यमुनानगर में परीक्षा के बाद यमुना नहर में नहाने गए दो बच्चों की दर्दनाक मौत
(Sahil Kasoon) हरियाणा के यमुनानगर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें दो बच्चे परीक्षा के बाद यमुना नहर में नहाने गए और डूब गए। यह हादसा 22 मार्च को दोपहर के समय हुआ, जब कुछ बच्चे परीक्षा समाप्त होने के बाद ताजगी पाने के लिए नहर में नहाने चले गए। दुर्भाग्यवश, पानी गहरा होने और तैरना न आने के कारण दो बच्चे डूब गए। पुलिस और गोताखोरों की टीम शवों की तलाश में जुटी हुई है।
कैसे हुआ हादसा?
सूत्रों के अनुसार, दोनों बच्चे परीक्षा के बाद तनावमुक्त होने के लिए अपने कुछ दोस्तों के साथ यमुना नहर पहुंचे थे। गर्मी के कारण उन्होंने नहर में नहाने का फैसला किया। लेकिन पानी की गहराई का अंदाजा न होने के कारण वे डूब गए। साथ गए बच्चों ने शोर मचाया और आसपास के लोगों को बुलाने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद बचाव कार्य शुरू किया गया। फिलहाल पुलिस और गोताखोरों की टीम बच्चों के शवों की तलाश कर रही है।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुँची और बचाव कार्य शुरू किया गया। यमुनानगर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि:
“हमें सूचना मिली कि दो बच्चे नहर में डूब गए हैं। हमारी टीम तुरंत मौके पर पहुँची और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। गोताखोरों की मदद से शवों की तलाश की जा रही है। यह बेहद दुखद घटना है और हम इसके कारणों की भी जांच कर रहे हैं।”
प्रशासन ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है और नहर के पास सुरक्षा के इंतजामों को लेकर पुनर्विचार करने की बात कही है।
स्थानीय लोगों और परिवार की प्रतिक्रिया
इस दुर्घटना के बाद बच्चों के परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। एक मृतक बच्चे के पिता ने कहा,
“हमने कभी सोचा भी नहीं था कि परीक्षा के बाद हमारा बच्चा हमें हमेशा के लिए छोड़कर चला जाएगा। अगर वहां सुरक्षा के इंतजाम होते तो शायद यह हादसा नहीं होता।”
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से नहरों के किनारे चेतावनी बोर्ड लगाने, बाड़ लगाने और सुरक्षा कर्मियों को तैनात करने की माँग की है ताकि इस तरह की घटनाएँ दोबारा न हों।
पिछली घटनाएँ और सुरक्षा उपायों की जरूरत
यमुना नहर और अन्य जल निकायों में डूबने की घटनाएँ पहले भी होती रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे हादसे रोकने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जाने चाहिए:
- सख्त चेतावनी संकेत: नहरों के पास चेतावनी बोर्ड लगाए जाएँ कि वहाँ नहाना खतरनाक हो सकता है।
- सुरक्षा घेराबंदी: नहर के किनारे बाड़ लगाई जाए ताकि लोग सीधे पानी में न जा सकें।
- स्थानीय प्रशासन की निगरानी: पुलिस और प्रशासन को इन क्षेत्रों में नियमित निगरानी करनी चाहिए।
- तैराकी प्रशिक्षण: स्कूलों में तैराकी की शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए ताकि बच्चे संकट के समय खुद को बचा सकें।
- रेस्क्यू टीम की तैनाती: संवेदनशील क्षेत्रों में गोताखोरों की टीम को तैनात किया जाए।