मोबाइल नहीं दिलाने पर छात्र ने की आत्महत्या: फरीदाबाद के सूर्या विहार में दिल दहला देने वाली घटना

मोबाइल नहीं दिलाने पर छात्र ने की आत्महत्या: फरीदाबाद के सूर्या विहार में दिल दहला देने वाली घटना
The Airnews | फरीदाबाद | रिपोर्ट: Sahil Kasoon
हरियाणा के फरीदाबाद जिले से एक अत्यंत दुखद और चिंताजनक मामला सामने आया है, जहां नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र ने केवल इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि उसके माता-पिता ने उसे नया मोबाइल फोन दिलाने से मना कर दिया। यह घटना सूर्या विहार पार्ट-2 की है, जिसने समाज और परिजनों के बीच गहरी चिंता और सवाल खड़े कर दिए हैं।
मृतक की पहचान:
- नाम: नितिन
- उम्र: 15 वर्ष
- निवासी: सूर्या विहार पार्ट-2, फरीदाबाद
- कक्षा: नौवीं
- स्कूल: राजकीय स्कूल, मीठापुर, दिल्ली
घटना का पूरा विवरण:
नितिन तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ा था और पढ़ाई में तेज था। वह अपने माता-पिता के साथ रहता था। उसके पिता एक निजी कंपनी में काम करते हैं। बताया गया है कि नितिन को मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग करने की आदत थी। यह आदत उसके माता-पिता को चिंतित करती थी, जिस कारण वे उसे मोबाइल देने या उसका रिचार्ज कराने से मना कर देते थे।
मंगलवार की शाम को जब नितिन की मां घर के कामों में व्यस्त थीं और पिता ड्यूटी पर थे, तब नितिन ने अपने कमरे में जाकर आत्महत्या कर ली। जब उसकी मां ने काम से फुर्सत पाकर नितिन को देखा तो उसके होश उड़ गए। उन्होंने तुरंत अपने पति को इसकी सूचना दी और पुलिस को बुलाया।
पुलिस की कार्रवाई:
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और नितिन को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
पारिवारिक पृष्ठभूमि:
नितिन के परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य थी। उसके पिता एक प्राइवेट जॉब करते हैं और मां गृहणी हैं। परिवार के अनुसार नितिन की पढ़ाई में कोई परेशानी नहीं थी लेकिन मोबाइल को लेकर उसकी जिद और लत ने उसे यह खौफनाक कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।
सामाजिक संदेश और चेतावनी:
यह घटना केवल एक पारिवारिक दुखद हादसा नहीं है, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी भी है। मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग और बच्चों की डिजिटल दुनिया में बढ़ती निर्भरता अभिभावकों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। बच्चों के मनोवैज्ञानिक विकास और संवाद की कमी के चलते ऐसे खतरनाक फैसले सामने आ रहे हैं।




