर कहा कि उसमें अहंकार की झलक थी और एक अच्छे खिलाड़ी को ऐसी भाषा नहीं शोभा देती। महावीर ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा दी गई पुरस्कार राशि सराहनीय है और विनेश को सरकार का आभार जताना चाहिए था।
खिलाड़ी को शोभा नहीं देती ऐसी भाषा
महावीर ने कहा कि विनेश की भाषा में अहंकार था, और एक खिलाड़ी को इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद कई बार विनेश की बातें सुनी हैं और उसकी कुछ टिप्पणियाँ बड़े-बड़े बोलों की तरह थीं, जो एक अच्छे खिलाड़ी के लिए उपयुक्त नहीं हैं। महावीर ने विनेश को सलाह दी कि वह मीडिया या अन्य जगहों पर जो भी बयान दे, उसे सोच-समझ कर दें।
गुरु और ताऊ का मान नहीं रखा
महावीर फोगाट ने कहा कि वह विनेश को ओलंपिक तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर चुके हैं और उन्होंने उसे कई बार सुख और दुख का सामना कराया। लेकिन विनेश ने अपने ताऊ और गुरु का मान-सम्मान नहीं रखा। महावीर ने यह भी सवाल उठाया कि अगर विनेश अपने गुरु का मान नहीं रख सकती, तो केंद्र और राज्य सरकार उनसे क्या उम्मीद कर सकती है।
कांग्रेस के खिलाफ चुप्पी पर सवाल
महावीर फोगाट ने यह भी कहा कि विनेश ने कभी भी कांग्रेस के खिलाफ आवाज नहीं उठाई, भले ही हुड्डा सरकार ने उनकी अनदेखी की थी। महावीर ने उदाहरण देते हुए कहा कि हुड्डा सरकार ने गीता और बबीता को डीएसपी नहीं बनाया और कुश्ती हॉल के लिए मैट तक उपलब्ध नहीं करवाए, लेकिन विनेश ने कभी इस मुद्दे पर कोई शब्द नहीं कहा। इसके विपरीत, महावीर ने सैनी सरकार को अवॉर्ड राशि देने के लिए धन्यवाद दिया।