loader image
Saturday, November 8, 2025

तिरंगा लिए भीड़ ने दी शहीद लांसनायक को अंतिम विदाई:कैथल में मां गुमसुम, पिता उदास दिखे; परिवार को ₹1 करोड़, सरकारी नौकरी मिलेगी

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में 2 दिन पहले आतंकियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हुए कैथल के लांसनायक नरेंद्र सिंधु (28) का बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। नरेंद्र के छोटे भाई के अमेरिका में होने की वजह से चचेरे भाई अंकित ने उन्हें मुखाग्नि दी।

बुधवार सुबह ही उनका शव पैतृक गांव रोहेड़ा पहुंचा था, जिसके बाद अंतिम दर्शन कराए गए। इसके बाद अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें काफी संख्या में लोग तिरंगा लेकर चले। अंतिम संस्कार से पहले घर पर नरेंद्र की मां रोशनी देवी गुमसुम बैठी रहीं। नम आंखों से उन्होंने कहा-

” बचपन में बेटा कहता था कि बड़ा होकर सेना में जाऊंगा, और उसने अपना सपना पूरा कर लिया “

वहीं, बहन पूनम ने बताया कि रक्षाबंधन पर उन्होंने नरेंद्र से सोने की चेन मांगी थी, लेकिन अब यह ख्वाहिश अधूरी रह गई। नरेंद्र के पिता दलबीर सिंह ने इस बात को नकारते हुए कहा कि अक्टूबर में नरेंद्र के छुट्टी पर आने के बाद शादी की बात शुरू होनी थी।

कैथल के SDM अजय सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार ने शहीद परिवार को 1 करोड़ रुपए, परिवार के एक मेंबर को सरकारी नौकरी और गांव के सरकारी स्कूल का नाम शहीद नरेंद्र सिंधू के नाम पर करने की घोषणा की है।

सोमवार को हुई इस मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकवादी भी मारे गए थे। इनमें से एक आमिर अहमद डार पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जारी 14 आतंकवादियों की सूची में शामिल था।

शहीद की अंतिम विदाई से जुड़े PHOTOS…

भाई की शहादत पर चचेरा भाई फूट-फूटकर रोता दिखाई दिया।
भाई की शहादत पर चचेरा भाई फूट-फूटकर रोता दिखाई दिया।
शहीद के अंतिम दर्शन के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।
शहीद के अंतिम दर्शन के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।
सेना ने नरेंद्र सिंधु को गार्ड ऑफर ऑनर दिया। इसके बाद सेना की टीम ने पिता को तिरंगा सौंपा।
सेना ने नरेंद्र सिंधु को गार्ड ऑफर ऑनर दिया। इसके बाद सेना की टीम ने पिता को तिरंगा सौंपा।
शहीद को अंतिम विदाई देने तिरंगा लेकर पहुंचे स्कूली बच्चे।
शहीद को अंतिम विदाई देने तिरंगा लेकर पहुंचे स्कूली बच्चे।
रोहेड़ा गांव में चचेरे भाई अंकित ने नरेंद्र सिंधु को मुखाग्नि दी। इनसेट में शहीद की फाइल फोटो।
रोहेड़ा गांव में चचेरे भाई अंकित ने नरेंद्र सिंधु को मुखाग्नि दी। इनसेट में शहीद की फाइल फोटो।

शहीद नरेंद्र सिंधु से जुड़ी 4 बातें…

  • पिता किसान, मां गृहिणी, दो बहनें और एक भाई : नरेंद्र का जन्म 5 अक्टूबर 1996 को गांव रोहेड़ा में हुआ था। उन्होंनें अपनी 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई गांव के एक प्राइवेट स्कूल से की थी। पिता दलबीर सिंह किसान हैं और माता रोशनी देवी गृहिणी हैं। परिवार में दो बहनें और एक छोटा भाई है। बहनों की शादी हो चुकी है। नरेंद्र का छोटा भाई वीरेंद्र अमेरिका में रहता है। वह 2023 में अमेरिका में गया था, जहां अब वह एक होटल में सहायक की नौकरी करता है।
  • 4 साल पहले ही श्रीनगर हुई थी पोस्टिंग : वर्तमान में नरेंद्र राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे। 4 साल पहले ही उनकी पोस्टिंग श्रीनगर में हुई थी। पूर्व सैनिक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान जगजीत सिंह फौजी ने बताया कि नरेंद्र के शहीद होने की सूचना सबसे पहले एसोसिएशन को ही दी गई थी। इसके बार परिवार को सूचित गया गया। बेटे के शहीद होने की खबर मिलते ही परिवार शोक में डूब गया।
  • अविवाहित थे, शादी की बात चल रही थी: अभी तक नरेंद्र की शादी नहीं हुई थी। ताऊ के बेटे विक्रम ने बताया कि नरेंद्र की शादी के बारे में परिवार के लोगों की बातचीत चल रही थी। परिवार का कहना था कि जम्मू कश्मीर में नरेंद्र की ड्यूटी का समय पूरा होने वाला था। उन्होंने नया घर बनाया था। वह अक्टूबर में छुट्‌टी आने वाले थे।
  • अंतिम बार ताऊ के बेटे से हुई बात: नरेंद्र अंतिम बार करीब साढ़े 3 महीने पहले अपने घर पर छुट्टी पर आए थे। करीब एक महीना घर रहने के बाद ढाई महीने पहले वे अपनी ड्यूटी पर लौट गए थे। ​​​​​​नरेंद्र सिंधु की ​अंतिम बार अपने ताऊ के लड़के से बातचीत हुई थी। विक्रम ने बताया कि नरेंद्र ने उससे पूछा था कि घर परिवार के सभी सदस्य ठीक-ठाक हैं या कोई दिक्कत परेशानी तो नहीं है। मैंने कह दिया था कि सब ठीक हैं, तुम वहां अपना ख्याल रखना।
शहीद नरेंद्र सिंधु का फाइल फोटो।
शहीद नरेंद्र सिंधु का फाइल फोटो।

हाल ही में नरेंद्र के 2 मामा का हुआ निधन नरेंद्र के बलिदान की खबर मिलने के बाद उनकी मां रोशनी देवी बार-बार बेहोश हुईं। रोशनी देवी ने कुछ दिनों पहले ही अपने दो भाइयों को खोया था, और वह उस सदमे से अभी उबर भी नहीं पाई थीं कि उनके बेटे के बलिदान की खबर आ गई। मंगलवार को सदमे के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई। घर डॉक्टर को बुलाना पड़ा था।

बहने बोलीं- हमें भाई पर गर्व नरेंद्र के जाने का उनकी बहनों को भी एक गहरा सदमा लगा है। मीडिया से बात करते हुए उनकी आंखों में आंसू के साथ गर्व भी नजर आया, उन्होंने कहा की- भाई का बचपन से ही आर्मी में जाने का सपना था, दादा भी आर्मी में थे, हमें अपने भाई पर बहुत गर्व है।

वहीं, इसी दौरान नरेंद्र की मां बड़ी मुश्किल से आंसुओं को रोककर कहती हैं – बेटा पहले दिन से ही कहता था कि मां मैं फौज में जाऊंगा, आर्मी जॉइन करने के बाद ही उसने नया घर भी बनवाया था।

मीडिया को जानकारी देतीं शहीद की बहनें।
मीडिया को जानकारी देतीं शहीद की बहनें।

पिता से वीडियो कॉल पर बात हुई, पूछा- फसल कैसी हुई पिता दलबीर सिंह ने कहा कि बेटे का जाना एक पिता के लिए सबसे बड़ा दुख है, लेकिन हमें इस बात का गर्व है कि वह देश के लिए शहीद हुआ। नरेंद्र की शादी करने की हमारी इच्छा थी, लेकिन अब हमारे सारे अरमान अधूरे रह गए। रविवार को नरेंद्र से वीडियो कॉल पर बात हुई थी। उसने फसल के बारे में पूछा था और दो भैंस खरीदने की बात भी कर रहा था।

उसने अपनी दोनों बहनों के बारे में भी जानकारी ली। अपनी मां से उसने कहा था कि छुट्टी आने पर अक्टूबर में घर के ग्रिल और पेंट का जो काम बचा है, उसे वह पूरा करवाएगा। नरेंद्र के दादा सूबे सिंह भी सेना में थे। नरेंद्र अपने चाचा के साथ ही सेना में भर्ती हुए थे।

Sahil Kasoon

The Air News (Writer/Editer)

Sahil Kasoon

The Air News (Writer/Editer)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!