

सफीदों विधायक के भाई एडवोकेट देवेंद्र गौतम का निधन, नारनौंद में हुआ अंतिम संस्कार
हरियाणा के राजनीतिक गलियारों में रविवार को शोक की लहर दौड़ गई, जब सफीदों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ विधायक रामकुमार गौतम के चचेरे भाई एडवोकेट देवेंद्र गौतम के निधन की खबर सामने आई। 64 वर्षीय देवेंद्र गौतम पिछले कुछ वर्षों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। उनके अंतिम संस्कार का आयोजन उनके पैतृक गांव नारनौंद में किया गया, जहां उनके बड़े बेटे साहिल गौतम ने उन्हें मुखाग्नि दी।
लंबी बीमारी के बाद ली अंतिम सांस
परिवार के अनुसार, देवेंद्र गौतम पिछले कई महीनों से गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे। उन्हें हिसार के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी। शनिवार देर रात डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। रविवार सुबह यह दुखद समाचार जैसे ही फैला, उनके पैतृक गांव नारनौंद और आस-पास के क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। उनके घर पर क्षेत्र के गणमान्य नागरिक, रिश्तेदार, राजनीतिक नेता और स्थानीय लोग शोक जताने पहुंचे।
राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में रहा गहरा जुड़ाव
एडवोकेट देवेंद्र गौतम सिर्फ एक वकील ही नहीं थे, बल्कि एक समाजसेवी, विचारशील और जिम्मेदार नागरिक के रूप में भी उनकी अलग पहचान थी। उन्होंने कई वर्षों तक न्यायिक और सामाजिक मंचों पर लोगों के अधिकारों की आवाज उठाई। नारनौंद क्षेत्र में उन्हें न्यायप्रिय और अनुशासित व्यक्ति के रूप में याद किया जाता है। उनके निधन से क्षेत्र ने एक अनुभवी और संवेदनशील समाजसेवी को खो दिया है।
अंतिम संस्कार में कई बड़े नेता हुए शामिल
देवेंद्र गौतम के अंतिम संस्कार में कांग्रेस विधायक जस्सी पेटवाड़, पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डीपी वत्स, नगर पालिका चेयरमैन शमशेर लोहान, एडिशनल एडवोकेट जनरल रजत गौतम, और कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। सभी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और परिवार को ढांढस बंधाया। अंतिम यात्रा में ग्रामीणों का जनसैलाब उमड़ पड़ा।
विधायक रामकुमार गौतम ने दी श्रद्धांजलि
विधायक रामकुमार गौतम ने अपने भाई की मृत्यु पर गहरी संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि, “देवेंद्र एक अत्यंत सरल, शांत स्वभाव और न्यायप्रिय व्यक्ति थे। उनका हमारे परिवार, गांव और समाज के लिए योगदान अविस्मरणीय रहेगा। उनकी कमी हमेशा खलेगी।” उन्होंने कहा कि देवेंद्र गौतम जीवन भर दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते थे।
परिवार ने कहा- “हमने अपना स्तंभ खो दिया”
देवेंद्र गौतम के छोटे बेटे विशाल गौतम ने बताया कि उनके पिता पिछले कुछ महीनों से बेहद कमजोर हो गए थे, लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी। वे हमेशा परिवार को मजबूत बनाने और समाजसेवा में विश्वास रखने की प्रेरणा देते थे। बड़े बेटे साहिल गौतम ने कहा कि उनके पिता ने उन्हें इंसानियत, ईमानदारी और सेवा का पाठ पढ़ाया, जो आजीवन उनके साथ रहेगा।
वकालत के साथ सामाजिक सेवाओं में भी रहे सक्रिय
एडवोकेट देवेंद्र गौतम ने अपने पेशेवर जीवन की शुरुआत हिसार कोर्ट से की थी और कई वर्षों तक उन्होंने वहां पर वकालत की। वे अपने मृदु व्यवहार और कानूनी विशेषज्ञता के लिए मशहूर थे। इसके अलावा उन्होंने गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य और किसानों के हितों के लिए कई सामाजिक अभियानों में हिस्सा लिया। कई बार उन्हें ग्रामीणों की जमीन, पेयजल, बिजली और पेंशन जैसी समस्याओं को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से टकराते हुए भी देखा गया था।
शिक्षा और समाज के लिए कार्य
देवेंद्र गौतम शिक्षा के महत्व को गहराई से समझते थे। उन्होंने गांव में बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को सहायता भी दी। इसके अलावा उन्होंने कई बार पंचायत और प्रशासन से मिलकर स्कूलों में सुविधाएं बढ़वाने की दिशा में काम किया। उनके प्रयासों से नारनौंद गांव में शिक्षा की स्थिति में काफी सुधार आया।
ग्रामीणों के बीच लोकप्रियता
गांव और आस-पास के क्षेत्र के लोग उन्हें एक मार्गदर्शक के रूप में देखते थे। वे समय-समय पर ग्रामीणों को कानूनी सलाह देते रहते थे और क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर अधिकारियों से बात करते थे। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके अंतिम संस्कार में सिर्फ राजनीतिक और सामाजिक हस्तियां ही नहीं, बल्कि गांव के हजारों आम लोग भी शामिल हुए।
श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
अगले सप्ताह नारनौंद गांव में एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाएगी, जिसमें क्षेत्र के सभी प्रमुख नागरिकों को आमंत्रित किया गया है। इस सभा में देवेंद्र गौतम के सामाजिक योगदान को याद किया जाएगा और उनके विचारों को आगे बढ़ाने की योजनाओं पर चर्चा की जाएगी।
जीवन परिचय
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नाम: एडवोकेट देवेंद्र गौतम
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उम्र: 64 वर्ष
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निवास: नारनौंद, जिला हिसार, हरियाणा
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पेशा: वकील (हिसार कोर्ट)
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परिवार: पत्नी (राजरानी), दो बेटे (साहिल और विशाल), बहू और एक पोता
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भाई: रामकुमार गौतम (विधायक, सफीदों)