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Saturday, November 8, 2025

भिवानी के DC महावीर कौशिक की रागिनी ने जीता जनता का दिल

भिवानी के DC महावीर कौशिक की रागिनी ने जीता जनता का दिल: बोले- ‘हम किसी भी गायक को पंख देकर उड़ा देते हैं’

The Airnews | Edited By: Yash

हरियाणा की मिट्टी में रची-बसी रागनी की परंपरा को जब कोई प्रशासनिक अधिकारी खुद मंच पर जीवंत कर दे, तो जनता का उत्साह और सम्मान कई गुना बढ़ जाता है। ऐसा ही नजारा भिवानी में देखने को मिला, जहां जिला उपायुक्त (DC) महावीर कौशिक ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में रागनी गाकर न सिर्फ लोगों का दिल जीता, बल्कि हरियाणवी संस्कृति के प्रति अपने जुड़ाव को भी दर्शाया।

पंचायत भवन में हुआ कार्यक्रम

सोमवार को भिवानी के पंचायत भवन में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में DC महावीर कौशिक मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने हरियाणा के सुप्रसिद्ध रागनीकार पंडित लखमीचंद की एक ऐतिहासिक रागनी को मंच से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में शामिल लोगों ने उनका उत्साहवर्धन किया और रागनी के बोलों पर तालियों से स्वागत किया।

पंडित लखमीचंद को दी श्रद्धांजलि

DC कौशिक ने कार्यक्रम की शुरुआत से पहले रागनी गायकों और वादकों का आशीर्वाद लिया। उन्होंने पंडित लखमीचंद को नमन करते हुए कहा कि हरियाणा की आत्मा इस महान कवि की रचनाओं में बसती है। उनकी रचनाएं आम जनमानस को नैतिकता, ईमानदारी और मेहनत का संदेश देती हैं।

‘हम किसी भी गायक को पंख लगाकर उड़ा देते हैं’

DC महावीर कौशिक ने कहा, “हमारा प्रयास रहता है कि किसी भी कलाकार को सही मंच और प्रेरणा मिले। हम किसी भी गायक को पंख लगाकर उड़ने की आजादी दे सकते हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रशासन की जिम्मेदारी सिर्फ कानून व्यवस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक पहचान और परंपराओं को भी संजोए रखना है।

प्रस्तुत की पंडित लखमीचंद की अमर रचना

रागनी के बोल थे:

“ऐ रै ले के दे दे…, अरै करके खा ले…। उसतै कौन जबर हो सै, नुगरा माणस आंख बदलज्या समझणियां की मर हो सै।”

यह रचना समाज में नैतिकता और मेहनत की महत्ता को रेखांकित करती है। इसमें यह बताया गया है कि जो व्यक्ति अपनी मेहनत से जीवन जीता है, वही सच्चा और शक्तिशाली होता है।

दर्शकों ने की प्रशंसा

कार्यक्रम में मौजूद सैकड़ों लोगों ने DC की प्रस्तुति पर तालियों की गूंज से अपनी प्रशंसा जाहिर की। कुछ लोगों ने इसे हरियाणवी संस्कृति को बढ़ावा देने वाला पहल बताया। एक स्थानीय बुजुर्ग ने कहा, “हमने तो पहली बार किसी अधिकारी को इतने भाव से रागनी गाते देखा।”

पहले भी गा चुके हैं रागनी

यह पहली बार नहीं है जब DC महावीर कौशिक ने रागनी प्रस्तुत की हो। इससे पहले भी वे कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में मंच पर रागनी गा चुके हैं। उनका मानना है कि अधिकारी अगर जनसंस्कृति से जुड़े रहें तो शासन और जनता के बीच दूरी नहीं रह जाती।

2011 बैच के IAS अधिकारी हैं महावीर कौशिक

DC महावीर कौशिक 2011 बैच के IAS अधिकारी हैं। उन्होंने 24 जुलाई 2024 को भिवानी के DC के रूप में कार्यभार संभाला था। इससे पहले वे हरियाणा सरकार में गृह विभाग एवं शहरी स्थानीय निकाय विभाग में विशेष सचिव के रूप में कार्यरत थे। उनका प्रशासनिक अनुभव और लोगों से जुड़ाव उन्हें एक अलग पहचान देता है।

प्रशासनिक कर्तव्यों के साथ सांस्कृतिक संवेदना

महावीर कौशिक का मानना है कि एक अधिकारी को न केवल अपनी फाइलों और आदेशों तक सीमित रहना चाहिए, बल्कि समाज के सांस्कृतिक पक्ष को भी समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि रागनी और अन्य लोक कलाएं हमें हमारी जड़ों से जोड़ती हैं। ये केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने का माध्यम भी हैं।

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