बहादुरगढ़ में सरपंच की दबंगई युवक के सिर में मारी पिस्तौल की बट ?

बहादुरगढ़ में सरपंच की दबंगई का वीडियो वायरल: युवक के सिर में मारी पिस्तौल की बट, आक्रोशित ग्रामीणों ने लगाया जाम”
Author: The Airnews | Reporter: Yash
प्रस्तावना: कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती एक घटना
हरियाणा के बहादुरगढ़ स्थित आसंडा गांव में लोकतांत्रिक व्यवस्था को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है, जिसमें गांव के सरपंच की दबंगई ने न केवल एक युवक को घायल किया बल्कि पूरे गांव में भय और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया। एक ट्रांसफार्मर को घर के बाहर लगाने को लेकर शुरू हुआ विवाद देखते ही देखते हिंसक रूप ले बैठा और बात पिस्तौल निकालने तक पहुंच गई।
घटना का पूरा विवरण: ट्रांसफार्मर को लेकर शुरू हुआ विवाद
बताया जा रहा है कि आसंडा गांव में एक घर के सामने बिजली का ट्रांसफार्मर लगाने को लेकर सरपंच संदीप और एक स्थानीय परिवार के बीच बहस छिड़ गई। ग्रामीणों के अनुसार, परिवार इस बात से नाराज़ था कि बिना उनकी अनुमति या चर्चा के ट्रांसफार्मर उनके मकान के बाहर लगाया जा रहा है।
इस बात को लेकर सरपंच और परिवार के बीच कहासुनी बढ़ती चली गई और जल्द ही बहस धक्का-मुक्की में बदल गई। आरोप है कि इसी दौरान सरपंच संदीप ने आपा खो दिया और पास रखी अपनी पिस्तौल निकाल ली।
हवाई फायर और हमले का आरोप
झगड़े के दौरान संदीप ने न केवल हवाई फायर किया बल्कि युवक को जान से मारने की धमकी भी दी। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि उसने युवक के सिर पर पिस्तौल की बट मार दी जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया।
घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है जिसमें स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि सरपंच हाथ में पिस्तौल लिए हुए है और गांव के कुछ लोगों से आक्रामक तरीके से बातचीत कर रहा है। यह वीडियो सरपंच की दबंगई और सत्ता के नशे को दर्शाता है, जिसमें वह अपनी सीमाएं लांघता दिख रहा है।
घायल युवक की हालत और अस्पताल में भर्ती
पिस्तौल की बट लगने से युवक के सिर में गंभीर चोट आई है। घायल को तुरंत बहादुरगढ़ के नागरिक अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। चिकित्सकों के अनुसार, युवक की स्थिति स्थिर है लेकिन उसे सतर्कता से निगरानी में रखा गया है।
ग्रामीणों का आक्रोश और सड़क जाम
घटना के बाद पूरे गांव में रोष फैल गया। ग्रामीणों ने सरपंच के खिलाफ गुस्सा जाहिर करते हुए मुख्य सड़क को जाम कर दिया। सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। ग्रामीणों की मांग थी कि सरपंच को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो।
पुलिस की कार्यवाही और जांच प्रक्रिया
सूचना मिलते ही बहादुरगढ़ पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। काफी देर की मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया लेकिन उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि यदि दोषी सरपंच पर उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे बड़ा आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
पुलिस ने इस मामले में IPC की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है और घटना की गहराई से जांच की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या सरपंच के पास मौजूद पिस्तौल वैध थी या अवैध।
राजनीतिक संरक्षण पर भी उठे सवाल
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरपंच को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, इसलिए वह खुलेआम हथियार लेकर चलता है और धमकी देने से भी नहीं डरता। इस घटना ने न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि ग्रामीण लोकतंत्र की गंभीरता पर भी चोट पहुंचाई है।
ग्रामीणों की मांगें
आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रशासन के समक्ष निम्नलिखित मांगें रखीं:
-
सरपंच संदीप को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
-
पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए।
-
पिस्तौल की वैधता की जांच की जाए।
-
ट्रांसफार्मर लगाने की प्रक्रिया में स्थानीय सहमति को अनिवार्य बनाया जाए।
-
इस प्रकार की घटनाओं के लिए ग्राम पंचायतों में निगरानी समिति गठित की जाए।
पंचायती व्यवस्था की गरिमा पर सवाल
सरपंच का कार्य होता है – गांव में विकास, सहयोग और शांतिपूर्ण प्रशासनिक संचालन। लेकिन जब यही पदाधिकारी दबंगई और हिंसा पर उतर आए, तो लोकतंत्र के सबसे निचले स्तर की संरचना पर ही संकट खड़ा हो जाता है। यह घटना पंचायती राज व्यवस्था की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली है।
वीडियो के प्रभाव और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
घटना का वीडियो सामने आते ही यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर इसे हजारों लोगों ने शेयर किया। लोगों ने सवाल उठाया कि जब एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि ही कानून हाथ में लेने लगे तो आम जनता किससे न्याय की उम्मीद करे?
वहीं कुछ लोग इस बात पर भी सवाल उठा रहे हैं कि प्रशासन वीडियो में साफ दिख रहे हथियार और हिंसक व्यवहार के बावजूद क्यों धीमी कार्रवाई कर रहा है।
विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाएं
इस घटना पर कुछ राजनीतिक नेताओं ने भी बयान दिए हैं। एक विपक्षी नेता ने कहा, “हरियाणा में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। सरपंचों को भी अब कानून का डर नहीं रहा। यह सरकार की विफलता का प्रमाण है।”




