प्रशासन की सतर्कता से चोरी का खुलासा, दो चोर गिरफ्तार
हरियाणा के जींद जिले के नरवाना क्षेत्र से एक बड़ी और महत्वपूर्ण खबर सामने आई है, जिसमें पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उझाना नहर पंप हाउस में हुई चोरी का खुलासा कर दिया है। यह मामला उन लोगों के लिए भी चेतावनी है जो सरकारी संपत्तियों पर आंखें गड़ाए बैठे हैं। नरवाना सीआईए टीम ने इस कार्यवाही के तहत दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से चोरी की गई मोटर और केबल बरामद की है।
यह पूरी कार्यवाही प्रशासन की सक्रियता और खुफिया सूचनाओं के आधार पर सफलतापूर्वक अंजाम दी गई। पुलिस ने इस केस में तत्परता दिखाई और कुछ ही दिनों में आरोपियों को धर दबोचा।
चोरी की घटना: पंप हाउस से गायब हुई थी मोटर और स्टार्टर
12 अप्रैल 2025 को उझाना गांव में स्थित एक सरकारी नहर पंप हाउस से चोरी की वारदात सामने आई थी। अज्ञात चोरों ने वहां से बिजली की महंगी मोटर, स्टार्टर और भारी केबल चुरा ली थी। यह सारी संपत्ति सरकार के सिंचाई विभाग से संबंधित थी और सार्वजनिक जलापूर्ति के लिए अत्यंत आवश्यक थी।
इस घटना के बाद पंप हाउस के कर्मचारी मनीष कुमार ने थाना गढ़ी में अज्ञात चोरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। पुलिस ने तत्काल प्रभाव से मामले की जांच शुरू की और अलग-अलग दिशा में सुराग तलाशने शुरू किए।
आरोपियों की पहचान और गांव:
पुलिस जांच के दौरान संदेह के घेरे में आए कुछ स्थानीय निवासी। खुफिया सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पुलिस ने जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनकी पहचान इस प्रकार है:
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गुरदास, निवासी गांव दाता सिंह वाला
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कुलविंदर उर्फ कुल्लू, निवासी डूमरखां कलां
इन दोनों युवकों पर आरोप है कि इन्होंने योजनाबद्ध तरीके से चोरी की वारदात को अंजाम दिया और सामान को किसी अन्य स्थान पर बेचने के इरादे से कार में लेकर जा रहे थे।
नाकाबंदी और गिरफ्तारी: पुलिस की समझदारी से बच न सके चोर
नरवाना सीआईए टीम को खुफिया सूचना मिली कि दो संदिग्ध व्यक्ति एक स्विफ्ट कार (HR 15D 0105) में चोरी का सामान ले जा रहे हैं। सूचना के आधार पर नरवाना-खनौरी रोड पर नाकाबंदी की गई। कार को रोका गया और जब उसकी डिग्गी की तलाशी ली गई तो उसमें से 40 HP की VT मोटर और भारी केबल बरामद हुई।
यह स्पष्ट था कि यह वही सामान है जो कुछ दिन पहले उझाना के पंप हाउस से चोरी किया गया था। पूछताछ के बाद आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल किया।
थाना गढ़ी पुलिस को सौंपी गई कार्यवाही की कमान:
गिरफ्तारी के तुरंत बाद दोनों आरोपियों को थाना गढ़ी पुलिस के हवाले कर दिया गया है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है ताकि यह भी पता लगाया जा सके कि इस चोरी में और कौन-कौन शामिल है। पुलिस की ओर से यह भी जांच की जा रही है कि क्या यह एक संगठित गिरोह का हिस्सा थे, जो सरकारी संपत्तियों को निशाना बनाते थे।
चोरी के पीछे की मंशा: बेचने की फिराक में थे आरोपी
पूछताछ में यह बात सामने आई है कि आरोपी चोरी की गई मोटर और केबल को बेचने की फिराक में थे। यह सरकारी मशीनरी काफी महंगी होती है और आम बाजार में अच्छे दामों पर बिक सकती है। पुलिस को संदेह है कि इसके पीछे एक स्क्रैप गैंग या कबाड़ी गिरोह हो सकता है जो इस तरह की चोरी के सामान की खरीद-फरोख्त में लिप्त हैं।
सरकारी संपत्ति की सुरक्षा पर उठते सवाल
यह घटना एक बार फिर सरकारी इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। अगर एक नहर पंप हाउस से इतनी बड़ी मोटर और केबल चोरी हो सकती है, तो निश्चित ही यह सुरक्षा व्यवस्था की खामी को उजागर करता है।
इस मामले से ये सवाल उठते हैं:
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क्या पंप हाउस में कोई सुरक्षा गार्ड तैनात था?
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वहां कोई CCTV कैमरा मौजूद था या नहीं?
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चोरी की सूचना देने में कितना समय लगा?
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क्या स्थानीय प्रशासन ने पहले से कोई एहतियात बरती थी?
प्रशासनिक सतर्कता से मिली सफलता:
इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस की कार्यशैली की सराहना करनी होगी। नरवाना सीआईए टीम ने जिस तेज़ी से खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई की और सामान के साथ आरोपियों को पकड़ा, वह वास्तव में उल्लेखनीय है।
आज के दौर में जब चोरों की चालें और तकनीक दोनों तेज़ हो गई हैं, ऐसे में पुलिस की फुर्तीलेपन और सतर्कता से ही अपराधों पर लगाम लगाई जा सकती है।
स्थानीय प्रतिक्रिया: लोगों में बढ़ा भरोसा
इस कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों में प्रशासन और पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है। पहले जहां आम लोग यह सोचकर चुप रहते थे कि चोरी के मामलों में न्याय मिलना मुश्किल है, अब उन्हें लगने लगा है कि यदि तुरंत सूचना दी जाए और पुलिस को सहयोग दिया जाए तो दोषियों को जल्द सजा दिलाई जा सकती है।