शहीद की पत्नी के हमलावरों का सामाजिक बहिष्कार: पंचायत में ग्रामीणों ने लिया फैसला

शहीद की पत्नी के हमलावरों का सामाजिक बहिष्कार: पंचायत में ग्रामीणों ने लिया फैसला, नारनौल पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए मांगा समय
स्थान: नारनौल, हरियाणा
श्रेणी: सामाजिक न्याय, अपराध, पंचायत निर्णय
घटना का विवरण
नारनौल जिले के दोस्तपुर गांव में शहीद खुशीराम की पत्नी प्रेम देवी पर हाल ही में हुए हमले ने पूरे गांव और आसपास के इलाकों को झकझोर दिया है। यह हमला शहीद की पत्नी के पड़ोसियों द्वारा किया गया था, जिसमें चार-पाँच अज्ञात युवकों ने लाठियों से प्रेम देवी की बेरहमी से पिटाई की। हमले के बाद प्रेम देवी को गंभीर चोटें आईं, और उन्हें तुरंत नारनौल अस्पताल ले जाया गया, बाद में गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया।
यह घटना एक सीसीटीवी फुटेज में रिकॉर्ड हो गई, जिसमें हमलावरों को शहीद की पत्नी को पीटते हुए साफ देखा जा सकता था। इस हमले ने गांव में भारी रोष पैदा किया और लोगों को एकजुट होने की प्रेरणा दी।
पंचायत का आयोजन
घटना के बाद, गांव दोस्तपुर में आसपास के कई गांवों के पंच-सरपंचों और अन्य सम्मानित व्यक्तियों की पंचायत बुलाई गई। पंचायत का मुख्य उद्देश्य शहीद के परिवार के साथ हुई इस घटना पर चर्चा करना था। पंचायत का संचालन लक्खी एडवोकेट ने किया और इसमें फैसला लिया गया कि शहीद के परिवार के साथ खड़ा होकर दोषियों को सजा दिलवाने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा।
पंचायत के दौरान यह निर्णय लिया गया कि हमलावरों के परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। इसका मतलब यह था कि गांव के लोग हमलावरों के परिवार के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे और उन्हें किसी भी सामाजिक समारोह में बुलाया नहीं जाएगा।
सामाजिक बहिष्कार का फैसला
पंचायत ने यह स्पष्ट किया कि गांव के लोग इस मुद्दे पर एकजुट हैं और शहीद के परिवार के साथ खड़े रहेंगे। पंचायत में यह निर्णय लिया गया कि गांव में किसी भी बाहरी असामाजिक तत्व को जगह नहीं दी जाएगी। अगर कोई बाहरी व्यक्ति गांव में आता है और अशांति फैलाने की कोशिश करता है, तो उसे तुरंत पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा।
पंचायत ने गांव में एक कमेटी भी गठित की, जो इस बात का ध्यान रखेगी कि कोई भी असामाजिक तत्व गांव में न घुसे। यह फैसला गांव के लोगों को यह विश्वास दिलाने के लिए लिया गया कि उनके परिवारों और समाज की सुरक्षा सर्वोपरि है।
पुलिस की प्रतिक्रिया
पंचायत में पहुंचे थाना प्रभारी छतरपाल ने इस मामले में पुलिस की ओर से कार्रवाई का आश्वासन दिया। हालांकि, पंचायत ने यह सवाल उठाया कि अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई। थाना प्रभारी ने पंचायत के सामने यह बात स्वीकार की कि पुलिस इस मामले में गंभीर है, और उन्होंने 7 दिन का समय लिया।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस दौरान आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। इस पर पंचायत ने थाना प्रभारी से एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की गई।




