यमुनानगर में 12वीं के छात्र ने की आत्महत्या: खुशमिजाज छात्र की संदिग्ध मौत से उठा सवालों का तूफान
Report: Yash, The Air News
हरियाणा के यमुनानगर जिले के सुंदर नगर फेस-2 में एक 17 वर्षीय छात्र द्वारा आत्महत्या की खबर ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। मृतक की पहचान आशीष कुमार के रूप में हुई है, जो नव प्रभात सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कक्षा 12वीं का छात्र था। आशीष की मौत ने उसके परिजनों और आसपास के लोगों को गहरे सदमे में डाल दिया है। पुलिस जांच कर रही है, लेकिन इस दुखद घटना के पीछे का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
परीक्षा के बाद खुश था छात्र
परिजनों और पड़ोसियों के अनुसार, आशीष ने हाल ही में अपनी 12वीं की परीक्षा दी थी और परीक्षा समाप्त होने के बाद वह बिल्कुल सामान्य और प्रसन्नचित्त दिख रहा था। उसके व्यवहार में कोई असामान्यता नजर नहीं आई। यहां तक कि एक दिन पहले ही वह अपने दोस्तों से मिलकर आया था और घर लौटने के बाद माता-पिता से भी सामान्य बातचीत की थी।
आत्महत्या की घटना कैसे घटी?
घटना की जानकारी सबसे पहले मृतक की छोटी बहन को मिली, जब उसने दरवाजा खटखटाया और कोई उत्तर नहीं मिला। संदेह होने पर परिजनों ने दरवाजा तोड़ा तो देखा कि आशीष ने छत के पंखे से फांसी लगाई हुई थी। यह दृश्य देखकर परिजन चीख पड़े और पड़ोसियों को बुलाया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतार कर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेजा।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
घटना के बाद परिवार में मातम का माहौल है। मृतक के बड़े भाई और पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता ने बताया कि आशीष पढ़ाई में अच्छा था और मेडिकल की तैयारी कर रहा था। उन्होंने कहा:
“हमें तो समझ ही नहीं आ रहा कि ऐसा क्या हो गया कि उसने यह कदम उठा लिया। वो तो बहुत खुश रहता था।”
मां ने कहा कि वह बेटा हर समय उनके साथ मदद करता था और खाने-पीने से लेकर सभी बातों में सहयोग करता था।
पुलिस जांच में जुटी
यमुनानगर पुलिस मामले की जांच कर रही है। अभी तक कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, जिससे घटना के कारणों का अनुमान लगाया जा सके। थाना प्रभारी ने कहा:
“हम परिजनों और दोस्तों से पूछताछ कर रहे हैं। मोबाइल फोन की जांच की जा रही है और स्कूल प्रबंधन से भी संपर्क किया गया है।”
पुलिस की जांच आत्महत्या और उसके पीछे की वजह को जानने की दिशा में बढ़ रही है। फिलहाल पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मान रही है, लेकिन अन्य पहलुओं की भी जांच की जा रही है।
मानसिक स्वास्थ्य पर उठे सवाल
यह मामला केवल एक आत्महत्या की घटना नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में युवाओं की मानसिक स्थिति और शिक्षा व्यवस्था की कठोरता पर भी सवाल खड़े करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि 12वीं की परीक्षा का दबाव, करियर को लेकर असमंजस और माता-पिता की अपेक्षाएं अक्सर छात्रों पर मानसिक बोझ डाल देती हैं। कई बार यह दबाव इतना बढ़ जाता है कि छात्र अपनी भावनाओं को किसी से साझा नहीं कर पाते और आत्मघाती कदम उठा लेते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. रेनू चौधरी ने कहा:
“हमारे देश में अभी भी मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बहुत कम है। हर स्कूल और कॉलेज में काउंसलिंग होनी चाहिए और माता-पिता को भी अपने बच्चों से संवाद बनाकर रखना चाहिए।”
स्कूल प्रशासन की प्रतिक्रिया
नव प्रभात सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल ने कहा:
“आशीष एक होशियार और अनुशासित छात्र था। हमें यह सुनकर गहरा दुख हुआ है। हम पूरी तरह से पुलिस जांच में सहयोग कर रहे हैं।”
स्कूल प्रशासन ने बच्चों के लिए काउंसलिंग सेशन आयोजित करने की बात कही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।