
‘मर जाएंगे, लेकिन पाकिस्तान वापस नहीं जाएंगे…’ 13 दिन पहले शादी करके आई लड़की ने भारत छोड़ने से किया इंकार
The AirNews | Amit Dalal
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। देश में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं और उन्हें 27 अप्रैल 2025 तक भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। इस निर्णय के बाद पूरे देशभर में पाकिस्तानी नागरिकों में हड़कंप मच गया है।
शादी कर भारत आई पाकिस्तानी युवतियों की बढ़ी चिंता
सरकार के इस अचानक आए फैसले से सबसे ज्यादा मुश्किलें उन पाकिस्तानी युवतियों के लिए खड़ी हो गई हैं, जो हाल ही में विवाह के बाद भारत आई थीं। भावुक होकर एक नवविवाहिता ने कहा,
“मैं मर जाऊंगी लेकिन पाकिस्तान वापस नहीं जाऊंगी। मैंने प्रेम विवाह कर भारत आने का निर्णय लिया था और अब मैं अपने पति के साथ यहीं रहना चाहती हूं।”
ऐसी कई मार्मिक कहानियाँ देश के अलग-अलग हिस्सों से सामने आ रही हैं, जो इस निर्णय के मानवीय पहलू को उजागर कर रही हैं।
पहलगाम हमला: देश को दहला देने वाली घटना
20 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में एक भीषण आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी। इस घटना ने देश को भीतर तक झकझोर कर रख दिया। घटना के बाद केंद्र सरकार ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक बुलाई और राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बड़ा निर्णय लिया गया।
सरकार का सख्त निर्णय: वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द
भारत सरकार ने विभिन्न श्रेणियों के 13 प्रकार के पाकिस्तानी वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं। इनमें व्यवसायिक, पर्यटक, पत्रकार, अध्ययन, धार्मिक यात्राओं सहित अन्य वीजा श्रेणियां शामिल हैं।
हालांकि, मेडिकल वीजा धारकों को विशेष छूट दी गई है और उन्हें 29 अप्रैल 2025 तक भारत में रहने की अनुमति प्रदान की गई है।
भारत-पाकिस्तान संबंधों में बढ़ सकता है तनाव
विदेश नीति विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्तों में और अधिक खटास आ सकती है। लेकिन सरकार ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में भारत वीजा और सीमा प्रबंधन से जुड़े नियमों को और अधिक सख्त कर सकता है।
यह कदम भारत की आंतरिक सुरक्षा रणनीति में एक बड़े और निर्णायक परिवर्तन का संकेत देता है। सरकार का यह स्पष्ट इरादा है कि आतंकी गतिविधियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और देश की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।