सांसद इकरा हसन का AI से बना आपत्तिजनक वीडियो वायरल: नूंह के दो नाबालिग लड़कों ने फॉलोअर्स के लिए की शर्मनाक हरकत, पंचायत ने माफी मंगवाई
कैराना/नूंह | Sahil Kasoon The Airnews | 1 जुलाई 2025 : हरियाणा के नूंह जिले में दो नाबालिग लड़कों द्वारा समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन का AI टेक्नोलॉजी की मदद से डीपफेक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करने का मामला सामने आया है। ये वीडियो फेसबुक पर फेक अकाउंट से डाला गया था और कुछ ही घंटों में वायरल हो गया।
मामला कैसे खुला?
वीडियो जब सांसद इकरा हसन तक पहुंचा तो उन्होंने मामले की तह तक जाने का फैसला लिया। जांच में सामने आया कि वीडियो नूंह के फिरोजपुर झिरका इलाके के आमका गांव में रहने वाले दो लड़कों ने बनाया था। इकरा हसन ने नूंह की कांग्रेस महिला जिला अध्यक्ष रजिया बानो को फोन कर इसकी जानकारी दी।

पंचायत में खुली पोल
रजिया बानो रात में ही सामाजिक संगठनों के साथ आमका गांव पहुंचीं। पंचायत बुलाई गई। दोनों लड़कों ने कबूल किया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए AI से वीडियो बनाया और इकरा मुनव्वर हसन नाम से फेक अकाउंट बनाकर पोस्ट किया। पंचायत में कान पकड़कर माफी मंगवाई गई, साथ ही रजिया बानो ने थप्पड़ भी जड़ा।
सांसद ने क्या कहा?
सांसद इकरा हसन ने इस हरकत को “मेवात की बहन-बेटी का अपमान” बताया और कार्रवाई की बात कही। हालांकि, एडवोकेट और पंचायत के माफीनामे के बाद उन्होंने दोनों नाबालिगों को माफ कर दिया।
डीपफेक टेक्नोलॉजी क्या है?
Deepfake तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग से तैयार की जाती है, जिसमें किसी भी इंसान की आवाज़, चेहरा और हावभाव को असली वीडियो में मिलाकर फर्जी वीडियो बनाया जाता है। यह तकनीक अब इतनी सहज हो गई है कि कोई भी मोबाइल पर भी बना सकता है।
भारत में Deepfake के खिलाफ कानून:
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Deepfake वीडियो बनाना और फैलाना आईटी एक्ट 66E, 67A और IPC की धारा 509 के तहत अपराध है।
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पीड़ित या उसका प्रतिनिधि FIR दर्ज करा सकता है।
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को 24 घंटे में वीडियो हटाना होगा और आरोपी का अकाउंट स्थायी रूप से ब्लॉक करना होगा।






