पंचायत में बिलख-बिलख कर रोई मानेसर की मेयर, कैबिनेट मंत्री पर लगाए गंभीर आरोप – MANESAR MAYOR INDRAJIT YADAV

गुरुग्राम, 7 जुलाई 2025, Sahil Kasoon The Airnews : : मानेसर नगर निगम की मेयर इंद्रजीत यादव सोमवार को अपने गांव में बुलाई गई पंचायत में बिलख-बिलख कर रोती नजर आईं। पंचायत उनके पति राकेश यादव पर लगे मारपीट के एक मामले को लेकर आयोजित की गई थी। दरअसल, गुरुग्राम पुलिस ने बीते दिन राकेश यादव को पूछताछ के लिए उनके घर पर दबिश दी, लेकिन वे वहां मौजूद नहीं मिले। इसके बाद मेयर ने गांव के अंबेडकर भवन में पंचायत बुलाई, जहां उन्होंने ग्रामीणों के सामने अपने पति की बेगुनाही की गुहार लगाई और पूरे मामले को साजिश करार दिया।
मेयर इंद्रजीत यादव ने पंचायत में भावुक होते हुए कहा कि उनके पति निर्दोष हैं और उन्हें जानबूझकर एक झूठे केस में फंसाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने सीधे तौर पर हरियाणा के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह पर आरोप लगाया कि उनके दबाव में पुलिस ने यह कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि राव नरबीर की शह पर ही उनके पति के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है, जो कि एक पार्षद के भाई के साथ हुई झड़प से जुड़ा मामला है। इस मामले में पीड़ित ने राकेश यादव पर भी मारपीट के आरोप लगाए थे।

मानेसर की मेयर डॉ. इंद्रजीत ने मंत्री राव नरबीर पर प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मेरा निर्दलीय मेयर बनना वे पचा नहीं पा रहे हैं और हमें प्रताड़ित करके मेरा इलेक्शन खारिज करके अपने हिसाब से चुनाव करवाने के प्रयास में हैं।
मारपीट की घटना के बाद पीड़ित पक्ष की ओर से थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायत के आधार पर गुरुग्राम पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की, जिसमें राकेश यादव का नाम भी शामिल किया गया। इसके बाद राकेश यादव को थाने में बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा गया, लेकिन वे तय समय पर नहीं पहुंचे। जब वे नहीं आए, तो पुलिस टीम ने उनके घर पर दबिश दी, लेकिन वे वहां भी नहीं मिले। इस दौरान बड़ी संख्या में मेयर के समर्थक उनके घर के बाहर एकत्र हो गए।

मेयर ने पंचायत में ग्रामीणों से अपील की कि वे उनके पति के साथ खड़े हों और इस झूठे मामले का विरोध करें। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक साजिश है और इसके पीछे सत्ता पक्ष के कुछ लोग हैं जो उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करना चाहते हैं। पंचायत में मौजूद अधिकांश लोगों ने मेयर के इस दर्द को समझते हुए उनका समर्थन किया और पुलिस कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताया। हालांकि इस दौरान पुलिस को राकेश यादव के ठिकाने के बारे में कोई सुराग नहीं मिल सका और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।
फिलहाल यह मामला पूरे मानेसर और गुरुग्राम क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। एक तरफ मेयर अपनी प्रतिष्ठा और पति की छवि बचाने में लगी हैं, तो दूसरी तरफ पुलिस कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम में मंत्री राव नरबीर सिंह की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे राजनीतिक हलकों में और भी अटकलें लगाई जा रही हैं।




