फरीदाबाद: सब-इंस्पेक्टर पर युवक के जबड़े की हड्डी तोड़ने का आरोप, 11 दिन बाद मामला दर्ज
हरियाणा के फरीदाबाद जिले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एसजीएम नगर निवासी सत्यवान नामक युवक ने आरोप लगाया है कि 27 मार्च 2025 को सब-इंस्पेक्टर सुदीप सांगवान ने उसे थाने में बुलाकर बेरहमी से पीटा, जिसके परिणामस्वरूप उसका जबड़ा टूट गया। चौंकाने वाली बात यह है कि इस घटना के 11 दिन बाद, यानी 7 अप्रैल 2025 को, आरोपी अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
घटना का विस्तृत विवरण:
सत्यवान के अनुसार, 27 मार्च को उसे थाना एनआईटी में एक झगड़े के मामले में बुलाया गया था। थाने पहुंचने पर, सब-इंस्पेक्टर सुदीप सांगवान ने उसे पूरी रात हवालात में बंद रखा और इस दौरान उसके साथ मारपीट की। इस हमले में सत्यवान का जबड़ा टूट गया और उसे गंभीर चोटें आईं। अगले दिन, 28 मार्च को, सत्यवान ने डीसीपी को लिखित शिकायत दी, जिसमें उसने अपने साथ हुई बर्बरता का विवरण दिया और न्याय की मांग की
पुलिस की प्रतिक्रिया और कार्रवाई:
थाना एनआईटी के प्रभारी बिजेंद्र सिंह ने पुष्टि की कि सत्यवान की शिकायत के आधार पर सब-इंस्पेक्टर सुदीप सांगवान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और उसे लाइन हाजिर कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि सच्चाई सामने आ सके और उचित कार्रवाई की जा सके।
उठते सवाल और चिंताएं:
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एफआईआर दर्ज करने में देरी: शिकायत दर्ज होने के बावजूद एफआईआर दर्ज करने में 11 दिन की देरी क्यों हुई? यह देरी न्याय प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करती है और पीड़ित के विश्वास को कमज़ोर करती है।
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पुलिस विभाग में अनुशासन: क्या पुलिस विभाग में आंतरिक अनुशासन और जवाबदेही की कमी है? यदि पुलिसकर्मी स्वयं कानून का उल्लंघन करते हैं, तो आम जनता का विश्वास कैसे बहाल होगा?
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मानवाधिकारों का उल्लंघन: थाने में हिरासत के दौरान किसी व्यक्ति के साथ इस प्रकार की बर्बरता मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। यह घटना पुलिस सुधारों की आवश्यकता को दर्शाती है।
फरीदाबाद पुलिस की पूर्व में विवादित घटनाएं:
यह पहली बार नहीं है जब फरीदाबाद पुलिस विवादों में घिरी है। पिछले कुछ महीनों में कई घटनाएं सामने आई हैं जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती हैं:
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रिश्वतखोरी का मामला: नवंबर 2024 में, फरीदाबाद पुलिस के एक प्रोबेशनरी सब-इंस्पेक्टर अर्जुन सिंह को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने 12 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। आरोप था कि वह एक आरोपी को जमानत दिलाने के बदले रिश्वत मांग रहा था।
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साइबर ठगी का शिकार पुलिसकर्मी: दिसंबर 2024 में, फरीदाबाद के एक सब-इंस्पेक्टर के बैंक खाते से साइबर ठगों ने लगभग छह लाख रुपये निकाल लिए थे, जिससे पुलिस विभाग की साइबर सुरक्षा पर भी सवाल उठे थे।
न्याय प्रणाली में सुधार की आवश्यकता:
इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि पुलिस विभाग में आंतरिक सुधारों की आवश्यकता है। पुलिसकर्मियों की जवाबदेही तय करने, मानवाधिकारों की रक्षा करने और जनता के विश्वास को बहाल करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।