सिरसा के घग्गर नदी ओवरब्रिज में उद्घाटन से पहले चोरी की बड़ी वारदात: स्पोर्टिंग प्लेट और रोलिंग टायर हुए चोरी, पेयजल योजना पर लगा ब्रेक

सिरसा के घग्गर नदी ओवरब्रिज में उद्घाटन से पहले चोरी की बड़ी वारदात: स्पोर्टिंग प्लेट और रोलिंग टायर हुए चोरी, पेयजल योजना पर लगा ब्रेक
भूमिका: विकास से पहले विघ्न
हरियाणा के सिरसा जिले में एक बड़ी और हैरान करने वाली चोरी की घटना सामने आई है जिसने ना केवल पुलिस प्रशासन को सतर्क कर दिया है बल्कि शहर की पेयजल योजना को भी ठप कर दिया है। सिरसा में घग्गर नदी पर खेरकां गांव के पास बन रहे ओवरब्रिज से उद्घाटन से पहले ही भारी-भरकम स्पोर्टिंग प्लेट्स और रोलिंग टायर चोरी कर लिए गए हैं। इस चोरी की घटना ने न केवल जन स्वास्थ्य विभाग के इस करोड़ों के प्रोजेक्ट को प्रभावित किया है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है।
घटना का विवरण: सेंध से पहले रेकी का अंदेशा
सिरसा के खेरकां गांव के पास बने इस ओवरब्रिज पर चोरी की घटना रात्रि को अंजाम दी गई। यह पुल पंजुआना जलघर से सिरसा शहर में पाइपलाइन के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की योजना का हिस्सा था। यह एक पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट का ₹3.25 करोड़ का प्रोजेक्ट है। ओवरब्रिज पर लगी स्पोर्टिंग प्लेट्स और रोलिंग टायर पुल की मजबूती और सुरक्षा के लिए लगाए गए थे, जिन्हें बड़ी चालाकी से चोर खोलकर ले गए।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह काम किसी अकेले व्यक्ति का नहीं हो सकता, बल्कि एक संगठित गिरोह ने इस पूरी योजना के तहत इस वारदात को अंजाम दिया है। भारी प्लेटें, लोहे के मजबूत नट और सरिए को बिना शोर किए निकाल ले जाना, एक अच्छी योजना और पूर्व निरीक्षण का नतीजा हो सकता है।
क्या थे चोरी हुए सामान का महत्त्व?
स्पोर्टिंग प्लेट और रोलिंग टायर ओवरब्रिज की तकनीकी मजबूती के लिए जरूरी होते हैं। ये प्लेटें पुल के पिलर के दोनों ओर लगती हैं ताकि जंप या कंपन को कम किया जा सके। चोरी हुई प्रत्येक प्लेट की मोटाई 25 मिमी और वजन करीब 250 किलो है। इनके साथ लगे नट और सरिए भी हटाकर ले जाए गए, जो इस चोरी की गंभीरता को दर्शाता है।
प्रभाव: पेयजल आपूर्ति योजना पर ब्रेक
इस ओवरब्रिज का मुख्य उद्देश्य शहर में पानी की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन बिछाना था। सिरसा में पानी की समस्या लंबे समय से बनी हुई है और इसके समाधान के लिए पंजुआना जलघर से पाइपलाइन खींचने की योजना बनाई गई थी। इस योजना के तहत पाइपलाइन खेरकां गांव से होते हुए ओवरब्रिज के ऊपर से गुजरनी थी।
अब इस चोरी की घटना के बाद काम रुक गया है क्योंकि चोरी हुई प्लेटें अब दोबारा मंगवानी पड़ेंगी, और ठेकेदार के अनुसार इतनी मोटी और भारी प्लेटें आसपास कहीं उपलब्ध नहीं हैं। इन्हें लुधियाना से मंगवाना होगा, जिससे समय और लागत दोनों बढ़ेंगे।
पुल से आमजन को भी था फायदा
इस ओवरब्रिज से केवल पाइपलाइन ही नहीं, बल्कि खेरकां और आसपास के ग्रामीणों के लिए भी यह पुल एक राहत का जरिया बनने वाला था। इससे पहले लोगों को डबवाली रोड से होकर 1500 मीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती थी। पुल से न केवल पीने के पानी की आपूर्ति होती, बल्कि आवागमन में भी आसानी होती।
प्रशासन और पुलिस की भूमिका
घटना की जानकारी मिलते ही ठेकेदार कर्ण सिंह ने सदर थाना पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपियों का पता लगाया जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस द्वारा घटनास्थल का मुआयना भी किया जा चुका है।
ठेकेदार का बयान: गिरोह पर शक
ठेकेदार कर्ण सिंह, जो आदमपुर के कालीरावण गांव के निवासी हैं, ने बताया कि पुल का कार्य लगभग पूरा हो चुका था और उद्घाटन की तैयारियां चल रही थीं। उन्होंने यह भी बताया कि इतनी मोटी प्लेटें स्थानीय स्तर पर उपलब्ध नहीं हैं और इन्हें बाहर से मंगवाना पड़ेगा, जिससे काम में देरी होगी।
उन्हें आशंका है कि चोरी की यह घटना पूर्वनियोजित थी और इसमें किसी गिरोह का हाथ हो सकता है जिसने पहले रेकी की होगी। ठेकेदार ने पुलिस को पूरी जांच में सहयोग देने की बात कही है।
सवालों के घेरे में सुरक्षा व्यवस्था
सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतने महंगे और भारी उपकरणों की सुरक्षा के लिए कोई रात्रि प्रहरी या कैमरा क्यों नहीं था? अगर कोई निगरानी प्रणाली होती तो शायद चोरों की पहचान जल्दी हो पाती और चोरी रोकी जा सकती थी। यह घटना जन स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है कि करोड़ों के प्रोजेक्ट की सुरक्षा के लिए क्या पर्याप्त उपाय किए गए थे?
स्थानीय जनता की चिंता
घटना के बाद स्थानीय निवासियों में रोष है। वे पहले से ही पानी की किल्लत झेल रहे हैं और अब इस चोरी के कारण परियोजना में और देरी होने की आशंका है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को ठोस कदम उठाकर जल्द से जल्द चोरी में शामिल आरोपियों को पकड़ना चाहिए और परियोजना को समय पर पूरा करना चाहिए।




