
पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा निराश कार्यकर्ताओं में फूंकेंगे नई ऊर्जा, नाराज नेताओं से करेंगे मुलाकात
The Airnews | Jind | 14 अप्रैल 2025
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार जींद के दौरे पर पहुंच रहे हैं। यह दौरा कई मायनों में अहम माना जा रहा है। बीते वर्ष के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी कार्यकर्ता हतोत्साहित हैं, तो वहीं टिकट वितरण को लेकर कई नेता नाराज चल रहे हैं। ऐसे में हुड्डा का यह दौरा न केवल नाराज नेताओं को मनाने की कोशिश है, बल्कि कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करने का प्रयास भी है।
डॉ. अंबेडकर की जयंती कार्यक्रम में होंगे शामिल
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा अपने जींद दौरे की शुरुआत सफीदों रोड स्थित रविदास धर्मशाला में डॉ. बीआर अंबेडकर वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम से करेंगे। यह कार्यक्रम संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है। इस अवसर पर हुड्डा न केवल अंबेडकर जी को श्रद्धांजलि देंगे, बल्कि सामाजिक न्याय और समरसता पर भी अपने विचार व्यक्त करेंगे।
श्याम बिहारी जिंदल से होगी मुलाकात
कार्यक्रम के बाद हुड्डा गांधीनगर कॉलोनी स्थित अपने पुराने समर्थक श्याम बिहारी जिंदल के निवास पर जाएंगे। श्याम बिहारी जिंदल कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं और जींद से पार्टी के टिकट के दावेदार भी थे। लेकिन 2024 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने टिकट पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता के पुत्र महावीर गुप्ता को दे दिया। हालांकि महावीर गुप्ता भाजपा के डॉ. कृष्ण मिड्ढा से हार गए। टिकट न मिलने के बाद से जिंदल परिवार कांग्रेस की सक्रिय राजनीति से दूरी बनाए हुए है। हुड्डा की यह मुलाकात उन्हें दोबारा पार्टी में सक्रिय करने की दिशा में मानी जा रही है।
बलजीत रेढू के घर भी जाएंगे हुड्डा
पूर्व सीएम हुड्डा अपने दौरे के दौरान अर्बन एस्टेट कॉलोनी में कांग्रेस नेता और लक्ष्य ग्रुप के एमडी बलजीत रेढू के आवास पर भी जाएंगे। रेढू को जींद से टिकट का सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था, लेकिन उन्हें भी टिकट नहीं मिल पाया। टिकट कटने से वे और उनके समर्थक खासे नाराज हैं और तब से पार्टी गतिविधियों से दूरी बनाए हुए हैं। हुड्डा के इस दौरे का उद्देश्य इन सभी नाराज नेताओं को फिर से कांग्रेस के लिए सक्रिय करना है।
बलराम कटवाल से भी करेंगे भेंट
पूर्व सीएम उचाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे बलराम कटवाल के निवास पर भी जाएंगे। कटवाल 2019 के चुनाव में कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी थे और वे भी संगठन के भीतर विशेष भूमिका निभाते रहे हैं। कांग्रेस की हार के बाद वे भी सार्वजनिक रूप से कम सक्रिय दिखे हैं। हुड्डा की यह मुलाकात पार्टी में उनकी वापसी की कवायद के रूप में देखी जा रही है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बहुत कम अंतर से सत्ता में आने से चूक गई। इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा और उन्हें भविष्य के लिए कोई स्पष्ट दिशा नहीं मिली। कई बूथ लेवल कार्यकर्ता घर बैठ गए। पार्टी के अंदरूनी कलह, टिकट वितरण को लेकर असंतोष और हार की हताशा ने कांग्रेस को कमजोर किया है।
भूपेंद्र हुड्डा अपने दौरे के दौरान जिला कांग्रेस के नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ कई बैठकें करेंगे। इन बैठकों में वे कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनेंगे, सुझाव लेंगे और भविष्य की रणनीति पर विचार करेंगे।
राजनीतिक विश्लेषण: हुड्डा के लिए चुनौती और अवसर
राजनीतिक पंडितों की मानें तो हुड्डा के इस दौरे में जहां उन्हें पार्टी में फैली गुटबाजी को सुलझाने की चुनौती है, वहीं यह दौरा उन्हें एकजुटता का संदेश देने का भी मौका देगा। हुड्डा को यह भी दिखाना होगा कि वे न केवल वरिष्ठ नेता हैं बल्कि संगठन में सभी गुटों को साथ लेकर चल सकते हैं। उनका यह प्रयास 2029 के विधानसभा चुनाव के लिए नींव तैयार कर सकता है।
नाराज नेताओं को साधने की रणनीति
टिकट वितरण को लेकर पार्टी के भीतर जिस तरह की नाराजगी उभरी है, वह भविष्य के लिए नुकसानदायक हो सकती है। श्याम बिहारी जिंदल, बलजीत रेढू जैसे नेताओं को साधे बिना पार्टी की वापसी मुश्किल है। हुड्डा का इन नेताओं से व्यक्तिगत मुलाकात करना दर्शाता है कि वह संगठन को नए सिरे से मजबूती देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
दलित और पिछड़ा वर्ग पर फोकस
डॉ. अंबेडकर की जयंती कार्यक्रम में शामिल होकर हुड्डा यह संदेश देना चाहते हैं कि कांग्रेस दलित और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध है। अंबेडकर की विचारधारा को आगे बढ़ाने का संकल्प लेकर कांग्रेस इन वर्गों को एकजुट करने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस के लिए अगला लक्ष्य: पंचायत और स्थानीय चुनाव
विधानसभा चुनाव के बाद अब कांग्रेस की नजर पंचायत और निकाय चुनावों पर है। इसके लिए जमीनी स्तर पर मजबूत संगठन की आवश्यकता है। हुड्डा का यह दौरा कार्यकर्ताओं को दोबारा सक्रिय कर उन्हें आने वाले चुनावों के लिए तैयार करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।