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Saturday, November 8, 2025

हत्या या षड्यंत्र? फतेहाबाद में युवक की रहस्यमयी मौत ने खोले कई सवाल

फतेहाबाद में अस्पताल में शव लेकर पहुंची पुलिस। - Dainik Bhaskar
                                      फतेहाबाद में अस्पताल में शव लेकर पहुंची पुलिस।

हत्या या षड्यंत्र? फतेहाबाद में युवक की रहस्यमयी मौत ने खोले कई सवाल 

फतेहाबाद (हरियाणा) — हरियाणा के फतेहाबाद जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। गांव फूलां के रहने वाले 38 वर्षीय अशबीर की लाश 9 अप्रैल को एक सूखी पड़ी नहर से बरामद हुई। इस रहस्यमयी मौत ने न सिर्फ स्थानीय प्रशासन बल्कि आम लोगों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या यह सिर्फ एक पारिवारिक झगड़े का दुखद अंत है, या फिर ज़मीन हड़पने के लिए रचा गया एक सोचा-समझा षड्यंत्र?

घटना की पृष्ठभूमि: कौन था अशबीर?

अशबीर गांव फूलां का निवासी था और अपने बड़े भाई राजेश उर्फ घोना व भाभी लक्ष्मीना के साथ खेत में बने मकान में रहता था। दोनों भाई शराब पीने के आदी थे और अक्सर आपस में झगड़ा करते रहते थे। अशबीर अविवाहित था, जबकि उसका भाई विवाहित है। परिजनों के अनुसार दोनों के नाम लगभग साढ़े चार एकड़ जमीन है।

देवेंद्र कुमार, जो मृतक अशबीर का चचेरा भाई है, ने इस पूरे मामले में अहम भूमिका निभाई है। देवेंद्र ने ही पुलिस को सूचना दी कि अशबीर की मौत सामान्य नहीं बल्कि एक साजिशन हत्या है, जिसमें उसके भाई और भाभी की मुख्य भूमिका है।

8 अप्रैल की रात: झगड़ा और रहस्यमयी ग़ायब होना

देवेंद्र ने बताया कि 8 अप्रैल की रात अशबीर और उसके भाई-भाभी के बीच झगड़ा हुआ था। अगले दिन जब वह खेत पर गया तो अशबीर से मिलने उनके मकान पर पहुँचा। वहाँ केवल राजेश मिला, जिसने बताया कि अशबीर कल रात से घर नहीं लौटा। देवेंद्र को राजेश के बात करने के तरीके पर शक हुआ और वह अशबीर की तलाश में जुट गया।

9 अप्रैल को नहर से मिली लाश

अशबीर की खोज के दौरान देवेंद्र को जानकारी मिली कि फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में एक अज्ञात शव रखा गया है। जब वह वहां पहुँचा तो शव की पहचान अशबीर के रूप में हुई। पुलिस ने बताया कि यह शव 9 अप्रैल की दोपहर एक सूखी नहर में पड़ा मिला था। उस समय शव की पहचान नहीं हो पाई थी, इसलिए उसे अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया था।

शरीर पर चोट के निशान, जलने के लक्षण भी

देवेंद्र के अनुसार, शव की जांच के दौरान यह पाया गया कि अशबीर के दाहिने पैर और हाथों की उंगलियों पर चोट और रगड़ के निशान थे। सबसे खास बात यह रही कि उसके बाएं पैर का पंजा जला हुआ प्रतीत हो रहा था। इससे यह अंदेशा और मजबूत हो गया कि मौत से पहले अशबीर के साथ मारपीट की गई थी।

परिजनों का आरोप: जमीन के लिए की गई हत्या

देवेंद्र ने सीधे तौर पर अशबीर के बड़े भाई राजेश और भाभी लक्ष्मीना पर हत्या का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि राजेश पहले ही अपनी हिस्से की जमीन बेच चुका था और अब अशबीर की जमीन पर कब्जा करना चाहता था। चूंकि अशबीर अविवाहित था, इसलिए उसे रास्ते से हटाना आसान समझा गया।

देवेंद्र का यह भी कहना है कि लक्ष्मीना ने इस पूरी साजिश में अपने पति का साथ दिया और दोनों ने मिलकर अशबीर को मौत के घाट उतारा। यह केवल पारिवारिक विवाद नहीं बल्कि एक योजनाबद्ध हत्या का मामला है।

पुलिस की शुरुआती जांच: सवाल और संदेह

पुलिस के सामने कई अहम सवाल खड़े हैं:

  1. झगड़े की असली वजह क्या थी? – क्या यह सिर्फ आपसी कहा-सुनी थी या कुछ और?

  2. मौत की असली वजह क्या है? – चोट के निशान तो हैं, परंतु क्या ये जानलेवा थे?

  3. क्या वाकई यह हत्या थी? – पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा।

  4. क्या किसी तीसरे व्यक्ति की भूमिका है? – कहीं ऐसा तो नहीं कि किसी अन्य ने इस मौके का फायदा उठाया हो?

  5. क्या राजेश और लक्ष्मीना को फंसाया जा रहा है? – हो सकता है कि यह पूरी कहानी देवेंद्र की तरफ से बनाई गई हो, ताकि वह जमीन पर कब्जा कर सके।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार

फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। यही रिपोर्ट मामले की दिशा तय करेगी। अगर रिपोर्ट में मौत की वजह मारपीट या किसी बाहरी चोट को माना जाता है तो यह सीधा हत्या का मामला बनेगा। वहीं, अगर रिपोर्ट में प्राकृतिक कारण या दुर्घटना का ज़िक्र होता है, तो मामला पूरी तरह उल्टा भी हो सकता है।

पड़ोसियों और ग्रामीणों के बयान

गांव फूलां के कुछ ग्रामीणों का कहना है कि दोनों भाई अक्सर झगड़ा करते थे, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ था कि बात इतनी बढ़ जाए। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि अशबीर खुद कई बार शराब के नशे में नहर के किनारे घूमता था, इसलिए हो सकता है कि यह एक दुर्घटना हो। हालांकि, जलने के निशान और शरीर पर रगड़ से यह बात कमजोर पड़ जाती है।

पुलिस का बयान: हर एंगल से जांच जारी

फतेहाबाद पुलिस ने बताया है कि मामला बेहद संवेदनशील है और हर एंगल से जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि अभी किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है और राजेश व लक्ष्मीना से पूछताछ की जा रही है। जरूरत पड़ने पर उन्हें हिरासत में भी लिया जा सकता है।

अशबीर की जिंदगी और पारिवारिक स्थिति

गांव में रहने वाले लोग बताते हैं कि अशबीर शांत स्वभाव का था लेकिन शराब की लत ने उसकी ज़िंदगी को बिगाड़ दिया था। परिवार में माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी और उसके पास ज़िंदगी में बहुत कम लोग थे, जिन पर वह भरोसा कर सकता था।

आखिर सच्चाई क्या है?

अब सवाल यह है कि –

  • क्या यह वास्तव में जमीन के लिए रची गई साजिश है?

  • क्या अशबीर के अपने भाई ने ही उसे मौत के घाट उतारा?

  • या फिर यह एक दुर्घटनावश हुई मौत को हत्या का रूप देकर किसी और मकसद की पूर्ति का प्रयास है?

इन सारे सवालों का जवाब अब पुलिस जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ही दे सकती है। तब तक यह मामला रहस्य बना रहेगा।

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