यमुनानगर में 30 गांवों की टूटी कनेक्टिविटी: नदी पार कर जान जोखिम में डाल रहे स्कूली बच्चे, पुल ना होने से जिंदगी बेहाल

The AirNews | Amit Dalal
हरियाणा के यमुनानगर जिले के जगाधरी और साढोरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले घाड क्षेत्र के लगभग 30 गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। बोली नदी पर पुल न होने के कारण यहां के ग्रामीणों की जिंदगी एक बड़ी मुसीबत बन गई है। सबसे विचलित करने वाली तस्वीरें उन बच्चों की हैं, जो रोज़ाना स्कूल जाने के लिए नदी पार करते हैं — वह भी जान जोखिम में डालकर।
पुल नहीं, जोखिम ही जोखिम
इन गांवों की मुख्य परेशानी यह है कि बोली नदी पर कोई पुल नहीं है। ऐसे में गांवों की आपस में और कस्बों से सीधी कनेक्टिविटी नहीं है। स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चे अपनी पीठ पर बैग लटकाकर नदी पार करते हैं। बारिश के मौसम में जब नदी का जलस्तर बढ़ जाता है, तो यह रास्ता जानलेवा बन जाता है।
“अगर बारिश हो गई तो स्कूल नहीं जा सकते। कभी-कभी कपड़े उतार कर पानी में घुसना पड़ता है।” — एक छात्र
बच्चों की पढ़ाई बनी संघर्ष
इन गांवों में स्थानीय स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं। मजबूरी में बच्चों को दूसरे गांव के स्कूलों में पढ़ने जाना पड़ता है। लेकिन पुल न होने से नदी पार करना ही उनकी शिक्षा की पहली परीक्षा बन गया है।
रोजगार और इलाज तक के लिए संघर्ष
केवल बच्चे ही नहीं, युवाओं और बुजुर्गों को भी इस समस्या से रोजाना जूझना पड़ता है। युवाओं को नौकरी के लिए दूसरे गांव या शहर जाना होता है, लेकिन 1 किलोमीटर की दूरी भी नदी के कारण 10 किलोमीटर में बदल जाती है।
बारिश के मौसम में स्थिति और भी विकट हो जाती है — श्मशान घाट तक पहुंचने के लिए भी ग्रामीणों को 10 किलोमीटर लंबा चक्कर काटना पड़ता है।
राहगीरों की अपील: बन जाए पुल तो सुधरे हालात
स्थानीय राहगीरों और ग्रामीणों ने The Airnews को बताया कि अगर बोली नदी पर पुल बन जाए, तो पूरे क्षेत्र के जीवन में सुविधा, सुरक्षा और समय की बचत आ सकती है।
“हमने कई बार प्रशासन को आवेदन दिए हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। बच्चों की जान को हर रोज खतरा बना रहता है।” — एक ग्रामीण
#YamunanagarNews #BridgeDemand #HaryanaVillages #SchoolChildrenStruggle #BoliRiver #Jagadhri #Sadhaura #TheAirnews #TheAirnewsHaryana #InfrastructureCrisis




