प्रतीकात्मक फोटो।
पानीपत में पिता-पुत्र को बीच गली में पीटा: दुकान खाली करवाने पर पड़ोसी ने किया हमला, लोडिंग गाड़ी के शीशे तोड़े, 3 पर FIR
The Airnews | पानीपत
हरियाणा के पानीपत शहर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पिता और उसके बेटे को दुकान खाली करवाने के दौरान उनके ही पड़ोसियों द्वारा बेरहमी से पीटा गया। घटना शहर के तहसील कैंप थाना क्षेत्र के उत्तम नगर इलाके की है। पीड़ित पक्ष अपनी दुकान खाली कर रहा था, उसी दौरान रास्ता रोककर उन पर हमला किया गया। आरोपियों ने न केवल मारपीट की बल्कि लोडिंग गाड़ी के शीशे भी तोड़ डाले। पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।
दुकान शिफ्ट करते समय हुआ हमला
पीड़ित गुरुबचन ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह उत्तम नगर का निवासी है और उसकी AC रिपेयर की दुकान है। 5 अप्रैल 2025 की रात करीब 10 बजे वह अपने बुआ के लड़के पुनीत और रिंकू के साथ देशराज कॉलोनी की पुरानी CIA स्टाफ वाली गली में अपनी दुकान से सामान शिफ्ट कर रहा था। वे लोग लोडिंग गाड़ी में सामान भर रहे थे। उसी दौरान अचानक महाबीर, उसके पिता वीरेंद्र और मां संतोष वहां पहुंचे और रास्ता रोक लिया।
गाली-गलौज से शुरू होकर मारपीट तक पहुँचा मामला
तीनों ने पीड़ित और उसके साथियों के साथ गाली-गलौज शुरू कर दी। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो महाबीर ने गुरुबचन को पकड़कर जमीन पर गिरा दिया और उसके नाक-मुँह पर घूंसे मारे। इसके बाद गुरुबचन ने अपने पिता रमेश कुमार को फोन करके बुलाया, जो तुरंत मौके पर पहुंचे। लेकिन आरोपियों ने रमेश कुमार के साथ भी मारपीट की और उन्हें भी चोटें आईं।
लोडिंग गाड़ी भी नहीं छोड़ी, शीशे तोड़े
इतना ही नहीं, आरोपियों ने पीड़ितों की लोडिंग गाड़ी को भी नुकसान पहुंचाया। गाड़ी के शीशे तोड़ दिए गए, जिससे आर्थिक नुकसान भी हुआ। यह पूरी घटना बीच गली में हुई, जिससे आस-पास के लोगों में भी भय का माहौल बन गया। पीड़ित परिवार ने मामले की सूचना तुरंत पुलिस को दी।
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर, जांच में जुटी
शिकायत के आधार पर तहसील कैंप थाना पुलिस ने महाबीर, उसके पिता वीरेंद्र और मां संतोष के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने कहा है कि आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी और मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है।
सामाजिक तनाव की ओर इशारा
यह घटना स्थानीय स्तर पर सामाजिक तनाव को भी उजागर करती है। अक्सर देखा जाता है कि संपत्ति, दुकान या रास्तों को लेकर पड़ोसियों के बीच विवाद होते हैं, जो कभी-कभी हिंसक रूप ले लेते हैं। इस घटना ने एक बार फिर इस बात की पुष्टि की है कि स्थानीय प्रशासन को ऐसे विवादों पर पहले ही नजर रखनी चाहिए।
चश्मदीदों की भूमिका
घटना स्थल पर मौजूद चश्मदीदों के अनुसार, पूरा मामला अचानक हुआ और पीड़ित किसी भी तरह की हिंसा की अपेक्षा नहीं कर रहे थे। उन्होंने बताया कि गुरुबचन और उसका परिवार शांतिपूर्वक सामान शिफ्ट कर रहे थे, तभी आरोपी पक्ष ने आकर माहौल बिगाड़ दिया। चश्मदीदों के बयान पुलिस जांच में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
पीड़ित परिवार की मांग – हो सख्त कार्रवाई
गुरुबचन और उनके परिजनों ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने यह भी कहा कि अगर न्याय नहीं मिला, तो वे धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।