सिरसा में नाबालिग से कुकर्म: पुजारी दोषी करार, 6 साल बाद कोर्ट में साबित हुआ अपराध; कल सुनाई जाएगी सजा

सिरसा: हरियाणा के सिरसा जिले में नाबालिग लड़के के साथ कुकर्म के मामले में मंदिर के पुजारी बाबा रमनगिरी को अदालत ने दोषी करार दे दिया है। यह फैसला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. नरेश कुमार सिंघल की अदालत ने सुनाया है। दोष सिद्ध होने के बाद अब मंगलवार को दोषी को सजा सुनाई जाएगी।
यह मामला वर्ष 2020 का है और लगभग 6 साल की न्यायिक प्रक्रिया के बाद अब जाकर पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद दिखाई दी है।
सरकारी वकील अमित मेहता ने बताया कि बाबा रमनगिरी ने 1 अप्रैल 2020 को गांव के शेरावाली माता मंदिर में एक नाबालिग लड़के को अपनी कोठड़ी में ले जाकर उसके साथ जबरन कुकर्म किया। आरोपी ने बच्चे को जान से मारने की धमकी भी दी ताकि वह यह बात किसी को न बता सके।
2 अप्रैल को जब बच्चा घर पर गुमसुम और भयभीत बैठा था, तो परिजनों ने उस पर विश्वास के साथ पूछताछ की। तब उसने डरते-डरते पूरी घटना अपने माता-पिता को बताई। इसके बाद परिजनों ने थाने में शिकायत दी और मामला दर्ज हुआ।
पुलिस ने जब आरोपी पुजारी बाबा रमनगिरी को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो उसने कबूल किया कि उसने बच्चे से पहले मंदिर की सफाई करवाई और फिर बहला-फुसलाकर उसे कोठड़ी में ले जाकर गलत काम किया। इस दौरान मंदिर में कोई अन्य व्यक्ति मौजूद नहीं था।
जानकारी के अनुसार, दोषी बाबा रमनगिरी मूल रूप से पंजाब के मोगा मंडी का रहने वाला है और हाल के वर्षों में सिरसा के डिंग स्थित शेरावाली माता मंदिर में पुजारी के रूप में सेवाएं दे रहा था। पुलिस ने आरोपी के सहयोगी चेले संतोष गिरी को भी गिरफ्तार किया था।
कोर्ट ने बाबा रमनगिरी को दोषी ठहराते हुए सजा तय की है। इस मामले में POCSO एक्ट और IPC की संबंधित धाराओं के अंतर्गत सख्त सजा की संभावना जताई जा रही है।




